सोनपुर मेले के समापन के बाद भी लोगों की भीड़ उभर रही है. 13 नवंबर से शुरू हुई यह मेले का समापन 14 दिसंबर के होने के बाद भी मेलार्थियों की भीड़ उभर रही है. मेलार्थी अपने समर्थ के अनुसार से सामग्री जरूरत की खरीदारी कर रही है.

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मेलार्थियों को खूब भा रही मधुबनी की सिक्की कला शिल्पी सोनी लुप्त होती जा रही सिक्की कला में नया रंग भरकर कर रही जीवंत सोनपुर। 32 दिनों तक सरकारी स्तर पर लगने वाली विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला के महिला विकास निगम के प्रदर्शनी में मधुबनी की सिक्की कला मेलार्थियों को खूब भा रहा है। वहीं मेलार्थियों के बीच मधुबनी का यह कला आकर्षण का केंद्र बना है। इस कला को जानने के लिए मेलार्थियों में उत्सुकता दिखी। प्रदर्शनी में घूमने आने वाले मेलाथर्थी इस कला को बारीकी से देख कर खरीदारी कर रहे है । मधुबनी जिला के पंडौल प्रखंड के शाहपुर गांव की रहने वाली रेणु देवी ने सोनपुर मेला में समाज कल्याण विभाग के तहत महिला एवं वाल विकास निगम में हाथ के कला व शुद्ध व्यंजन के अलवा कपड़े पर एक से बढ़कर एक डिजाइन मधुवनी पेंटिंग के तहत हाथ के कला प्रस्तुति देकर कपड़े को बेच रही है वही दूसरी ओर हाथ के पुरानी परम्परा जो बिलुप्त हो रही उसे जीवंत रखते हुए सिक्की कला के एक से बढ़कर एक डिजाइन मधुवनी जिले से लाकर प्रदर्शनी भी लगाई है। रेणु, सोनी दोनों ने प्राचीन हस्तशिल्पों में से एक सीक की कला को संजोकर रखते हुए इस कला के गुर को सीखा कर अपने जैसी ही अन्य महिलाओं को भी स्वावलंबी बनाने का काम कर रही है। रेणु देवी ने बताई की स्वयं सहायता समूह के तहत जुड़कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह गुर सीखकर एक से बढ़कर सिक्की के समान बनाते है। ₹100 से लेकर ₹1000 तक के समान सिक्की के बनाकर बिक्री की जाती है। रेणु व सोनी ने बताया कि उन्होंने सिक्की कला अपनी दादी, माँ से सीखी थी। इस हस्तशिल्प कला को उन्होंने व्यवसाय का जरिया बना लिया। साथ ही इस कला के माध्यम से अपने गांव की छह दर्जन से अधिक महिलाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराए है। सोनी, रेणु ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटियों को भी इस हस्तशिल्प कला का प्रशिक्षण दिया है। ताकि भविष्य में भी बिहार की यह कला जीवित रह सकें। उन्होंने बताया कि इस मेला में रोटी डब्बा 800 रुपए, पंखा 200 रुपए, कान का झुमका 100 रुपए, फूड बास्केट 500 रुपए, पौती 300 से 500 रुपए रखी। घर के सजावट व पुरानी परम्परा को यदगार रखने व शौकीन लोग मेले से सक्की के बने समाग्री खरीद कर ले जा रहे हैं। रेणु देवी करती है कि वह दिल्ली, कोलकाता, पटना सहित अन्य शहरों मे जाती है जहां सरकारी स्तर पर बाजार लगती है। सोनपुर मेला सहित अन्य बजरो में जाकर सिक्की के बने सामग्री को बेचती है।यहां तक के शुद्ध भुजा, सत्तू, अचार भी मेले मे लाकर बेच रहे है।

