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नए हिट एंव रन कानून के विरोध में ड्राईवरों की हड़ताल से सिवान मुख्यालय सहित पूरे जिले में चक्का जाम की स्थिति बनी हुई हैं चालकों के प्रदर्शन कर नए कानून का विरोध किया. जिसका असर पूरे सीवान जिले पर देखने को मिला. हिट एंड रन केस के नए प्रावधान को लेकर ट्रांसपोर्ट नगर व्यापारी एसोसिएशन ने केंद्र सरकार की ओर से लागू नए प्रावधान को लेकर नाराजगी जताई और विरोध में प्रदर्शन भी किया. सरकार से इस प्रस्तावित कानून पर पुनः विचार करने की मांग की गई. केंद्रिय मंत्रिमंडल ने वाहन से दुर्घटना होने पर चालक को 10 वर्ष का कारावास और पांच लाख अर्थदण्ड वसूलने के नए प्रावधान के विरोध में आल इंडीया मोटर ट्रांसपोर्ट यूनियन कांग्रेस ने तीन दिनी देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया हैं.सुबह से ही ड्राईवरों ने वाहन को चौक चौराहों पर खड़ा कर सभी मुख्य मार्गों को जाम कर दिया. और मोदी सरकार कला कानून वापस लो तथा मुर्दाबाद के जमकर नारे लगे. वहीइस विरोध प्रदर्शन से बाहर से आने वाले यात्री भी परेशान रहे.

हसनपुरा हिट एंड रन के नए कानून के खिलाफ मंगलवार को चालकों ने हसनपुरा स्थित टैक्सी स्टैंड के समीप सीवान सिसवन मुख्य पथ पर इकट्ठा होकर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन करने लगे। चक्का जाम होने से घंटों राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस दौरान चालक राजा, पप्पू, मनीष, अकरम, नेयाज सहित अन्य का कहना है कि अब तक हिट एडं रन केश में दो साल की सजा का प्रावधान था। बेल भी मिल जाता था, लेकिन नये कानून के तहत 10 साल की सजा व 7 लाख जुर्माना का प्रावधान किया गया है। अपितु यह कानून सभी प्रकार के यानी दो पहिया से कार, ट्रक, ट्रैक्टर, टैंकर जैसी वाहनों के चालकों पर लागू होता है। जिससे सरकार के प्रति सभी चालकों में नराजगी व्याप्त है। वहीं बीडीओ राजेश्वर राम, सीओ प्रभात कुमार व थानाध्यक्ष अजय कुमार के संयुक्त रुप से हस्तक्षेप के बाद जाम हटा। इस दौरान थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि जो भी बिना लाइसेंस के वाहन चला रहे है और इस विरोध प्रदर्शन में शामिल है। वह मेरे नजर में क्रिमिनल है। तीन घंटे तक परेशान दिखे यात्री चालकों के विरोध प्रदर्शन के बाद करीब तीन घाटे यथा 8 से 11 बजे तक यात्री परेशान दिखे। अचानक से चालकों के विरोध के बाद सबसे ज्यादा परेशान सरकारी ड्यूटी करने वाले कर्मचारी, शिक्षक व स्कूल तथा कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राएं परेशान थे। जहां सभी ने अपने-अपने गंतव्य पथ के रास्ते पैदल जाते देखे गए। इस कड़ाके की ठंड में सबसे ज्यादा बीमार, बच्चे व बुजुर्ग थे। जो किसी तरह दर्द से करहाते ही अपने गंतव्य पथ के रास्ते जा रहे थे।