उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से प्रियंका सिंह ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि भूमि लोगों की पहचान का एक महत्वपुर्ण साधन है ,उन साधनों पर जहाँ भूमि अधिकार मिलना सामान्य बात है। महिला को स्वतंत्र अधिकार न देना उन्हें एक व्यक्ति के रूप में अदृश्य बना देता है।इसी तरह यह सभी मौजूदा विरासत कानूनी बाइनरी भाषा में लिखा जाता है। यह समुदाय के लिए उन्हें भूमि अधिकार में दावा करने का गुंजाईश कम कर देता है। जब महिलाओं को उचित सम्मान नहीं देते है तो उनकी पहचान खोने का खतरा पैदा होता है और इसका सीधा प्रभाव उनके आजीविका ,आवास ,सुरक्षा और जीवन की गुणवत्ता पर पड़ता है। इसीलिए भूमि अधिकार पर काम करते समय महिला को पहले स्वतंत्र व्यक्ति के तौर पर मान्यता देना होता है