उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला प्रखंड पयागपुर से साक्षी कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रधान जी से साक्षात्कार लिया।प्रधान जी ने बताया कि महिलाओं को शिक्षित होना चाहिए, महिलायें समूह के माध्यम से धीरे धीरे बैंको में अपना पैसा रख कर उसे अपने विकास के लिए इस्तेमाल कर सकती है। महिलाओं को कम ब्याज पर सरकार पैसा देती है और सरकार की ऐसी बहुत सी योजनाएं है जिसकी सहायता से महिलायें आगे बढ़ सकती है। शिक्षित होने से महिलाएं अपने जीवन में आगे बढ़ सकती हैं और अपने जीवन में कोई भी बिजनेस करके अपने गरीबी चक्र को तोड़कर आगे बढ़ सकते हैं।
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय मोबाइल वाणी के माध्यम से गंगापुर के रहने वाले ओमप्रकाश से बातचीत की। उन्होंने बताया कि सरकार को महिलाओं के लिए छोटे मोटे उद्योग स्थापित करने चाहिए ,जहाँ पर महिलायें सिलाई कढ़ाई का काम करके अपनी जीविका चला सकती है
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उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से लखन प्रसाद से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को रोजगार के अवसर दिलाने के लिए उनके लिए सरकार कई योजनाए चला रही हैं। उनका कहना है अभी की महिलाये पढ़ लिख रही हैं और हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं
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उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से राम कैलाश से बातचीत की।बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके गांव में बाढ़ आने से बहुत दिक्क्त हुई फसल भी बर्बाद हो गयी
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला के कटरा गाँव से शालिनी पांडेय मोबाइल वाणी के माध्यम से सरिता शुक्ला से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि जैसे बेटे का अपने पिता की संपत्ति पर पूरा अधिकार है, वैसे ही अगर बेटा और बेटी है तो दोनों का इसमें अधिकार होना चाहिए। हमारे समाज में यह विचारधारा है कि लड़कियाँ दूसरे घर की संपत्ति हैं, हम उन्हें हमेशा के लिए घर पर नहीं रख सकते हैं, इसलिए विशेष रूप से यह देखा जाता है कि हर पिता के पास अपने बेटे को समान रूप से विभाजित करने और शादी करने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं होता है। इसलिए बेटियों को उनका हिस्सा नहीं मिल पाता है। लड़कियां अपने पिता की सम्पत्ति में हिस्सा लेना भी नहीं चाहती हैं उनका कहना है कि सम्पति में हिस्सा लेने से उनके भाई-बहन के रिश्ते में दूरी आ सकती है। वे मायके से अपना रिश्ता खराब नहीं करना चाहती हैं। ससुराल में चाहे उन्हें कितना भी प्यार मिल जाए लेकिन मायके का सहारा ना मिलने पर वे टूट जाती हैं। यही कारण है कि वे अपना हिस्सा लेना नहीं चाहती हैं। उनका मानना है भाई के पास अपने आधे अधिकार को लेने के लिए पर्याप्त संपत्ति नहीं है और वे संतुष्ट हैं और फिर उनकी संपत्ति उनका भाई है।
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