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सरकार द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने और गांवों में पीएम आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत से ज्यादा मकान महिलाओं को देने से देश में महिलाओं की गरिमा बढ़ी तो है। हालांकि, इन सबके बावजूद कुछ ऐसे कारण हैं जो महिलाओं को जॉब मार्केट में आने से रोक रहे हैं। भारत में महिलाओं के लिए काम करना मुश्किल समझा जाता है. महिलाएं अगर जॉब मार्केट में नहीं हैं, तो उसकी कई सारी वजहें हैं, जिनमें वर्कप्लेस पर काम के लिए अच्छा माहौल न मिल पाना भी शामिल है . दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- नौकरी की तलाश में महिलाओं को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। *----- आपके अनुसार महिलाओं के नौकरी से दूर होने के प्रमुख कारण क्या हैं? *----- महिलाओं को नौकरी में बने रहने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
बेरोजगारी के कई कारण हैं। नंबर एक जनसंख्या वृद्धि तेजी से बढ़ती जनसंख्या बेरोजगारी के मुख्य कारणों में से एक है, जिस गति से देश की जनसंख्या बढ़ रही है वह उद्योग नौकरियों और राष्ट्रीय आय में भी बढ़ रही है। किसी भी देश की शिक्षा प्रणाली में वृद्धि नहीं हो रही है जिसके कारण इसे रोजगार कहा जाता है। दूसरा, किसी भी देश की शिक्षा प्रणाली का उस देश के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक स्तर पर प्रभाव पड़ता है। बेरोजगारी की समस्या का एक प्रमुख कारण दोषपूर्ण शिक्षा प्रणाली है दोषपूर्ण शिक्षा प्रणाली दोषपूर्ण शिक्षा प्रणाली का अर्थ है शिक्षा की कमी का अर्थ है निरक्षरता। यही कारण है कि भारत में बेरोजगारी जैसी समस्याएं पैदा हो रही हैं। रोजगार के अवसर नहीं बढ़ रहे हैं, इसलिए लोगों को पर्याप्त नौकरी नहीं मिल पा रही है क्योंकि नौकरियां नहीं बढ़ रही हैं। चौथा गरीबी गरीबी कोई भी व्यक्ति बेरोजगार नहीं होगा। भारत में गरीबी एक प्रमुख कारण है कि लोगों की उचित संसाधनों तक पहुंच नहीं है और गरीब व्यक्ति अच्छी शिक्षा से वंचित है। उसे अच्छी नौकरी नहीं मिल पाती है और वह बेरोजगार हो जाता है। पाँचवाँ, भारत के कृषि क्षेत्र का पिछड़ेपन एक कृषि क्षेत्र है जिसकी पूरी आबादी कृषि पर निर्भर है। कृषि कृषि पर निर्भर है। वर्तमान में जनसंख्या विस्फोट के कारण कृषि क्षेत्र बहुत पीछे रह गया है। मशीनीकरण आजकल कार्यों को पूरा करने के लिए मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। पहले रोजगार की तुलना में लोग अधिक काम करते थे और बेरोजगारी जैसी समस्याएं कम थीं, लेकिन आज लगभग सभी काम मशीनों से किए जाते हैं।
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2024 के आम चुनाव के लिए भी पक्ष-विपक्ष और सहयोगी विरोधी लगभग सभी प्रकार के दलों ने अपने घोषणा पत्र जारी कर दिये हैं। सत्ता पक्ष के घोषणा पत्र के अलावा लगभग सभी दलों ने युवाओं, कामगारों, और रोजगार की बात की है। कोई बेरोजगारी भत्ते की घोषणा कर रहा है तो कोई एक करोड़ नौकरियों का वादा कर रहा है, इसके उलट दस साल से सत्ता पर काबिज राजनीतिक दल रोजगार पर बात ही नहीं कर रहा है, जबकि पहले चुनाव में वह बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर ही सत्ता तक पहुंचा था, सवाल उठता है कि जब सत्ताधारी दल गरीबी रोजगार, मंहगाई जैसे विषयों को अपने घोषणापत्र का हिस्सा नहीं बना रहा है तो फिर वह चुनाव किन मुद्दों पर लड़ रहा है।
तमाम गैर सरकारी रिपोर्टों के अनुसार इस समय देश में बेरोजगारी की दर अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं सरकारें हर छोटी मोटी भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र देने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को भी आमंत्रित कर रही हैं, जिससे की बताया जा सके कि युवाओं को रोजगार उनकी पार्टी की सरकार होने की वजह से मिल रहा है।
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Mujhe rojgar samachar pasand hai
युवा जो बेरोजगार हैं उन पर भी सरकार ध्यान दें
क्यों नहीं बेरोजगारी पर दे रही है सरकार ध्यान