सोनपुर मेला परिसर में माइंड फास्ट 2024 प्रतियोगिता का हुआ आयोजन प्रथम द्वितीय तृतीय प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को डीएम ने किया पुष्कृत सोनपुर। सोनपुर मेला मे रेरा बिहार (भु सम्पदा विनियामक प्राधिकरण ) एवं जिला प्रशासन सारण के सौजन्य से माइंड फेस्ट 2024 के तहत शनिवार के दिन मेला क्षेत्र के गज ग्राह चौक स्थित संगत हॉल मे राज्य के कोने -कोने से आने वाले होनहार स्कूल, कॉलेज के बच्चों एवं अन्य लोगो को एक दिवसीय कार्यक्रम में इंडिया क्विज, सामान्य ज्ञान आधारित जनरल क्विज एवं क्रिप्टिक क्रॉसवर्ड प्रतियोगिता आजोयित की गई। जिसमे भारी संख्या मे स्कूल कॉलेज के छात्र छात्र एवं प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें क्विज प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों ने दो-दो सदस्य की टीम एवं क्रिप्टिक क्रॉसवर्ड प्रतियोगिता में एकल भाग लिया जिसमे क्विज प्रतियोगिता से संबंधित प्रश्न पूछे गए. होनहार विद्यार्थियों एवं अन्य लोगो ने प्रश्नों को जवाब दिया। सभी प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को मोमेंटो व प्रशस्तिक पत्र देकर सारण डीएम ने सम्मानित किया ।इस प्रतिभागियों का हुजूम, क्रॉसवर्ड में आ‌द्या सिंह अव्वल, क्विज में विशाल और बिशाल राज की जोड़ी चमकी। क्रिप्टिक क्रॉसवर्डः ओपन श्रेणी के विजेता मे प्रथम पुरस्कार आद्या सिंह द्वितीय नन्य देव सिंह तृतीय dhary पांडे क्रिप्टिक क्रॉसवर्डः स्कूल श्रेणी के विजेता प्रथम पुरस्कारः अर्पित कमल द्वितीय अमृत कमल, तृतीय सुर्वी कुमारी क्रिप्टिक क्रॉसवर्ड: कॉलेज श्रेणी के विजेता प्रथम पुरस्कारः शिवानी कुमारी द्वितीय पुरस्कारः अमन कुमार तृतीय उत्पल कुमार क्विज प्रतियोगिताएं दो चरणों में आयोजित की गयी जिसमे सोनपुर माइंड फेस्ट में आयोजित इंडिया क्विज और जनरल क्विज दोनों में ही विशाल और बिशाल राज की जोड़ी ने जीत हासिल की। दो चरणों में आयोजित दोनों की प्रतियोगिताओं में लिखित परीक्षा और ऑन स्टेज राउंड में प्रदर्शन के आधार पर विजेता घोषित किये गए। दोनों प्रतियोगिताओं में ओपन, स्कूल एवं कॉलेज की श्रेणी में ईनाम दिये गए। इंडिया क्विजः ओपन श्रेणी के विजेता प्रथम पुरस्कारः विशाल एवं बिशाल राज,द्वितीय अमृत कमल एवं अमृत कमल,तृतीय पुरस्कार: उत्पल कुमार एवं शिवांगी चंद्रायन इंडिया क्विजः स्कूल श्रेणी के विजेता मे धैर्य पांडे एवं श्रद्धा श्री दुतिये मे निधि कुमारी एवं सुहानी कुमारी वही कॉलेज श्रेणी मे प्रथम अमन कुमार व शिवानी शिवानी,जीइसी वैशाली, द्वितीय शिवम कुमार एवं कामरान अली (आईजीआईएमएस, पटना) जनरल क्विजः ओपन श्रेणी के विजेता प्रथम पुरस्कारः बिशाल एवं विशाल राज,द्वितीय: अमृत कमल एवं निक्की कमल तृतीय गाम्भीर्य महानता एवं श्रद्धा श्री जनरल क्विजः स्कूल श्रेणी के विजेता प्रथम पुरस्कारः राजनन्दिनी एवं राखी कुमारी द्वितीय पुरस्कारः सुरवी कुमारी तृतीय सुमित कुमार जनरल क्विजः कॉलेज श्रेणी के विजेता प्रथम पुरस्कारः शिवम कुमार एवं कामरान अली (आईजीआईएमएस, पटना) द्वितीय पुरस्कार: शिवानी कुमारी एवं अमन कुमार (जीईसी, क्रोज़ी) तृतीय पुरस्कारः शिवांगी चंद्रायन उत्पल कुमार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रेरा-बिहार के अध्यक्ष श्री विवेक कुमार सिंह, आईएएस और