उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से पूनम वर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से घरेलु हिंसा के मुद्दे पर चर्चा कर रही है। अक्सर लड़किये को दहेज़ को लेकर प्रताड़ित होना पड़ता है
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से हमारे श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की हमारे समाज से दहेज़ प्रथा बहुत तेज़ी से फल फूल रहा है। दहेज़ लेना कानूनी अपराध और हमें यह प्रयास करना चाहिए की समाज से हमे यह दूर करना होगा
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बेटों की चाह में बार-बार अबॉर्शन कराने से महिलाओं की सेक्शुअल और रिप्रोडक्टिव लाइफ पर भी बुरा असर पड़ता है। उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ भी खराब होने लगती है। कई मनोवैज्ञानिको के अनुसार ऐसी महिलाएं लंबे समय के लिए डिप्रेशन, एंजायटी का शिकार हो जाती हैं। खुद को दोषी मानने लगती हैं। कुछ भी गलत होने पर गर्भपात से उसे जोड़कर देखने लगती हैं, जिससे अंधविश्वास को भी बढ़ावा मिलता है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि * -------आखिर हमारा समाज महिला के जन्म को क्यों नहीं स्वीकार पाता है ? * -------भ्रूण हत्या और दहेज़ प्रथा के आपको क्या सम्बन्ध नज़र आता है ?
दहेज में परिवार की बचत और आय का एक बड़ा हिस्सा खर्च होता है. वर्ष 2007 में ग्रामीण भारत में कुल दहेज वार्षिक घरेलू आय का 14 फीसदी था। दहेज की समस्या को प्रथा न समझकर, समस्या के रूप में देखा जाना जरूरी है ताकि इसे खत्म किया जा सके। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आपके क्या विचार है ? *----- आने वाली लोकसभा चुनाव में दहेज प्रथा क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?
उत्तर प्रदेश राज्य के बांदा जिला से चंद्रकांति शुक्ल मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है की दहेज़ ना दे पाने के कारण कई माता पिता आत्महत्या करते हैं। इसलिए दहेज प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए क्योंकि कुछ ऐसे माता - पिता हैं जो कर्ज लेकर अपने बच्चो की शादी करते है
भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?
दहेज उत्पीड़न के मामले में अभियुक्त गिरिफ्टार बिन्दकी, फतेहपुर। दहेज के मामले में न्यायालय से फरार चल रहे अभियुक्तों को मुखवीर की सटीक सूचना पर आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर न्यायालय में पेश किया। जानकारी के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के दरबेशाबाद गांव से मुखवीर की सटीक सूचना पर पुलिस ने दहेज उत्पीड़न के मामले में एक वारंटी कलीम पुत्र इस्लाम को गिरफ्तार कर लिया पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का न्यायालय भेज दिया इस मामले में उप निरीक्षक अनीश कुमार सिंह ने बताया की वारंटी कलीम को मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार किया गया है कानूनी कार्रवाई करके न्यायालय भेज दिया गया।
जिला महाराजगंज निचलौल थाना क्षेत्र के बंदी बिशनपुर गांव में पति समेत चार पर दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज किया गया है