उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अशोक पाठक से साक्षात्कार लिया। अशोक पाठक ने बताया कि पैतृक संपत्ति पे बेटियों का अधिकार उतना ही होता है जितना बेटों का होता है। पिता का पुत्र और पुत्री दोनों संतान होती है। इसमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए। बेटियों को अधिकार देने से उनका मनोबल बढ़ेगा एवं उनकी आर्थिक स्थिति में वृद्धि होगी। अगर उन्हें ससुराल पक्ष में कोई समस्या होगी, तो वे पिता से मिली संपत्ति से अपनी आजीविका चला पाएंगी।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से अंकिता यादव से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि पैतृक संपत्ति में उत्तराधिकारियों को जन्म के समय विरासत का अधिकार मिलता है, इससे पहले संयुक्त हिंदू परिवार में केवल पुरुष उत्तराधिकारियों को ही विरासत का अधिकार मिलता था । हिंदू उत्तराधिकार संशोधन अधिनियम, दो हजार पाँच में, धारा छह में संशोधन करके, बेटियों के लिए सभी सह-आंशिक अधिकार प्राप्त किए गए हैं। उनका कहना है विरासत के अधिकार पर पैतृक संपत्ति में बेटियों को हिस्सा मिलना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से सुश्का उपाध्याय से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि पैतृक सम्पत्ति में अगर भाई है तो बेटियों का अधिकार नहीं होता है अगर बेटा नहीं है तो बेटियों का अधिकार होता है। साथ ही माँ बाप की सेवा जो करेगा यदि बेटे नहीं हैं तो उनकी सेवा बेटियां ही करेंगी। उनका कहना है माँ बाप शादी विवाह कर देते हैं ,पढ़ाते लिखाते हैं इसमें माता-पिता का योगदान रहता है, अगर कोई बेटा नहीं है तो बेटी माता पिता का पालन-पोषण कर सकते हैं। उनका कहना है बेटी बेटा एक समान हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से लोकनाथ यादव से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को भूमि अधिकार देना अनुउचित है इससे भाई-बहन के रिश्ते में दरार पैदा हो सकता है। सत्तर प्रतिशत लोग मुकदमे के दायरे में आ जायेंगे , इससे नुकसान हो सकता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से अनीता से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि पैतृक संपत्ति में बेटियों को हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। उन्हें पढ़ाया लिखाया जाता है ,दान दहेज देकर शादी किया जाता है। उनका अधिकार ससुराल में होना चाहिए ना कि मायके में। बेटा के ना रहने पर माँ बाप की सेवा करने पर बेटियों को अधिकार मिलता है जैसे बेटे माँ बाप की सेवा करते हैं तो उन्हें सम्पत्ति का अधिकार मिलता है। बेटा बेटी एक समान हैं लेकिन बेटियां जहाँ जायँगी वहां हिस्सा मिलेगा ही और बेटा जिसे ब्याह कर लाएगा उसे हिस्सा देना ही होगा। भाई का हिस्सा लेने से भाई बहन के रिश्ते में दरार जाएगा उनके रिश्ते में खटास हो जाएगा

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से अंकिता यादव से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि पिता की सम्पत्ति में बेटियों को अधिकार नहीं मिलना चाहिए बेटे ना हो और माँ बाप की सेवा करेंगे ध्यान देंगे तो बेटियों को हिस्सा मिलना चाहिए। माँ बाप पढ़ाते लिखाते हैं , शादी विवाह करते हैं दान दहेज देकर। किसी को इंजीनियर किसी को डॉक्टर बनाते हैं.

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से शिवांगी यादव से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि बेटे ना हो और माँ बाप की सेवा करेंगे ध्यान देंगे तो बेटियों को हिस्सा मिलना चाहिए। माँ बाप पढ़ाते लिखाते हैं , शादी विवाह करते हैं दान दहेज देकर। इसलिए उनका हिस्सा ससुराल में होना चाहिए।भाई को इंजीनियर डॉक्टर बनाते हैं माँ बाप का सहारा बनते हैं। भाई के रहने पर हिस्सा नहीं ले सकते भाई नहीं है तो हिस्सा ले सकते हैं नहीं तो भाई बहन के रिश्ते में दरार आ जाएगा खटास आ जाएगा

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से शिवम यादव से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि अगर बेटी को हिस्सा मिलता है, बेटी को हिस्सा कब मिलना चाहिए, जब बेटा नहीं रहता है, तो बेटी को हिस्सा मिलना चाहिए, अगर वे अपने माता-पिता की सेवा करते हैं, तो बेटी को हिस्सा मिलना चाहिए। बेटियाँ अपने माता-पिता द्वारा सिखाई जाती हैं, उन्हें नौकरी मिलती है, शादी भी करते हैं बेटे नहीं हैं, बेटियों के लिए हिस्सा पाने का पूरा मतलब यह है कि उनके पास अधिकार हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से रिंकी यादव से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि बेटियों को पिता की सम्पत्ति में हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। यदि बेटे हैं तो बेटों को हिस्सा मिलना चाहिए क्यूंकि भाई माता पिता की सेवा करते हैं उनका साथ देना चाहिए। माता पिता बेटियों को पढ़ाते लिखाते हैं ,शादी विवाह भी करते हैं दान दहेज़ भी देते हैं विदा भी करते हैं। बेटे अगर हैं तो बेटियों को हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। शादी के बाद उनको ससुराल में हिस्सा मिलेगा। बेटियां अगर हिस्सा लेती हैं तो रिश्ते में दरार पड़ सकता है रिश्ते में खटास आ जाती है

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से रवि कुमार से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलााओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए। लेकिन यह अनुचित भी है इससे भाई बहन के रिश्ते में दरार भी आ सकता है