बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से शिक्षक उमर कुमार से हुई। ये कहते है कि महिलाओं को जमीन अधिकार मिलना उनकी सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए है। 1956 में भूमि अधिकार का नियम आया था
बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से शिक्षक सुनील कुमार से हुई। ये कहते है कि महिलाओं के लिए जमीन अधिकार मिलना ज़रूरी है।हर क्षेत्र ,वर्ग में महिलाओं का अधिकार होना चाहिए
बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से एक प्रधानाध्यापक से हुई। ये कहते है कि महिलाएँ परिवार की रीढ़ होती है। महिला अगर शिक्षित है तो उनका पूरा परिवार शिक्षित होगा। बच्चों की प्रथम शिक्षिका महिला ही होती है। महिलाओं का शिक्षित होना ज़रूरी है। जितना महिला शिक्षित होगी उतना देश का विकास होगा। महिला ही बच्चों को अच्छा संस्कार देती है ,महिला के बिना देश का विकास संभव नहीं है
बिहार राज्य के नवादा ज़िला के पकरिब्रमा से संगीता कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से महेश प्रसाद से हुई। महेश कहते है कि आज के समय में महिलाओं को पैतृक संपत्ति का अधिकार मुख्यता कानूनी रूप से नहीं दिया गया है। संविधान में संशोधन कर महिलाओं को पैतृक संपत्ति में अधिकार दिया जाए ताकि वो इसमें भागी हो पाए। वंशावली के अंतर्गत ही आने वाली पीढ़ी पैतृक संपत्ति में अधिकार रखते है लेकिन इसमें पुरुषों की भागीदारी अधिक होती है। महिलाओं को पैतृक संपत्ति में अधिकार नहीं है क्योंकि वो पराए घर की होती है ,इसीलिए वो वंशावली में नहीं आ पाती है। इसीलिए उन्हें पैतृक संपत्ति में अधिकार नहीं मिल पाता है
बिहार राज्य के नवादा ज़िला के पकरिब्रमा से संगीता कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से धर्मेंद्र कुमार से हुई। धर्मेंद्र कहते है कि आजकल महिलाओं को केवल घर की देखरेख करने वाली ही समझा जाता है। महिला भी खुद को इसी तरह देखती है। घर में महिला चार दीवारी में बंद हो कर रह जाती है। महिला को अपने आप में सशक्त होने के लिए उसे अच्छी शिक्षा लेनी है। अच्छी बाते सीखना ,लोगों के साथ बातचीत करने से उनका विकास होगा और लोग उनके साथ भेदभाव नहीं करेंगे
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बिहार राज्य के नवादा जिला के पकरीबरावां प्रखंड से संगीता कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रिंकी कुमारी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि महिलाओं के साथ हमेशा एक महिला ही भेदभाव करती है। लड़का पैदा होने पर ख़ुशी मनाया जाता है और लड़की पैदा होने पर दुःख किया जाता है। हमारे समाज में लड़कियों को घर के बाहर बुरी नज़रों से देखा जाता है इसलिए भी महिलाएं अपनी बेटियों के साथ भेदभाव करती हैं
कड़ी संख्या-216; रोजगार समाचार - भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सीनियर रेजिडेंट के पदों पर रिक्तियाँ
यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा निकाली गयी सीनियर रेजिडेंट के पदों पर काम करने के लिए इक्छुक हैं इन पदों पर कुल 76 रिक्तियां निकाली गई हैं। इन पदों पर वेतनमान 67,700 से 70,000 रुपए प्रति माह रहेगा।जिन उम्मीदवारों ने डीएनबी/एमडीएस/एमडी/एमएस में अपनी शैक्षणिक योग्यता पूरी कर ली है, वे इस भर्ती अधिसूचना के लिए आवेदन कर सकते हैं।इन पदों पर आवेदन करने के लिए आयु सीमा 18 वर्ष से 50 वर्ष रखी गई हैं।हालांकि, महिलाओं/ओबीसी/एससी/एसटी/शारीरिक रूप से विकलांग (पीएच) उम्मीदवारों के लिए आयु में नियमानुसार छूट दी जाएगी ।इन पदों पर आवेदन करने के लिए आवेदन शुल्क सामान्य/ओबीसी उम्मीदवारों के लिए: रु.1,500/ तथा एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए: रु.1,200/-रखा गया है।अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार इस वेबसाइट में जाकर जानकारी ले सकते हैं वेबसाइट है - www.aiimspatna.edu.in .
बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से भिरगू प्रसाद सिंह से हुई। ये बताते है कि महिलाओं को पुरुषों की तरह जमीन में बराबर का अधिकार देना चाहिए। ताकि महिला आगे अपना भरण पोषण अच्छे से कर सके। महिला के पास जमीन रहेगा तो समाज परिवार के लोग उनका सम्मान करेंगे