आज के भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में मानसिक तनाव एक बहुत बड़ा चिंता का विषय बन गया है। मानसिक स्वास्थ्य न सिर्फ हमारे मन को बल्कि भावनाओं, सामाजिक व्यवहारों और शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है । यह हमारे सोचने, महसूस करने, और काम करने के तरीके को निर्धारित करता है। बढ़ते मानसिक तनाव को कम करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर ध्यान आकर्षित करता है। साथियों, हर साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है। और इस साल यानी 2024 का थीम है "कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का समय आ गया है"। यह थीम व्यवसायों के लिए मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले वातावरण बनाने की आवश्यकता पर जोर देता है। आज के समय में कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य एक चिंता का विषय बन गया है क्योंकि अधिक से अधिक व्यक्ति काम से संबंधित दबावों के कारण तनाव, चिंता और डिप्रेशन का अनुभव करते हैं। इस मुद्दे को संबोधित करने से न केवल कर्मचारियों को लाभ होता है बल्कि संगठनात्मक उत्पादकता और संस्कृति भी बढ़ती है। साथ ही मन में सकारात्मक सोच का संचार होता है।

बिहार राज्य के जिला नवादा से बिंदु देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सोनू कुमार से हुई। सोनू कुमार यह बताना चाहते है कि शादी - सुदा बेटी का भी माता - पिता की संपत्ति पर उतना ही अधिकार होता है जितना की बेटे का होता है। बेटी अपना हिस्सा मांग सकती है। महिला का शिक्षित भी होना जरूरी है।

बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से बिंदु देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बिपिन कुमार से बातचीत किया। बातचीत के दौरान बिपिन ने बताया कि बेटा के व्यवहार में बदलाव आ जाता है लेकिन जीवन के अंत तक बेटी का व्यवहार एक सामान रहता है। इसलिए पैतृक संपत्ति में बेटी का बराबर का अधिकार होता है

बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से शांति देवी से हुई। शांति कहती है कि जब महिलाओं को अधिकार मिलता है तो वो सुरक्षित महसूस करती है और अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्ष्म होती है। परिवार की भलाई के लिए बेहतर प्रबंध कर पाती है

बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कंचन कुमारी से हुई। कंचन कहती है कि महिलाओं पर हाथ उठाने पर एक से लेकर पांच वर्ष का कारावास के साथ जुर्माना का दंड प्रावधान है। अगर महिला के ऊपर शोषण होता है तो उन्हें कानूनी रूप से सख्त सजा देना चाहिए

बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से स्वीटी सिन्हा से हुई। स्वीटी कहती है कि महिलाओं को हिंसा और भेदभाव की नज़र देखा जाता है। महिलाओं को भूमि अधिकार मिलना मतलब आर्थिक रूप से मज़बूत होना ,घर और समुदाय में समानता और सम्मान प्राप्त करना ,तमाम अवसरों की प्राप्ति और कानूनी अधिकार प्राप्त करने की क्षमता हो जाना है । महिलाओं को मज़बूत अधिकारों का मतलब अधिक समृद्धि और शांति है। अगर इनके पास जमीन रहता तो किचन गार्डन लगाती

बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से तारा कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से परमिला से हुई। परमिला यह बताना चाहती है कि हिन्दू उत्तरदिखारी अधिनियम के मुताबिक पत्नी का पति के पैतृक संपत्ति में हक़ नहीं होता है। पत्नी का हक़ सिर्फ उसके पति की अर्जित की गई संपत्ति पर हो सकता है। महिला के विधवा हो जाने पर ससुराल में संपत्ति पर हक़ होता है। वह उतना हिस्सा पा सकती है जितना उनका पति का बनता हो। वंशावली में घर के बच्चों का नाम भी जोड़ा जा रहा है। लड़की भी उसमे अपना अधिकार ले सकती है।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो जूनियर अकाउंट्स क्लर्क 2024 री ओपन ऑनलाइन फॉर्म द्वारा निकाली गई जूनियर अकाउंट्स क्लर्क के 740 पदों पर काम करने के लिए इच्छुक हैं। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन अभ्यर्थियों के पास वाणिज्य विषय में डिग्री होनी चाहिए।इसके साथ ही उम्मीदवार की न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष और सामान्य उम्मीदवारों के लिए अधिकतम आयु सीमा 37 वर्ष,अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उम्मीदवारों के लिए अधिकतम आयु सीमा: 42 वर्ष तथा अन्य पिछड़ा वर्ग एवं महिला उम्मीदवारों के लिए अधिकतम आयु सीमा: 40 वर्ष रखी गई है.इन पदों पर आवेदन शुल्क सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 1500 रूपए और एससी/एसटी/दिव्यांगजन एवं महिला उम्मीदवारों जो बिहार के मूल निवासी हैं उनके लिए 375 रुपये रखी गयी है।इन पदों पर वेतनमान 9200 -15500 रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा।अधिक जानकारी के लिए आवेदनकर्ता इस वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट है https://www.bsphcl.co.in/ .उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर होगा।

भारत जैसे देश में जहां सासंकृतिक सामाजिक और राजनीतिक असमानताओं की खाई बहुत ज्यादा गहरी है, ऐसे में यह कह पाना कि सबकुछ एक समान है थोड़ी ज्यादती है। आप हमें बताइए कि "*----- महिलाओं को नेतृत्व की भूमिकाओं में शामिल करने और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं? *----- समुदाय-आधारित पहल और सामाजिक उद्यमिता गरीबी उन्मूलन में कैसे योगदान दे सकते हैं?