पानी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि लोगों द्वारा पानी का संरक्षण नहीं किया जाता है और इसका दोहन किया जा रहा है। ढोने वाली मशीन जैसे ढोने वाली मशीन वाले लोग बहुत सारा पानी खर्च करते हैं, गाड़ियों को पूरे दिन धोया जाता है और उस पानी का दोहन किया जाता है। जिन अन्य चीजों पर पानी बर्बाद हो रहा है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए अन्यथा आने वाले समय में पानी की कमी हो सकती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को प्राचीन काल से संपत्ति का अधिकार नहीं मिला है, तो आज उन्हें संपत्ति का अधिकार कैसे दिया जायेगा। महिलाओं को शिक्षा या किसी अन्य पेशे में समान दर्जा दिया गया , लेकिन संपत्ति में अधिकार देने से एक विवादास्पद स्थिति पैदा होगी। महिलाओं को आत्मनिर्भर होने और संपत्ति की मांग करने के लिए शिक्षित होने की आवश्यकता है। जमीन का मालिक बनना भी उनके लिए बहुत परेशानी ला सकता है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से सरोज चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है की महिलाओं को सशक्त बना कर के ही लैंगिक असमानता को दूर किया जा सकता है। शिक्षा के माध्यम से ही महिलाओं को सशक्त बनाया जा सकता है।समाज में महिलाओं को आज बढ़ाने के लिए सभी वर्ग के लोगो को संगठित रूप से चलना होगा, तभी महिलायें सशक्त बन सकेंगी और देश के विकास में अपना योगदान दे सकेंगी।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से अलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की जागरूकता के माध्यम से लैंगिक असमानता को दूर किया जा सकता है। लैंगिक असमानता अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में ही देखी जाती है। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जाता है की अभिभावक अपने बच्चियों को स्कूल के किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने से मना करते है। ऐसे मानसिकता को जागरूकता के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है

उत्तप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की महिलाओं के विकास के लिए उन्हें संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए। शिक्षा के माध्यम से महिलाओं को जागरूक किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी काफी महिलायें शिक्षा से काफी दूर है। अशिक्षित होने के कारण महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं होती है और वे अपने अधिकारों से वंचित रह जाती है

उत्तप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की महिलाओं को भी संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए।महिलाओं के अधिकारों का हनन नहीं किया जाना चाहिए, तभी वे समाज में आगे बढ़ सकेंगी। उन्हें भी अपने हक़ का अधिकार मिलना चाहिए और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना होगा

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है यहां अधिक लोग कृषि से जुड़े रहते हैं।नौकरी पेशा में बहुत कम लोग हैं और खेती बाड़ी में सभी आश्रित हैं। ऐसे में अगर महिलाओं के नाम पर भूमि रहता है तो उन्हें अपने जीवन जीने में परेशानी नहीं होता। महिलाओं को अपने हक़ के लिए लड़ने में सहायता मिलती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं के लिए संपत्ति का अधिकार जरूरी है। संपत्ति का अधिकार महिलओं को नहीं रहेगा तो उनके लिए काफी दिक्कत होती है। जैसा की संविधान में भी लागु किया गया है कि महिलाओं को भी संपत्ति का अधिकार मिले। सरकार द्वारा लागू किया गया है लेकिन कुछ बाधाएं आ रही हैं। इसके चलते महिलायें अपने संपत्ति के अधिकार से वंचित रह रही हैं। आगे पीछे देखा जायें तो कमियां नज़र आ जाती हैं। शिक्षा की कमी के कारण महिलायें अपने अधिकार के बारे में नहीं जानती हैं। जबकि महिला ही देश की वह कर्णधार हैं जो एक बच्चे को जन्म देती हैं और वह बच्चा देश का नागरिक होता है और देश पर शासन करता है।लेकिन उसकी माँ को यह जानकारी नहीं होती की उनका क्या अधिकार है। महिलायें जब सशक्त होगी तभी वे एक सशक्त बच्चे को जन्म देंगी। और देश आगे बढ़ेगा ।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर जिला से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जागरूकता की कमी के कारण आज भी महिलाओं को अपने अधिकारों के बारे में पता नहीं है, महिलाओं को जागरूक करना सबसे महत्वपूर्ण है कि सरकार द्वारा कौन सी योजनाएं चलाई जानी चाहिए। चुनाव के समय नेता बड़ी-बड़ी चीजें लेकर चले जाते हैं और भोली-भाली जनता को अपना शिकार बनाते हैं। वोट देने के बाद वे पांच साल तक पीछे मुड़कर नहीं देखते। इसलिए जनता को भी अपने अधिकारों की मांग करनी चाहिए, महिलाओं को भी अपने अधिकारों के लिए एकजुट होना चाहिए और किसी के लालच में आए बिना मतदान करना चाहिए। साथ ही महिलाओं के लिए शिक्षा होना आवश्यक है और जब शिक्षा होगी तो लोग जागरूक होंगे कि शिक्षा के बिना कोई काम नहीं किया जा सकता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को अधिकार दिए गए हैं ताकि महिलाएं अपने अधिकारों की मांग कर सकें। महिलाओं की तुलना पुरुषों से की गई है। महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए सभी कानूनी प्रावधान किए गए हैं, लेकिन आज भी महिलाएं इसकी शिकार हो रही हैं, लेकिन इसके बावजूद भारतीय महिलाओं की स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। यह भी देखा गया है कि महिलाओं की स्थिति के कारण उन्हें अपने अधिकारों के बारे में पता भी नहीं है, जिसका मुख्य मुद्दा शिक्षा भी माना जाता है। भारत का संविधान और महिलाओं को उनके अधिकार देने के लिए समय पर सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय भी माना जाता है। नियमों के कानून बनाए जाते हैं लेकिन नियमों और कानूनों की जानकारी की कमी के कारण महिलाएं अपने अधिकारों की मांग नहीं कर पाती हैं। महिलाओं को भी संपत्ति का अधिकार दिया गया है और बेटे-बेटियों को भी नौकरी का अधिकार है। आज जो भी अधिकार दिया गया है, वह महिलाओं को अभी भी पूरी तरह से नहीं मिल रहा है। महिलाओं को भी पुरुषों के समान नौकरी में वेतन पाने का अधिकार है, लेकिन महिलाओं को इसकी जानकारी नहीं है।