जिलाधिकारी, सारण श्री अमन समीर, आईएएस ने विजेताओं और प्रतिभागियों को बधाई दी एवं पाठ्येतर गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में निम्नलिखित विशिष्ट अतिथियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की- श्री यतेंद्र कुमार पाल, डीडीसी, सारण,आशीष कुमार एसडीएम, सोनपुर,आलोक कुमार, सचिव, रेरा-बिहार,राजेश थडानी, ओएसडी, रेरा-बिहार रवि प्रकाश, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी संजीव वर्मा, मीडिया कंसल्टेंट, रेरा-बिहार सभी तीन प्रतियोगितओं में ओपन श्रेणी की विजयी टीमों को 1500, 1000 एवं 500 रुपये की पुरस्कार राशि भेंट की गई।

धनुष कुटीर आश्रम सोनपुर में यात्री निवास के निर्माण व सौंदर्य करण कार्य का मंत्री ने किया शिलान्यास सोनपुर। हरी और हर की धरती पर बिहार सरकार के पर्यटन एवं उद्योग विभाग के मंत्री नीतीश मिश्रा ने शनिवार को सोनपुर पहुँच कर कालीघाट (धनुष कुटीर आश्रम) में यात्री निवास के निर्माण कार्य का शिलान्यास करने के उपरांत उन्होंने कहा कि वर्तमान यात्री निवास पर्यटकों की संख्या के लिए काफी छोटा है एवं जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है।पर्यटकों की सुविधा हेतु 4 करोड़ 98 हजार 37 हजार 200 रूपये की लागत से एक नया चार मंजिला यात्री निवास का निर्माण किया जा रहा है। इसके भूतल पर एक हॉल, प्रथम एवं द्वितीय तल पर एक-एक अदद महिला डॉरमेट्री एवं पुरूष डॉरमेट्री, तृतीय तल पर कुल 08 कमरों का निर्माण शौचालय सहित किया जाना है। प्रत्येक तल का निर्मित क्षेत्रफल करीब 2800 वर्गफीट का होगा। इसके निर्माण से सोनपुर में आने वाले पर्यटकों को काफी सहुलियत होगी। इस मौके पर स्थानीय विधायक रामानुज प्रसाद, स्थानीय सांसद प्रतिनिधि श्री राकेश सिंह, समाजसेवी लालबाबू पटेल उपस्थित थे। कार्यक्रम में बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लि०, पटना के प्रबंध निदेशक नन्द किशोर, महाप्रबंधक (योजना एवं विकास) अभिजीत कुमार, मुख्य अभियंता अशोक कुमार उपस्थित थे। वही धनुष कुटी आश्रम के संत बालक बाबा ने कहाँ कि इस भूमि पर स्वयं भगवान श्री हरि सुदर्शन चक्र से ग्राह को मार कर गज को मुक्त किया हरिहर क्षेत्र महोत्सव की स्थापना कर महाकुंभ की भांति हरिहर क्षेत्र महोत्सव सोनपुर मेला का आयोजन की स्थापना किया जो आज भी जीवंत है ,सत्य धर्म और न्याय का प्रतीक गजेंद्र मोक्ष कथा वैश्विक मानचित्र पटल पर अंकित है । हाथी का इकलौता प्रदर्शनी छोटा पक्षी से लेकर हाथी तक का इकलौता पशु मेला जो आदिकाल से भारतीय संस्कृति सभ्यता एवं वैदिक परंपरा की पहचान रही है, जो पूर्णतया विघटित हो चुका है। जिसके सिलसिले में आमूल चूल परिवर्तन किया जाना परम आवश्यक प्रतीत हो रहा है।इस स्थल पर सालो भर तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों स्नानानार्थियों साधु संत अतिथियों के सेवा में यहां के लोग सदा तत्पर है। अतएव पर्यटकों, तीर्थ यात्रियों, साधु संत अतिथियों के सुविधा के दृष्टिकोण से धनुष कुटीर आश्रम का विकास एवं सौंदर्यीकरण कार्य योजना का डीपीआर तैयार किया गया है इसके पूर्ण निर्माण में करीब 24.50 को रुपए की योजना कुशल इंजीनियर के द्वारा की गई है। वही सोनपुर विधायक डॉ रामानुज प्रसाद ने शनिवार के संध्याकालीन कालीघाट पर गंगा आरती मे भाग लिए।

