उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की महिलाओं के साथ आर्थिक या शारीरिक शोषण आम बात है, अगर इन अपराधों की एक सूची तैयार की जाती है, तो कई पृष्ठ भर जाएंगे। सरकार को इन अत्याचारों के बारे में पता भी नहीं है।महिलाओं की रक्षा के लिए कई कानून है। लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि आम महिलाएं इन कानूनों के बारे में कितनी जागरूक हैं, वे अपने अधिकारों के लिए इन कानूनों का कितना उपयोग कर पा रही हैं। संविधान ने महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार दिए हैं। महिलाओं के खिलाफ हिंसा, महिला श्रमिकों के अधिकारों को बढ़ाने और समाज में अपनी स्थिति को मजबूत करने के खिलाफ लोगों की बढ़ती संख्या एक सौ पचास देशों में अब घरेलू हिंसा पर कानून हैं एक सौ चालीस देशों में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ कानून हैं। कानून हैं, लेकिन इसके बावजूद महिलाओं और पुरुषों के बीच असमानता अभी भी बहुत गहरी है और इसे भरने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है, जो चुनौतियों से भरा होगा