उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शिव कुमार तिवारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों का प्रशिक्षण देना चाहिए। उन्हें आगे बढ़ने के लिए नए - नए अवसर मिलने चाहिए। महिलाएं स्वयं उद्यमी बनना चाहती है और अपने परिवार का पालन-पोषण जिम्मेदारी के साथ निभाना चाहती हैं
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पाण्डेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रूबी से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि हमारे देश के गाँवों का मतलब खेती करने वाली औरतें हैं। महिलाएं खेतों में काम करती हैं लेकिन इससे उनको कोई लाभ नहीं मिलता है। लड़कियों को पढ़ाना लिखाना चाहिए ताकि उन्हें अच्छे जगह कुछ काम मिल सके.वे अपनी बेटियों को पढ़ा लिखा रही हैं ताकि उन्हें उनकी तरह जिंदगी ना काटनी पड़े। अगर शिक्षा है तो इस तरह की जिंदगी नहीं काटनी पड़ेगी। महिलाये जो खेतों में काम करती हैं उन्हें दिन भर मेहनत करनी पड़ती है लेकिन जो महिलाएं शिक्षित होती हैं और कहीं ऑफिस में काम करती उन्हें केवल आठ घंटे काम करना पड़ता है। साथ ही उन्होंने बताया कि महिलाएं दिन भर काम करती हैं ,उन्हें घर पर भी काम करना पड़ता है लेकिन वहीँ पुरूष केवल बाहर काम करते हैं। एक महिला जितना चाहे उतना काम कर सकती है, लेकिन उसे कोई अधिकार नहीं दिया जाता है महिलाओं को बचपन से ही यह एहसास कराया जाता है कि वे इस घर की नहीं हैं एक न एक दिन उनको दूसरे के घर जाना है । शादी के बाद महिला को कहा जाता है कि उनका उस घर में कुछ नहीं है अगर आदमी समझदार है तो महिलाओं को उनका अधिकार मिलेगा और अगर पति नासमझ है तो उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। औरत अगर खेती कर रही तो उनका हाथ खाली है कुछ भी नहीं है। पैसा है तो सबकुछ है और पैसा तभी है जब महिला शिक्षित रहेंगी। उनका कहना है वे पढ़ लिख नहीं पायी इसलिए खेतों में काम करती हैं लेकिन वे अपनी बेटियों को पढ़ा लिखा रही हैं ताकि वे आगे बढ़ पाए
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पाण्डेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से नीरज पांडे से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं खेती का हिस्सा हैं।खेतों में काम करने पर उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता है उन्हें अधिकार दिलाने के लिए सरकार के द्वारा चलायी गयी नीतियों को सभी को पालन करना चाहिए। इसका लाभ दोनों वर्गों को मिले। धरातल में इसका सही से लाभ मिले। महिलाओं का विकास के लिए महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक अवसर प्रदान करके ग्रामीण विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है। महिलाओं को उनका अधिकार मिलना चाहिए और गाँव के विकास को बढ़ावा देने के लिए तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पाण्डेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मान्या से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि हमारे में देश के गांवों की महिलाएं अधिकतर खेती से जुड़ी हुयी हैं जिन्हे अपने खेतों में काम करती हैं जिसमे उनको कोई मजदूरी नहीं मिलता है ना ही कोई सम्मान नहीं मिलता। लेकिन पुरूषों का नाम होता है। सारा काम महिलाएं ही करती हैं। सरकार को इसपर नज़र रखनी चाहिए कि वे पुरूषों के बराबर महिलाओं को अधिकार दें। जितनी भी सम्पत्ति है पुरुषों के साथ महिलाओं का अधिकार होना चाहिए। ऐसा होता है कि पति के ना रहने पर ही महिलाओं को उनका अधिकार दिया जाता है जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्हें बराबर का अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं को शिक्षा प्राप्त होगी तभी गांव का विकास होगा
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय मोबाइल वाणी के माध्यम से साक्षी शुक्ला से बातचीत की। बातचीत में साक्षी शुक्ला ने बताया कि गांव में महिलाएं खेती पर ही निर्भर रहती हैं महिलाएं यदि अपने घर के खेतों में काम करती हैं तो उन्हें मेहनताना नहीं मिलता यदि दूसरों के खेती में काम करती हैं तो उन्हें मेहनताना मिलता है। उन्होंने बताया कि हमारे समाज में दो तरफ़ा किया जाता है लड़का को दूसरे और लड़की को दूसरे नजर से देखा जाता है। जबकि सरकार के तरफ से दोनों एक समान माने जाते हैं लेकिन लोग उन्हें अलग अलग मानते हैं। लड़कों को पूरा हक दिया जाता है और लड़कियों को कुछ भी नहीं दिया जाता है। यदि महिलाएं खेतों में काम करती हैं और जब घर जाती हैं उनके काम का कोई महत्व नहीं दिया जाता है। पुरूष कमा रहे और महिलाएं खा रही ,ऐसा माना जाता है जबकि ऐसा नहीं है महिलाएं भी पूरा मेहनत करती हैं। पुरूष और महिलाएं शिक्षित होंगे तभी गांव का विकास हो पाएगा
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मदनगरा गाँव की स्थानीय निवासी मंगला देवी से बातचीत की। उन्होंने बताया कि घर के कार्यों के लिए या अपने खेत में किये मजदूरी के लिए महिला को कोई मजदूरी नहीं दी जाती। यदि वे घर से बाहर निकल कर नौकरी या व्यवसाय करती है तो खुद के पैरों में वो कड़ी हो सकती है और बच्चों का लालन पालन भी कर सकती है
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी आर. सी. वर्मा से बातचीत। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को भूमि का अधिकार मिलना चाहिए।ताकि वे अपने बच्चों का पालन-पोषण कर सकें, उन्हें शिक्षित कर सकें और उन्हें एक अच्छा इंसान बना सकें।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बहराइच से शालिनी पांडेय मोबाइल वाणी के माध्यम से सकीना बानो से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके पास जमीन नहीं है लेकिन अगर उन्हें जमीन दे दिया जाए तो वे अपने बच्चों का पालन पोषण अच्छे से कर पायेंगे
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी मीना पांडेय से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने ने बताया की महिलाओं को ऐसा अधिकार दिया जाना चाहिए की उनका जीवन बिना किसी आर्थिक समस्या के व्यतीत हो। शिक्षित महिलायें गाँव को संभाल सकती है,परन्तु उन्हें कुछ मदद की जरुरत होगी। गाँव में बहुत सारी शिक्षित महिला बेरोज़गार पड़ी हुई है उन्हें सरकार की और से मदद की जरुरत है। महिलाओं को भूमि का अधिकार मिलना ही चाहिए ,ताकि वो आत्मसम्मान के साथ समाज में जी सके
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय मोबाइल वाणी के माध्यम ग्राम पुरैनी के निवासी विक्रम से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने ने बताया की महिलाओं को भूमि नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि महिलायें इस अधिकार का गलत इस्तेमाल कर सकती है।