उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से राजकुमार से हुई। राजकुमार कहते है कि आज परिवेश में बेटियों को जमीन में हिस्सा होना ज़रूरी है। इसको लेकर जागरूकता फ़ैलाने की ज़रुरत है। आज के युग में लोग शिक्षित हो कर होशियार हो गया है। बूढ़े माता पिता की अच्छी सेवा के लिए बेटियों को जमीन में अधिकार मिलना चाहिए,ऐसा होने से परिवार में डर भी रहेगा। अगर बूढ़े माँ पिता की सेवा नहीं हुई तो संपत्ति में अधिकार लेना सही नहीं होगा। ऐसे में बेटी ही संपत्ति में हिस्सा लेकर माता पिता की सेवा कर लेंगी। अगर बेटा माता पिता की सेवा करने को तैयार रहेगा तो बेटी संतुष्ट रह सकती है।
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद आरिफ की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से जरीना से हुई।जरीना कहते है कि महिलाओं को अधिक से अधिक पढ़ना चाहिए। पशुपालन ,सिलाई कढ़ाई का काम करना चाहिए जिससे वो आगे बढे
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद आरिफ की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सुनीता से हुई।सुनीता कहते है कि महिलाओं को अधिकार मिलने से उनका मनोबल बढ़ेगा। महिलाओं को हर कार्य में आगे लाना चाहिए
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद आरिफ की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से पंकज से हुई।पंकज कहते है कि महिलाऐं लोगों के सामने अपनी बात रखे उन्हें समझाए। उद्यमिता से जुड़े जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधर जाए। महिलाऐं इससे शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे सकती है
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद आरिफ की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से ज़ुबैर से हुई।ज़ुबैर कहते है कि महिलाओं को सबसे पहले शिक्षा प्रदान करना चाहिए जिससे वो हर बात को समझ पाए। समाज में जो कार्य होते है उसमे भागीदारी निभा कर नेतृत्व कर सके।
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमज़ान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अहमद रज़ा से हुई। अहमद रज़ा कहते है कि ये बेटा और बेटी को बराबर मानते है। बेटी को संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए लेकिन तब जब उनकी शादी नहीं हुई है। शादी के बाद बेटी का अधिकार पति के घर में होता है।
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमज़ान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कौशर अली से हुई। कौशर अली कहते है कि ये बेटा और बेटी को बराबर मानते है। बेटी को संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए लेकिन तब जब उनकी शादी नहीं हुई है। शादी के बाद बेटी का अधिकार पति के घर में होता है
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहम्मद अज़ीज से हुई। मोहम्मद अज़ीज कहते है कि ये बेटा और बेटी को एक सामान मानते है। जब तक बेटी की शादी नहीं होती है तो पैतृक संपत्ति में उनका हक़ है पर शादी के बाद बेटी का अधिकार उनके पति की संपत्ति में होता है।
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से पवन कुमार से हुई। पवन कहते है कि इनके नज़र में बेटा और बेटी एक सामान है। कानून अगर महिलाओं को पैतृक संपत्ति में अधिकारी मानता है तो पवन भी यह मानते है कि जमीन में महिला को अधिकार मिलना चाहिए
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से खुशवहा जी से हुई। खुशवहा जी कहते है कि बेटी को पैतृक संपत्ति में हिस्सा तो मिलना ही चाहिए पर आगे चल कर घर में बेटी के साथ बुरा बर्ताव न करे। जमीन में बेटी का हक़ है ,इस पर कानून भी है पर परंपरा यह नहीं है। परिवार वालों को जमीन में बेटी का जितना हिस्सा बनता है ,उतना इस्तेमाल कर के उनकी शादी अच्छे से कर देनी चाहिए ताकि वो भविष्य में सुखी रहे