उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से चन्द्रकान्ति शुक्ला ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रही है कि महिला अगर स्वावलम्बी होना चाहती है तो वो जमीन अधिकार ले सकती है। महिला के नाम भूमि हो जाए तो वो अच्छे से बच्चों का पालन कर सकती है।अगर महिला सोचती है की पैतृक संपत्ति में अधिकार लेने से उनका भाई से विवाद होगा तो वो जमीन अधिकार नहीं भी ले सकती है
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल चौधरी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से डॉ सिद्धार्थ से बात कर रहे है। ये कहते है कि महिलाओं को जमीन में अधिकार मिलना एक तरह से अच्छा भी है और एक तरह से बुरा भी। अगर महिला को जमीन मिल जाएगा तो आगे परिवार में विवाद उत्पन्न हो सकता है
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमज़ान की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सुनैना से हुई। सुनैना कहती है कि ये बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा देने के खिलाफ है। अगर बेटी को पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलेगा तो आगे चल कर भाई बहन में रिश्ता ख़राब हो सकता है
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से पिंकी श्रीवास्तव से हुई। पिंकी कहती है कि इन्हे अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम पसंद आया।कार्यक्रम से इन्हे प्रेरणा मिली। इन्हे भी अपने पिता की संपत्ति में अधिकार मिला है
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से विनोद कुमार श्रीवास्तव से हुई। विनोद कहते है कि इन्हे अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम पसंद आया। बहनों को पुरुषों के बराबर खड़ा होने का मौका दिया जाए। जिससे महिला अधिक से अधिक सशक्त महसूस कर सके। बेटों की तरह बेटियों को भी जमीन में बराबर का अधिकार दिया जाना चाहिए।
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमज़ान अली ,मोबाइल वाणी के माध्यम से राज से बातचीत कर रहे है। राज बताते है कि महिलाओं को अगर पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलेगा तो आगे चल कर परिवार में विवाद हो सकता है। भाई बहन का रिश्ता ख़राब हो सकता है। इसीलिए बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा देने के खिलाफ है राज
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमज़ान अली ,मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहम्मद फैज़ान से बातचीत कर रहे है। मोहम्मद फैज़ान बताते है कि इन्होने मोबाइल वाणी के कार्यक्रम अपनी जमीन अपनी आवाज़ को कई बार सुना। इनके मन में विचार आया कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा देना है। बेटियां किसी मामले में बेटो से कम नहीं है। हर सुख दुःख में बेटी परिवार का साथ देती है। जितना हिस्सा बेटो को भूमि में देंगे उतना ही बेटियों को भी देंगे ,इससे बेटियां सशक्त होने के साथ मज़बूत होगी।
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमज़ान अली ,मोबाइल वाणी के माध्यम से सचिन सोनकर से बातचीत कर रहे है। सचिन सोनकर बताते है कि इन्होने मोबाइल वाणी के कार्यक्रम अपनी जमीन अपनी आवाज़ को कई बार सुना। इनके मन में विचार आया कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा देना है। बेटियां किसी मामले में बेटो से कम नहीं है। हर सुख दुःख में बेटी परिवार का साथ देती है। जितना हिस्सा बेटो को भूमि में देंगे उतना ही बेटियों को भी देंगे ,इससे बेटियां सशक्त होने के साथ मज़बूत होगी
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमज़ान अली ,मोबाइल वाणी के माध्यम से शिवा से बातचीत कर रहे है। शिवा बताते है कि महिलाओं को अगर पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलेगा तो आगे चल कर परिवार में विवाद हो सकता है। भाई बहन का रिश्ता ख़राब हो सकता है। इसीलिए बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा देने के खिलाफ है शिवा
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द ,मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रकाश से बातचीत कर रहे है। प्रकाश बताते है कि इन्होने मोबाइल वाणी के माध्यम से बहुत कुछ सीखा ,इससे प्रेरणा मिली की जमीन में बेटियों को हिस्सा मिलना चाहिए। ये अपनी जमीन में बेटियों को हिस्सा देने का प्रयास करेंगे