सोनपुर मेले में मियां मिठाई,पापड़ी की खुशबू का जादू,मेलार्थियों की पहली पसंद बनी मियां मिठाई व पापड़ी मेलार्थियों की पहली पसंद बनी पापड़ी सोनपुर । 32दिनों तक लगने वाली ऐतिहासिक सोनपुर मेले की रंगीनियत और चहल-पहल के बीच एक खास आकर्षण बनकर उभरी है वैशाली जिले के राघोपुर के राम भजन राय सुबोध राय, नितीश कुमार की पापड़ी की दुकान। इसके अलावा यहां दर्जनो दुकान मेले की शोभा बढ़ा रही है। पापड़ी को यहां मियां मिठाई भी कहते हैं। लकड़ी बाजार से चिड़िया बाजार की ओर बढ़ते ही सोंधी-सुंधी खुशबू आने वाले हर राहगीर को अपनी ओर खींच लेती है। यह खुशबू किसी और की नहीं, बल्कि मेले की मशहूर पापड़ी की है, जो मेले में हर उम्र के लोगों को लुभा रही है। दुकान पर पापड़ी के साथ मंसूर,खस्ता खजूरी और ग्लूकोज मिठाई यहां तक की गाजर के साथ अन्य समाग्री मिलाकर घी के बने गाजर के हलुआ भी उपलब्ध है, जो मेले में मिठास घोल रही है।मेले में पापड़ी की सबसे बड़ी खासियत इसकी ताजगी और पारंपरिक स्वाद है। दुकानदार का कहना है कि , "हम इसे शुद्ध सामग्री और पुराने पारंपरिक तरीके से तैयार करते हैं, जिससे इसका स्वाद और खुशबू अनोखी बन जाती है।" यही कारण है कि उनकी दुकान पर आने वाले ग्राहक हर बार कुछ नया अनुभव लेकर जाते हैं। सोनपुर मेले की भीड़ और रौनक के बीच यादव जी की दुकान न सिर्फ मिठाई बेच रही है, बल्कि लोगों को पुराने जमाने के पारंपरिक स्वाद की याद दिला रही है। यहां आने वाले ग्राहक इस मियां मिठाई व पापड़ी को अपने घर ले जाने के लिए बड़े उत्साह से खरीद रहे हैं। यह स्वाद न सिर्फ उनके मेले की यादों में मिठास घोलता है, बल्कि उनके रिश्तों में भी। इस साल अनेको दुकान मेले के सबसे लोकप्रिय स्टालों में से एक बन गई है। हर दिन यहां ग्राहकों की भीड़ उमड़ती है, जो उनके उत्पादों की गुणवत्ता और स्वाद का प्रमाण है। सोनपुर मेले में आए कई पर्यटक और स्थानीय लोग उनकी मिठाइयों की तारीफ करते नहीं थकते। ऐसे में सोनपुर मेले की यह पापड़ी की दुकान न केवल व्यापार का माध्यम बनी है, बल्कि सोनपुर मेले की पारंपरिक और सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत कर रही है। राघोपुर के निवासी राम भजन राय ने बताया कि मेरे यहां 140 से 300 रूपये तक, खजुरी 100,मंचूरियन मिठाई 160 रूपये जबकि गाजर हलुआ 160 से 200 रूपये किलो बिक्री का है। उन्होंने कहाँ कि मेला मे जितनी भीड़ हो रही है उस हिसाब से बिक्री नहीं है। जमीन व बनाने वाले समानों के दाम मे बढ़ोतरी होने से इस साल हर समान मे मात्र 10%के बृद्धि की गयी है। अपने पुस्तानी धंधे को बरकरार रखते हुए सोनपुर मेला मे आकर बेचते है।

