चतरा सदर थाना पुलिस ने 14 लाख रुपए ठगी करने वाले साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है। मामले में पुलिस ने पांच साईबर ठगों को गिरफ्तार करते हुए ठगी में प्रयुक्त लैपटॉप, मोबाइल और सीम समेत अन्य सामान जप्त किया गया है। गिरफ्तार अपराधियों में अरुण प्रजापति, सकेन्द्र कुमार, मिथुन कुमार प्रजापति, मोहम्मद फैजान व कुंदन कुमार शामिल है। इन साइबर ठगों की गिरफ्तारी चतरा वह हजारीबाग समेत झारखंड के अलग- अलग जिलों से हुई है। गिरफ्तार ठगों के पास से पुलिस ने ठगी में प्रयुक्त विभिन्न कंपनियों के 7 मोबाइल, एक लैपटॉप, तीन भारतीय स्टेट बैंक का पासबुक, एक एटीएम कार्ड, एक पैन कार्ड और एक आधार कार्ड बरामद किया गया है। मामले की जानकारी देते हुए आईपीएस शुभम खंडेलवाल ने बताया कि एसपी राकेश रंजन को प्रतिबिंब एप्प के माध्यम से गुप्त सूचना मिली थी कि एक युवक से सोशल साइट पर सब्सक्रिप्शन के नाम पर 14 लाख रुपये की ठगी हुई है। ऑनलाइन कम्प्लेन के आधार पर सदर थाना में सनहा दर्ज करते हुए एक छापेमारी दल का गठन किया गया। छापेमारी दल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन ठगी के आरोप में शिकायतकर्ता के द्वारा बताए गए मोबाइल नंबर को खंगालते हुए टेक्निकल टीम के सहयोग से ठगी करने वाले गिरोह के पांच साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया। साथ ही दो को निरुद्ध भी किया गया। गिरफ्तार ठगों ने मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार किया है। प्रशिक्षु आईपीएस ने बताया कि गिरोह में शामिल अन्य ठगों की गिरफ्तारी को लेकर निरंतर छापामारी अभियान चलाया जा रहा है। छापेमारी अभियान में पुलिस अवर निरीक्षक सुनील कुमार सिंह, मनोज कुमार पाल व श्रीराम कुमार पंडित समेत सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।

सरकारी संस्था आईसीएमआर के डाटाबेस में सेंध लगाकर चुराया गया 81 करोड़ लोगों का डाटा इंटरनेट पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। लीक हुए डाटा में लोगों के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी, पासपोर्ट, नाम, फ़ोन नंबर, पते सहित तमाम निजी जानकारियां शामिल हैं। यह सभी जानकारी इंटरनेट पर महज कुछ लाख रुपये में ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध है। इसे डाटा लीक के इतिहास का सबसे बड़ा डाटा लीक कहा जा रहा है, जिससे भारत की करीब 60 प्रतिशत आबादी प्रभावित होगी।

रोजगार सेवक ने की लाखों की ठगी