जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3

सोनपुर मेले में मियां मिठाई,पापड़ी की खुशबू का जादू,मेलार्थियों की पहली पसंद बनी मियां मिठाई व पापड़ी मेलार्थियों की पहली पसंद बनी पापड़ी सोनपुर । 32दिनों तक लगने वाली ऐतिहासिक सोनपुर मेले की रंगीनियत और चहल-पहल के बीच एक खास आकर्षण बनकर उभरी है वैशाली जिले के राघोपुर के राम भजन राय सुबोध राय, नितीश कुमार की पापड़ी की दुकान। इसके अलावा यहां दर्जनो दुकान मेले की शोभा बढ़ा रही है। पापड़ी को यहां मियां मिठाई भी कहते हैं। लकड़ी बाजार से चिड़िया बाजार की ओर बढ़ते ही सोंधी-सुंधी खुशबू आने वाले हर राहगीर को अपनी ओर खींच लेती है। यह खुशबू किसी और की नहीं, बल्कि मेले की मशहूर पापड़ी की है, जो मेले में हर उम्र के लोगों को लुभा रही है। दुकान पर पापड़ी के साथ मंसूर,खस्ता खजूरी और ग्लूकोज मिठाई यहां तक की गाजर के साथ अन्य समाग्री मिलाकर घी के बने गाजर के हलुआ भी उपलब्ध है, जो मेले में मिठास घोल रही है।मेले में पापड़ी की सबसे बड़ी खासियत इसकी ताजगी और पारंपरिक स्वाद है। दुकानदार का कहना है कि , "हम इसे शुद्ध सामग्री और पुराने पारंपरिक तरीके से तैयार करते हैं, जिससे इसका स्वाद और खुशबू अनोखी बन जाती है।" यही कारण है कि उनकी दुकान पर आने वाले ग्राहक हर बार कुछ नया अनुभव लेकर जाते हैं। सोनपुर मेले की भीड़ और रौनक के बीच यादव जी की दुकान न सिर्फ मिठाई बेच रही है, बल्कि लोगों को पुराने जमाने के पारंपरिक स्वाद की याद दिला रही है। यहां आने वाले ग्राहक इस मियां मिठाई व पापड़ी को अपने घर ले जाने के लिए बड़े उत्साह से खरीद रहे हैं। यह स्वाद न सिर्फ उनके मेले की यादों में मिठास घोलता है, बल्कि उनके रिश्तों में भी। इस साल अनेको दुकान मेले के सबसे लोकप्रिय स्टालों में से एक बन गई है। हर दिन यहां ग्राहकों की भीड़ उमड़ती है, जो उनके उत्पादों की गुणवत्ता और स्वाद का प्रमाण है। सोनपुर मेले में आए कई पर्यटक और स्थानीय लोग उनकी मिठाइयों की तारीफ करते नहीं थकते। ऐसे में सोनपुर मेले की यह पापड़ी की दुकान न केवल व्यापार का माध्यम बनी है, बल्कि सोनपुर मेले की पारंपरिक और सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत कर रही है। राघोपुर के निवासी राम भजन राय ने बताया कि मेरे यहां 140 से 300 रूपये तक, खजुरी 100,मंचूरियन मिठाई 160 रूपये जबकि गाजर हलुआ 160 से 200 रूपये किलो बिक्री का है। उन्होंने कहाँ कि मेला मे जितनी भीड़ हो रही है उस हिसाब से बिक्री नहीं है। जमीन व बनाने वाले समानों के दाम मे बढ़ोतरी होने से इस साल हर समान मे मात्र 10%के बृद्धि की गयी है। अपने पुस्तानी धंधे को बरकरार रखते हुए सोनपुर मेला मे आकर बेचते है।

साथियों, मनुष्य एवं समस्त प्राणी जगत को जीवित रहने के लिए भोजन एक प्रमुख संघटक होता है। और भोजन पाना हर व्यक्ति का अधिकार होता है लेकिन दुर्भाग्य से दुनिया में हर किसी के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है कई लोग ऐसे हैं, जो हर दिन भूखे पेट सोने को बेबस हैं । लेकिन दूसरी ओर यह भी देखने को मिलता है की लोग भोजन की बर्बादी भी करते हैं। लोगों में भोजन के महत्व को समझाने और जरूरतमंद लोगों को दो वक्त के भोजन मिल पाए इस उद्देश्य से हर वर्ष 16 अक्टूबर को विश्व खाद दिवस मनाया जाता है।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

Transcript Unavailable.

इस भीषण गर्मी से बचना है तो इन बातों का हमेशा ध्यान रखना है। नियमित रूप से पानी पीना, भोजन में पौष्टिक तत्व और ठंडी चीज़ों को शामिल करना और हल्का भोजन करना। अगर आपने इस भीषण गर्मी से बचने के लिए कोई खास तरीका अपनाया है या फिर अपने भोजन में किसी तरह की कोई खास चीजें शामिल की हैं, जिससे कि इस भीषण गर्मी में कुछ राहत मिल सके, तो अपने ये उपाय सभी के साथ जरूर बांटें।

दोस्तों मानव शरीर के निर्माण में भोजन एक महत्वपूर्ण तत्व है। प्रकृति ने कई प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाए हैं जो महत्वपूर्ण और आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त कोशिकाओं और शरीर के ऊतकों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं, तभी तो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन करने की आवश्यकता होती है। साथियों, दुनिया भर में दूषित भोजन खाने से लाखो लोग मौत मुंह में समां जाते हैं।यह दिवस लोगों को याद दिलाता है कि शुद्ध और सुरक्षित भोजन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है और यह सभी लोगों का अधिकार भी है। हर साल UN फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) एक थीम निर्धारित करता है जिसके तहत विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।इस वर्ष World Food Safety Day 2024 की थीम है, ‘सुरक्षित भोजन बेहतर स्वास्थ्य’. तो साथियों आइए हम सब मिलकर विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाये और हर दिन शुद्ध और सुरक्षित भोजन का सेवन करें। धन्यवाद !!

बिहार राज्य के जिला सारण से अजय कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि सारण जिले के ठाकुरबारी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा किया गया 85 टीवी मरीजों के बीच पौष्टिक आहार का वितरण