उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सुशीला से बातचीत की। सुशीला का कहना है कि पैतृक संपत्ति में बेटियों को हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। क्योंकि माता पिता बेटियों का शादी विवाह कर देते हैं। पढ़ाते लिखाते हैं दान दहेज़ देते हैं तो ऐसे में बेटियों को ससुराल में हिस्सा मिलना चाहिए। यदि बेटे नहीं हैं तो बेटियां हिस्सा ले सकते हैं लेकिन उन्हें अपने माता पिता की देखभाल करनी होगी उनकी सेवा करनी होगी। तभी उन्हें पिता की संपत्ति में हिस्सा मिल सकता है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से उर्मिला से बातचीत की। उर्मिला का कहना है कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। माता-पिता पढ़ा लिखा कर शादी करते हैं किसी को डॉक्टर किसी को इंजिनियर बनाते हैं इसलिए बेटियों का ससुराल में हिस्सा बनता है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रोता से बातचीत की। श्रोता ने बताया कि महिलाओं को संपत्ति में अधिकार केवल एक जगह मिलना चाहिए क्योंकि यदि महिला को पिता की सम्पत्ति में हिस्सा मिलेगा और ससुराल में भी मिलेगा लेकिन भाइयों को ससुराल में हिस्सा नहीं मिल सकता है। इसलिए महिलाओं को केवल एक जगह ही संपत्ति मिलना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी  ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रोता से साक्षात्कार लिया। उन्होंने बताया कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए, अगर पिता के पुत्र संतान नहीं है तो बेटियों को पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए। अगर बेटी की शादी हो जाती है तो उन्हें पैतृक संपत्ति में हिस्सा नहीं मिल सकता है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी  ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कुछ लोगों का मानना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने से महिलाएं सशक्त होंगी, जबकि कुछ महिलाओं और पुरुषों का मानना है कि संपत्ति का अधिकार लेने से भाई बहन के रिश्ते में दरार आएगी। जबकि महिला वर्ग भी इसमें पीछे दिख रहा है। इसके लिए जरुरी यह है की जागरूकता अभियान चलाया जाये। शिक्षा की भी आवश्यकता है कि जब तक महिलाएं शिक्षित नहीं होतीं, तब तक महिलाओं को समाज में समान हिस्सा नहीं मिल पाएगा। सरकार का कहना है की महिलाओं को पुरुषो के बराबर हिस्सा दिया गया है , लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। संपत्ति के अधिकार देने में अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रतिक कुमार से साक्षात्कार लिया। प्रतिक कुमार ने बताया कि पैतृक संपत्ति में महिलाओं को भी हिस्सा मिलना चाहिए। शादी से पहले बेटियों का अधिकार पिता की संपत्ति में होता है और शादी के बाद उनका अधिकार पति की संपत्ति में होता है। अगर कोई बेटी शादी के बे बाद पैतृक संपत्ति में अपना अधिकार जताती है तो इससे मायके और ससुराल के बीच संबंध ख़राब हो सकता है। भाई बहन के रिश्ते में खटास आ सकती है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी  ने मोबाइल वाणी के माध्यम से  सुकांत चौधरी से साक्षात्कार लिया। सुकांत चौधरी ने बताया कि महिलाओं को सोच विचार का पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा लेना चाहिए। ऐसा करने पर भाई - बहन के रिश्ते में दरार आ सकती है। महिलाओं को पति की सम्पत्ति में हिस्सा लेना चाहिए। पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा नही लेना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी  ने मोबाइल वाणी के माध्यम से  संजू से साक्षात्कार लिया। संजू  ने बताया कि

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शहनाज़ खातून से साक्षात्कार लिया। शहनाज़ खातून ने बताया कि बेटियों को ससुराल में सम्पत्ति का अधिकार मिलना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से नितिन बाबू से बातचीत की। नितिन बाबू का कहना है कि संपत्ति में बेटियों को भी हिस्सा मिलना चाहिए। बेटी बेटा सब एक समान होते हैं। जो बेटे करते हैं बेटियां भी कर सकती हैं