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बिहार राज्य के नवादा ज़िला से बिंदु देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से परमिला से हुई। परमिला कहती है कि रसोइया का काम कर रहे है लेकिन पैसा नहीं मिल रहा है। सरकार महिलाओं को जो अधिकार दे रहे है वो सही है। और महिलाओं को अधिकार मिल रहा है या नहीं ये भी सरकार को देना चाहिए

बिहार राज्य के जिला नवादा से संगीता की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से आकांक्षा कुमारी से हुई। आकांक्षा कुमारी यह बताना चाहती है कि महिला हर क्षेत्र में काम करती है। महिला खेत में काम करती है। वह मजदूरी भी करती है। जितना पुरुष को अधिकार और सम्मान दिया जाता है उतना महिला को नहीं दिया जाता है। जितना अधिकार पुरुष को दिया जाता है उससे कम महिला को दिया जाता है। अगर महिला कोई रोजगार करती है तो उनको बहुत कुछ बोला जाता है। लेकिन अगर पुरुष कोई रोजगार खोलता है तो उनको कोई कुछ नहीं बोलता है। महिला और पुरुष को समान अधिकार मिलना चाहिए।

बिहार राज्य के जिला नवादा से संगीता कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से इंदु कुमारी से हुई। इंदु कुमारी यह बताना चाहती है कि आज यह देखा जाता है कि महिला भी काम करती है। महिलाओं को पुरुष के मुकाबले कम मजदूरी दिया जाता है। ऐसा महिला के साथ नहीं होना चाहिए। उनको समान मजदूरी मिलना चाहिए।

बिहार राज्य के जिला नवादा से संगीता कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रिंकी कुमारी से हुई। रिंकी कुमारी यह बताना चाहती है कि महिला और पुरुष को समान वेतन नहीं मिलता है। महिला को पुरुष के मुकाबले कम वेतन दिया जाता है। पुरुष और महिला दोनों आठ घंटा काम करते है लेकिन दोनों के वेतन में अंतर रहता है। दोनों को बराबर अधिकार मिलना चाहिए।

बिहार राज्य के जिला नवादा से तारा कुमारी ,की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मोनी कुमारी से हुई। मोनी कुमारी महिलाओं के अधिकार के सम्बन्ध में बताना चाहती है कि भारतीय कानून में महिलाओं के ग्यारह अलग-अलग अधिकार दिए गए हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण कार्यालय में है। यौन उत्पीड़न के खिलाफ संरक्षण का अधिकार किसी घटना की स्थिति में शून्य प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार और समान वेतन का अधिकार आदि। आप जानते हैं कि भारत सरकार में महिलाओं को बोमन रिगाउड द्वारा कई अधिकार दिए गए हैं।

बिहार राज्य के जिला नवादा से प्रियंका कुमारी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि महिलाओं को बराबर अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं को जितना अधिकार मिलाना चाहिए उतना नहीं मिलता है। महिलाओं को पुरुष के समान वेतन मिलना चाहिए।

किसी भी समाज को बदलने का सबसे आसान तरीका है कि राजनीति को बदला जाए, मानव भारत जैसे देश में जहां आज भी महिलाओं को घर और परिवार संभालने की प्रमुख इकाई के तौर पर देखा जाता है, वहां यह सवाल कम से कम एक सदी आगे का है। हक और अधिकारों की लड़ाई समय, देश, काल और परिस्थितियों से इतर होती है? ऐसे में इस एक सवाल के सहारे इस पर वोट मांगना बड़ा और साहसिक लेकिन जरूरी सवाल है, क्योंकि देश की आबादी में आधा हिस्सा महिलाओं का है। इस मसले पर बहनबॉक्स की तान्याराणा ने कई महिलाओँ से बात की जिसमें से एक महिला ने तान्या को बताया कि कामकाजी माँओं के रूप में, उन्हें खाली जगह की भी ज़रूरत महसूस होती है पर अब उन्हें वह समय नहीं मिलता है. महिलाओं को उनके काम का हिस्सा देने और उन्हें उनकी पहचान देने के मसले पर आप क्या सोचते हैं? इस विषय पर राय रिकॉर्ड करें

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे अपने श्रोताओं की राय

हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार बीस तीन सालों में दुनिया के पांच बड़े व्यापारियों की संपत्ति में दोगुने से ज्यादा का इजाफा हुआ है, जिस समय इन अमीरों की दौलत में इजाफा हो रहा था, ठीक उसी समय पांच मिलियन लोग गरीब से और ज्यादा गरीब हो रहे थे। इससे ज्यादा मजे की बात यह है कि हाल ही में दावोस में हुई वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की बैठक में शीर्ष पांच उद्योगपतियों ने एक नई रणनीति पर चर्चा और गठबंधन किया।