उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अंजुम बानो से हुई। अंजुम बानो यह बताना चाहती है कि बेटियों को मायके में हिस्सा नहीं देना चाहिए । बेटियों को ससुराल में संपत्ति पर हिस्सा लेना चाहिए। अगर मायके में हिस्सा दिया जायेगा तो भाई और बहन में विवाद हो जायेगा।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सलमा खातून से हुई। सलमा खातून यह बताना चाहती है कि बेटियों को मायके में हिस्सा नहीं देना चाहिए । बेटियों को ससुराल में संपत्ति पर हिस्सा लेना चाहिए। अगर मायके में हिस्सा दिया जायेगा तो भाई और बहन में विवाद हो जायेगा।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से राधेबाबू से हुई। राधेबाबू यह बताना चाहते है कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा देंगे तो भाई और बहन में विवाद हो सकता है। बेटियों को ससुराल में संपत्ति पर हिस्सा लेना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से राजेश कुमार से हुई। राजेश कुमार यह बताना चाहते है कि महिलाओं को अपने घर पे हिस्सा नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे विवाद होगा। उनको पति के संपत्ति में हिस्सा दिया जाता है। महिलाओं को अपने ससुराल में संपत्ति पर हिस्सा लेना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से राज़िया खातून से हुई। राज़िया खातून यह बताना चाहती है कि मोबाइल वाणी के द्वारा मेरी जमीन मेरी आवाज़ कार्यक्रम में पैतृक संपत्ति में बेटियों को भी अधिकार मिलना चाहिए चलाई जा रही है। अगर वह पैतृक संपत्ति में बेटिओं को अधिकार देंगे तो घर में विवाद हो सकता है। इसीलिए वह बेटियों को जमीन में हिस्सा नहीं देंगे।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से आलोक प्रजापति से हुई। आलोक प्रजापति यह बताना चाहते है कि मोबाइल वाणी के द्वारा मेरी जमीन मेरी आवाज़ कार्यक्रम में पैतृक संपत्ति में बेटियों को भी अधिकार मिलना चाहिए चलाई जा रही है। अगर वह पैतृक संपत्ति में बेटिओं को अधिकार देंगे तो घर में विवाद हो सकता है। इसीलिए वह बेटियों को जमीन में हिस्सा नहीं देंगे

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमज़ान अली ,मोबाइल वाणी के माध्यम से राज से बातचीत कर रहे है। राज बताते है कि महिलाओं को अगर पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलेगा तो आगे चल कर परिवार में विवाद हो सकता है। भाई बहन का रिश्ता ख़राब हो सकता है। इसीलिए बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा देने के खिलाफ है राज

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव, मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 70 प्रतिशत महिलाओं की स्थिति फगुनिया और रूपवती की तरह ही है।पुरानी परंपरा और छोटी सोच अभी भी लोगों में व्याप्त है। महिलाओं को अगर जमीन का अधिकार दे भी दिया जाए तब भी महिला अपनी मालिकाना हक़ दिखाने में असक्ष्म रहती है क्योंकि वो अपने अनुसार उस जमीन पर कार्य नहीं कर पाती है। कानून के अनुसार महिलाओं के नाम जमीन रजिस्ट्री करने का प्रावधान है लेकिन पुरुष प्रधान देश इस पर यह नहीं सोचते है की इससे महिला का विकास होता है और वो सशक्त होती है । महिला के पास अधिकार रहने के बावजूद महिला अपनी आवश्यकता अनुसार उस जमीन पर बिना प्रधान पुरुष से पूछे कार्य नहीं कर सकती है। इसका कारण अशिक्षा ही है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमज़ान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहम्मद हुसैन से हुई। मोहम्मद हुसैन कहते है कि महिलाओं को भूमि अधिकार नहीं मिलना चाहिए। बहुत महिला ऐसी है जो अपने पति और बच्चों को छोड़ कर चले जाती है। अगर महिला ऐसा करती है और सरकार द्वारा संपत्ति का अधिकार पति या बच्चों तक दिया जाता है ,तब ही जाकर महिला को भूमि अधिकार मिलना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से रमजान अली ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक महिला से बातचीत किया। बातचीत के दौरान महिला ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में लड़कियों को 10वी, 12वी के बाद शिक्षा नहीं दी जाती है। उच्च शिक्षा देने के बजाय लड़कियों की शादी कर दी जाती है।ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की कमी का एक कारण विद्यालय का दूर होना भी है