उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती से शीला देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गाँव में अभी भी पानी की टंकी नहीं है। जिसके कारण इस गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पाता है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती से सावित्री देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि नल-जल योजना का कार्य चल रहा है। जिसके कारण सड़कों की खुदाई कर दी गई है। इस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक सप्ताह से यह समस्या बनी हुई है। इससे संबन्धित अधिकारीयों को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए

कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

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उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिले के ग्राम रानीसेर की शिल्पा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की पानी का पापी बहुत दिनों से टुटा पड़ा है और उसे ठीक करने अभी तक कोई नहीं आया है

एडीआर संस्था ने अपनी एक और रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में राजनीतिक पार्टियों की कमाई और खर्च का उल्लेख है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे राजनीतिक पार्टियां अपने विस्तार और सत्ता में बने रहने के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करती हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे बड़े सत्ता धारी दल ने बीते वित्तीय वर्ष में बेहिसाब कमाई की और इसी तरह खर्च भी किया। इस रिपोर्ट में 6 पार्टियों की आय और व्यय के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआई एम और बीएसपी और एनपीईपी शामिल हैं। दोस्तों, *---- आपको क्या लगता है, कि चुनाव लडने पर केवल राजनीतिक दलों की महत्ता कितनी जरूरी है, या फिर आम आदमी की भूमिका भी इसमें होनी चाहिए? *---- चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई खर्च की सीमा के दायेंरें में राजनीतिक दलों को भी लाना चाहिए? *---- सक्रिय लोकतंत्र में आम जनता को केवल वोट देने तक ही क्यों महदूद रखा जाए?

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिले के मल्लीपुर से चिंतामणि पाठक ने बताया की उनके यहाँ रास्ता तो है लेकिन पानी निकलने के लिए नाला नहीं हैजिसकी वजह से बरसात का पानी रस्ते में भर जाता है

गिरन्ट में लगे 100 हैंडपंपों से नही निकल रहा पानी

देवरनिया मे नही बना विद्यालय का नया भवन एक साल पहले नीलामी हो जाने के बाद भी नहीं शुरू हुआ काम न ही बाउंड्रीबाल बनाई गई है जहरीले जिव जंतु का बना रहता है डर ,नए विद्यालय के साथ बाउंड्रीबाल बनाने की की गई मांग