उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि एलएआर लोगों के अधिकारों को मान्यता देता है, जो पुनर्वास के लिए जमीन पर ही निर्भर होते हैं। लेकिन उनके पास जमीन नही होती है। इस कानून के अनुसार इलाके की जमीन पर मालिकाना हक़ रखने वाले 70-80 फीसदी परिवार को अधिग्रहण के लिए सहमति देनी होगी। इस तरह भूमिहीन परिवार की महिला को बड़े पैमाने पर बसाया जाता है, लेकिन उसके लिए सहमति नहीं ली जाती है।जमीन पर मालिकाना हक़ रखने वाले परिवार को मुआवजा,पुनर्वास और स्थान परिवर्तन का अधिकार होता है.लेकिन लेकिन भूमिहीन परिवार मुआवजे और पुनर्वास दोनों के अधिकार से वंचित हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।