राजधानी में पिछले कई वर्षों से महोत्सव का आयोजन प्रशासन द्वारा किया जाता रहा है इसी को देखते हुए मलिहाबाद में भी निजी क्षेत्र द्वारा महोत्सव का आयोजन किया जाने लगा इस बार भी यहां मलिहाबाद महोत्सव का आयोजन किया गया है। जिसमें बच्चों के लिए मनोरंजन के साधनों के साथ आम आदमी की जरूरत की दुकाने भी लगाई गई हैं जहां लोग खरीदारी करते हैं।

राजधानी की मलिहाबाद तहसील क्षेत्र के नबीपनाह गांव की रहने वाली ज्योति ने बताया कि उसने तहसील में प्रार्थना पत्र देकर अपनी जमीन से अवैध कब्जा हटवाने के लिए गुहार लगाई है अब देखना है कि तहसील प्रशासन इस गरीब महिला की सुनवाई कब कैसे करता है।

माल थाना क्षेत्र के वीरपुर निवासी कैलाश पुत्र भगवान दिन ने पुलिस को दी गई तहरीर में शिकायत की है कि गांव के ही पुतान पुत्र देवी दिन ने उसके खेत में पाइप बिछाकर दूसरे को पानी दे रहे थे जिससे उसकी फसल को नुकसान पहुंच रहा था किसान ने खेत से पाइप हटा दिया इससे नाराज होकर उतारने उसकी जमकर पिटाई कर दी और गालियां भी दी। किसान ने माल थाने में शिकायत की परंतु पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ठंड से बचाव के लिए लगातार कंबल वितरित कराए जा रहे हैं प्रशासन के सहयोग से ग्राम प्रधानों जनप्रतिनिधियों एवं अन्य संगठनों द्वारा गांव-गांव कंबल वितरण का कार्यक्रम चल रहा है इसी क्रम में दो दिन पूर्व मलिहाबाद की एसडीएम मीनाक्षी पांडे ने गरीबों को कंबल वितरित किए थे वही आज बीकेटी के एसडीएम सतीश चंद्र त्रिपाठी ने रात में गरीबों को कंबल वितरित किए।

जहां एक ओर बे मौसम बरसात होने से आम आदमी के जीवन पर ठंड का प्रभाव पड़ रहा है वही इससे पशु पक्षी भी परेशान हैं इसके साथ ही हल्की बारिश होने के कारण फसलों को लाभ भी हो रहा है इसलिए जहां जनता को शारीरिक कष्ट हो रहा है वहीं खेती किसानी में इसका अच्छा प्रभाव भी पड़ रहा है।

राजधानी के विकासखंड माल में दर्जन घर से अधिक शौचालय बनाए गए हैं ,जिनमें एक हाईटेक शौचालय भी है। इन सभी शौचायलयों में गंदगी होने की साथ-साथ हमेशा ताला लटकता रहता है, जिससे विकासखंड कार्यालय और बाजार में चौराहे पर आने वाले नागरिक अगर पेशाब करने या सौच करने के लिए शौचालय ढूंढते ढूंढते अंदर आ जाते हैं तो ताला बंद देखकर वह इधर-उधर गंदगी फ्लेट हैं और पेशाब करते देखे जा सकते हैं इसके अलावा लोग गेट के अगल-बगल भी पेशाब करके गंदगी फैलाते हैं फिर भी यहां के अधिकारियों पर कोई असर नहीं हो रहा है।

प्रदेश सरकार अधिकारियों को मुख्यालय पर निवास करने के कितने भी कड़े निर्देश दे परंतु अधिकारी कर्मचारी अपनी आदतों से बाज नहीं आने वाले हैं इसी का नतीजा है कि किसी भी कार्यालय में अधिकारी समय से नहीं पहुंचते हैं इसका उदाहरण विकासखंड माल का कार्यालय है जहां कभी भी अधिकारी कर्मचारी समय से कार्यालय नहीं पहुंचते हैं जिससे कई बार जनता या पीड़ित व्यक्ति इधर-उधर भटकते देखे जाते हैं परंतु इससे अधिकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ता।

राजधानी के विकासखंड माल की ग्राम पंचायत रामनगर के किसानों ने आवारा पशुओं से परेशान होकर आज सुबह 9:00 बजे करीब दो दर्जन आवारा पशुओं को परिसर में बंद कर दिया जिसकी सूचना उच्च अधिकारियों को पहुंचने के बाद अधिकारी हरकत में आए और उन्होंने ग्राम पंचायत रामनगर के प्रधान के माध्यम से डाले में भरकर पशुओं को चंदवारा की गौशाला में भिजवा दिया जिससे किसानों को काफी राहत मिलेगी।

लड़कियों के सपने सच में पुरे हो , इसके लिए हमें बहुत सारे समाजिक बदलाव करने की ज़रूरत है। और सबसे ज्यादा जो बदलाव की ज़रूरत है, वो है खुद की सोच को बदलने की। शिक्षा महिलाओं की स्थिति में बड़ा परिवर्तन ला सकती है लेकिन शिक्षा को लैंगिक रूप से संवेदनशील होने की जरूरत है। गरीब और वंचित समूह के बच्चों को जीवन में शिक्षा में पहले ही सीमित अवसर मिलते हैं उनमें से लड़कियों के लिए और भी कम अवसर मिलते हैं, समान अवसर तो दूर की बात है। सरकारी स्तर पर जितने ही प्रयास किये जा रहे हों, यदि हम समाज के लोग इसके लिए मुखर नहीं होंगे , तब तक ऐसी भयावह रिपोर्टों के आने का सिलसिला जारी रहेगा और सही शौचालय न होने के कारण छात्राओं को मजबूरी में स्कूल छोड़ने का दर्द सताता रहेगा। तब तक आप हमें बताएं कि *----- आपके गांव में सरकारी स्कूल में शौचालय है, और क्या उसकी स्थिति कैसी है? *----- क्या आपको भी लगता है कि सरकारी स्कूल में शौचालय नहीं होने से लड़कियों की शिक्षा से बाहर होने का बड़ा कारण है *----- शौचालय होने और ना होने से लड़कियों की शिक्षा किस प्रकार प्रभावित हो सकती है?