नए साल के जश्न में JN.1 सब-वैरिएंट से कैसे रहें सुरक्षित? जानिए कोरोना पर 7 जरूरी सवालों के जवाब

देशभर में एक बार फिर से कोरोना मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है। कोरोना के बढ़ते केस से लोगों की टेंशन भी बढ़ गई है। 7 महीने बाद कोरोना से मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। वहीं कोविड का नया वैरिएंट JN.1 भी बढ़ रहा है। इसे लेकर सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है। केंद्र ने राज्य सरकारों को गाइडलाइन जारी कर दी है। तमाम अधिकारी कोविड को लेकर लगातार बैठक कर रहे हैं। एक्सपर्ट लोगों को पैनिक न होने की सलाह दे रहे हैं। अधिकारी लोगों से सभी नियमों का पालन करने का आग्रह कर रहे हैं।

भारतीय संसद के इतिहास में न विपक्ष का हंगामा नया है और न उनका सदन से निष्कासन, हाल के सालों में इस तरह के निलंबन की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं, इसमें भी निलंबन उनका होता है जो सदन में अपनी बात पुरजोर तरीके से रखकर सरकार का विरोध करते हैं। लोकतंत्र और संसद जो सहमति और असहमति का मिला जुला रूप हैं, उसमें इस तरह की कार्रवाईयों का क्या औचित्य है?

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कोरोना ने हमें एक बहुत गंभीर सबक सिखाया और वो ये है कि हमें अपने  स्वास्थ्य के प्रति पूरी ईमानदारी रखनी होगी। कोरोना से बचने के लिए सरकार ने हर कदम पर सुरक्षा के नए इंतेज़ाम सुनिश्चित किये और हर आयु वर्ग के लोगों के लिए कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए  टीकाकरण की व्यवस्था की और टीकाकरण का यह अभियान सफल भी रहा। पिछले साल 16 मार्च 2022 को सरकार ने 12  से 14 साल तक के बच्चों को भी कोरोना का टीका लगवाने का फैसला किया।