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बिहार सरकार में सुचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री का पद ग्रहण करने के बाद पहली बार अमनौर जाने के क्रम में नयागांव के शहीद राजेन्द्र स्मारक पर भाजपा नेता डॉ पंकज कुमार सिंह के नेतृत्व में गाजे-बाजे के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं व स्थानीय ग्रामीणों द्वारा कृष्ण कुमार मंटू जी का जोड़दार स्वागत किया गया। जहां समर्थन का उत्साह एवं उमंग चरम पर रहा और समर्थन एक झलक देखने को बेताब नजर आयें।
जन सुराज पार्टी की ओर से जन सुराज विस्तार कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य बिहार में सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन को गति देना है। इस अभियान के तहत अगले 100 दिनों में प्रतिदिन 1500 जन सुराज संवाद के तहत गांव-पंचायत में बैठकें आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया है। जिससे प्रदेश भर में जनता को जागरूक करने तथा संगठन विस्तार को मजबूती मिलेगी। साथ ही जन सुराज अभियान का उद्देश्य जनता के बीच संवाद स्थापित कर बिहार में एक बेहतर वैकल्पिक राजनीति की नींव रखना है।
नए नए आजाद हुए देश के प्रधानमंत्री नेहरू एक बार दिल्ली की सड़कों पर थे और जनता का हाल जान रहे थे, इसी बीच एक महिला ने आकर उनकी कॉलर पकड़ कर पूछा कि आजादी के बाद तुमको तो प्रधानमंत्री की कुर्सी मिल गई, जनता को क्या मिला, पहले की ही तरह भूखी और नंगी है। इस पर नेहरु ने जवाब दिया कि अम्मा आप देश के प्रधानमंत्री की कॉलर पकड़ पा रही हैं यह क्या है? नेहरू के इस किस्से को किस रूप में देखना है यह आप पर निर्भर करता है, बस सवाल इतना है कि क्या आज हम ऐसा सोच भी सकते हैं?
दिघवारा प्रखंड से अजय कुमार कि रिपोर्ट। अधिक जानकारी हेतु क्लिक करें या डाउनलोड करें।
समाज कि लड़ाई लड़ने वाले लोगों के आदर्श कितने खोखले और सतही हैं, कि जिसे बनाने में उनकी सालों की मेहनत लगी होती है, उसे यह लोग छोटे से फाएदे के लिए कैसे खत्म करते हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कोई प्रभावशाली व्यक्ति ने इस तरह काम किया हो, नेताओं द्वारा तो अक्सर ही यह किया जाता रहा है। हरियाणा के ऐसे ही एक नेता के लिए ‘आया राम गया राम का’ जुमला तक बन चुका है। दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं? आपको क्या लगता है कि हमें अपने हक की लड़ाई कैसे लड़नी चाहिए, क्या इसके लिए किसी की जरूरत है जो रास्ता दिखाने का काम करे? आप इस तरह की घटनाओं को किस तरह से देखते हैं, इस मसले पर आप क्या सोचते हैं?
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