उत्तरप्रदेश राज्य के जिला संत कबीर नगर से 20 वर्षीय श्रुति उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि तनाव और डिप्रेशन दोनों ही मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियां हैं लेकिन इनके बिच कुछ महत्वपूर्ण अंतर् हैं।तनाव एक स्थायी प्रक्रिया है जो किसी विशेष स्थिति या घटना के प्रति होती है।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता से हुई।श्रोता यह बताना चाहते हैं कि मानसिक सावस्थ्य का असर लोगों के शरीर पर भी पड़ता है। मानसिक सावस्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य आपस में जुड़े हुए हैं और एक दूसरे के पूरक हैं
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला संत कबीर नगर से 33 वर्षीय नूतन उपाध्याय की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता से हुई।श्रोता यह बताना चाहते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य का मतलब होता है भावनात्मक रूप से मस्तिष्क का स्वस्थ रहना।यह बताता है कि व्यक्ति कैसे सोचते हैं,कैसे महसूस करते है ,क्या कार्य करते है और यह लोगों के जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित करता है। जैसे की तनाव को संभालना,दूसरों से जुड़ना और निर्णय लेना।संक्षेप में मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसी स्थित है जिसमें व्यक्ति अपने जीवन के तनाव का सामना करने की, अपनी क्षमता का एहसास करने की और समुदाय में योगदान करने का सक्षम होता है।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला संत कबीर नगर से आशुतोष उपाध्याय की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता से हुई।श्रोता यह बताना चाहती हैं कि मानसिक स्वास्थ्य का मतलब होता है भावात्मक,मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति। यह बताता है कि लोग कैसे सोचते हैं ,महसूस करते हैं और कार्य करते हैं।
हमारे आसपास ऐसे कौन कौन सी परिस्थिति देखने को मिलती है जो एक ब्यक्ति को अवसाद ग्रस्त कर सकती है और अगर आपके किसी अपने में आज के कड़ी में बताये गए लक्षणों में से कोई लक्षण देखने को मिले तो सबसे पहला कदम आप क्या उठाएंगे ? इस तनाव भरी ज़िन्दगी में बच्चो और युवाओं को मानसिक तौर पर मज़बूत बनाने और अवसाद की स्थिति से दूर रखने के लिए माता पिता व परिवार के दूसरे सदस्यों की क्या भूमिका है ?
गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू धान की नर्सरी में दवा और खाद का प्रयोग कब और कैसे करना चाहिए इसके सम्बन्ध में जानकारी दे रहें हैं।
उत्तरप्रदेस राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि लोगों का मेंटल हेल्थ ठीक रहना जरूरी है और इसके संबंध में लोगों को जागरूक करना भी जरूरी है क्योंकि अगर लोगों का मानसिक हेल्थ अच्छा नहीं रहता है तो वे पागलपन और चिड़चिड़ापन महसूस करने लगते हैं।सरकार का भी दायित्व है कि मेंटल हेल्थ के लिए अलग से एक कानून बनाया जाए और गांव क्षेत्रों में भी इसके चिकित्सक रखा जाए क्योंकि मेंटल हेल्थ के चिकित्सक बड़े- बड़े शहरों में रहते हैं।छोटे शहरों कस्बों में नहीं रहते हैं।जिसके चलते बीमारी ग्रस्त लोगों को काफी परेशानी होती है।इसलिए मेंटल हेल्थ के बारे में सरकार को कदम उठाना चाहिए।
बुलिंग का सामना करना कोई आसान काम नहीं होता हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो इसका शिकार है क्या आपने या आपके किसी जानने वाले ने कभी अपने जीवन में बुलिंग का सामना किया है ? आखिर क्या वजह है कि हमारे समाज में बुलिंग जैसी समस्या मौजूद है और लोग इस समस्या से जूझने के लिए मजबूर होते हैं ? अगर कोई व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है तो ऐसी स्थिति में वह खुद को इससे बाहर निकालने के लिए क्या कर सकते हैं ? और बुलिंग जैसी समस्या को समाज से मिटाने के लिए सामुदायिक स्तर पर किस तरह की पहल की जा सकती ?
गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू उन्नत विधि से धान की खेती और बिचड़ा के हैंडलिंग की जानकारी दे रहें हैं।
आज के समय में लोगो आख़िरकार इतने ज़्यादा अकेलेपन का शिकार क्यों हो जाते है ? वे कौन से वजह होते हैं कि लोग साथ साथ होते हुए भी अपनी मन की बात एक दूसरे तक नहीं पहुचा पते है ? अपने परिवार और अपनों को इस अकेलेपन से दूर रखने के लिए आप अपने स्तर पर क्या करना चाहेंगे ?