सोनपुर मेला में विज्ञान एवं प्रद्योगिक विभाग के लगायी गयी प्रदर्शनी का विभागीय मंत्री सुमित कुमार सिंह ने फीता काटकर किया उद्घाटन सोनपुर। विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला मे शुक्रवार को सूबे के विज्ञान एवं प्रद्योगिकी सह सारण जिला प्रभारी सुमित कुमार सिंह ने कहा कि बिहार विकास की और बढ़ रहा है। बिहार में इंजीनियरिंग की पढ़ाई मात्र 10 रुपए में और पोलटेक्निक कि पढ़ाई मात्र 5 रुपये में होता है। हिंदुस्तान क्या पूरे विश्व में सस्ता तकनीकी की पढ़ाई नहीं होता होगा। मंत्री सुमित कुमार सिंह ने 32 दिनों तक सरकारी स्तर पर लगने वाली सोनपुर मेले के उद्घाटन के 16 दिनों के बाद सोनपुर मेला में विज्ञान एवं प्रद्योगिक विभाग के लगायी गयी प्रदर्शनी का फीता काटकर उद्घाटन किया। मंत्री ने लगायी गयी प्रदर्शनी को बारीकी से अवलोकन करते हुए मंत्री ने सोनपुर मेला के बारे में बताया पहले के सोनपुर मेला ओर आज के सोनपुर मेला में बहुत अंतर हो गया है। मौके पर विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

सोनपुर मेले मे ही मात्र बिकती बच्चो को लुभाने वाले मिट्टी के बने धीरनी व सिटी सोनपुर। हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में घुमने के बाद एक बात समझ में आती है कि मॉल और डिजनीलैंड के इस दौर में हमारी परंपरा और संस्कृति आज भी जीवित व क़ायम है. यहां हाथों से बनी खूबसूरत खिलौने बिक रहे हैं, जिन्हें कभी बचपन में गांव के मेले में देखा जाता था. इन खिलौनों को देख कई लोगों की बचपन की यादें ताजी हो जाती है. सोनपुर मेला में हाथ से बने खिलौने को बेचने वाले लोग इस बार बड़ी संख्या में देखे जा रहे हैं. इसमें बुजुर्ग, युवा और महिलाए भी शामिल हैं. जो आसपास के जिलों के विभिन्न गांवों से मेले में घूम-घूम कर मिट्टी की सीटी और घिरनी बेच रहे हैं. मेले में कई जगहों पर इनकी चलंत दुकानें लगी है. आज जहां हर बच्चे की जुबान पर स्मार्टफोन, लैपटॉप, रिमोट कंट्रोल कार और रोबोट का नाम रहता है, मगर महंगे खिलौने में वह भावनात्मक एहसास नहीं होता जो मेले में आकर महसूस होता है. हाथों से बनी मिट्टी की सीटी और घिरनी आज से नहीं कई दशकों से सोनपुर मेले का आकर्षण बनी हुई है. मेले का स्वरूप बदला,इसकी अवधि में तब्दीलियां हुई सब कुछ बदला मगर मिट्टी की सीटी और घिरनी नहीं बदली, मेले में पहुंचने वाले बुजुर्गों ने बताया कि चाहे कितनी भी आधुनिकता आ जाये लेकिन इस सीटी का रूप नहीं बदला, उनका मानना है कि मेले में पहुंचने वालों की उम्र कितनी भी क्यों न हो जाये, लेकिन लकड़ी की बनी गाड़ीऔर मिट्टी की बनी सीटी व घिरनी आदि की मांग हमेशा बनी रहेगी. डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ते जमाने में भी मात्र सोनपुर मेले में बिक रहे मिट्टी के बने खिलौने हर लोगों को उनके बचपन के दिनों की याद दिलाते हैं। हाथों से बनी मिट्टी की सीटी और घिरनी आज से नहीं कई दशकों से सोनपुर मेले का आकर्षण बनी हुई है। सोनपुर मेले में ही इतनी बढ़ती महगाई मे भी आज भी 10 रूपये मे 4 मिट्टी के बने धीरनी व सिटी बच्चो को मन बहलाने मे काफी है।हर लोग छोटे छोटे बच्चे के लिए इस मेले से मिट्टी के बने घिरनी व सिटी जरूर ले जाते है। सिटी व धीरनी बिक्रेताओं ने बताया कि पीठी दर पीठी से मात्र सोनपुर मेला मे मिट्टी के बने सिटी व धीरनी बिक्री होती है इसलिए हमलोग सोनपुर मेला मे आकर बेच कर किसी तरह से अपना व अपने परिवार के भरण पोषण करते है।

हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में जुट रही है लोगों की भारी भीड़ सोनपुर। 32 दिनों तक सरकारी स्तर पर लगने हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में उद्घाटन के बाद से लगातार लोगों की भीड़ जुट रही है. यहां तरह-तरह के झूले व लजीज व्यंजनों का आनंद लोग ले रहे हैं. पूरा मेला परिसर हर दिन लोगों से भर जा रहा है. दर्जनों झूले, सर्कस, जादू,मौत की कुआँ,व लगभग खान पान व घरेलू जरूरी सामान की दुकानों पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है. मेले में सजी दुकानों में लोगों की जरूरत का लगभग हर सामान उपलब्ध है. पूरे मेला परिसर में 2500 से भी अधिक छोटी-बड़ी दुकानें लगायी गयी हैं.मेले मे जन जागरूकता के लेकर सरकारी स्तर पर दर्जनों विभाग के प्रदर्शनी लगायी गयी जिससे मेलार्थी उसका लाभ उठा सके। यहां आये मेलार्थी पहले विभिन्न प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे हैं. उसके बाद अपने परिजनों के साथ जमकर खरीदारी करते नजर आ रहे हैं और स्वादिष्ट व्यंजन का लुभत उठाते हुए घर जाते समय मेले से कुछ न कुछ जरूरत समाग्री भी खरीद कर ले जाते है। सोनपुर मेला इस बार पूरे उत्साह के साथ मेलार्थियों का स्वागत कर रहा है. वहीं लोगों की भीड़ को देख स्थानीय दुकानदार भी काफी उत्साहित हैं. मेले में प्रतिदिन 60 से 70 हजार लोग आ रहे हैं. जबकि शनिवार व रविवार को पांच लाख से अधिक लोग जुट रहे हैं. मेले में अब तक 40 करोड़ से अधिक के कारोबार की बात कही जा रही है. 32 दिनों तक चलने वाले इस मेले के अभी 19 दिन ही गुजरे हैं. मेला का समापन 12 दिन शेष रह गए है. ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है कि मेला के समापन होने तक यहां 100 से 120 करोड़ से भी अधिक का कारोबार होने की संभावना है ।

सोनपुर में 17 पंचायत मे पैक्स चुनाव के मतगणना के परिणाम निकलते ही कहीं खुशी तो कहीं गम अधिकांश पूर्व पैक्स अध्यक्ष रहे पुनः सत्ता पर कावीज सोनपुर। सोनपुर प्रखंड के 23 पंचायत में से 17 पंचायतो मे पैक्स का चुनाव कराया गया था जिसमें कसमर, सैदपुर,रसूलपुर में निर्विरोध चुने गए। वही सोनपुर कृषि साख सहयोग समिति (पैक्स ) के 14 पंचायत में चुनाव शुक्रवार को कराया गया। जहाँ मतगणना शनिवार को प्रशासन के चाक चौबद व्यवस्था के बीच सीसीटीवी कैमरे के निगरानी में एसपीएस सेमिनरी स्कूल सोनपुर में पैक्स अध्यक्ष एवं समिति सदस्यों का मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू हुआ। मतदताओं ने अपनी कीमती वोट चेहते प्रत्यासियो को शुक्रवार को वोट दिया था । शुक्रवार के दिन कुल 14 पंचायत में मतदान हुआ था जिसमें कुल मतदाता 21947 था जिसमें 11625 मतदाताओं ने अपना मत दिया. कुल 52.97% मतदान हुआ था। एसपीएस स्कूल सोनपुर मे बनाये गए मतगणना केंद्र के आसपास स्थल में अभ्यर्थियों सहित उनके समर्थको मे काफी उत्साह दिखा। सुबह से ही अभ्यर्थियों के समर्थक बाबा हरिहरनाथ से जीत दिलाने के लिए गुहार लगाई वहीं दिन के 11:00 के बाद सिर्फ परिणाम का आना शुरू हुआ जो देर संध्या तक लगातार चलता रहा। चुनाव के परिणाम प्रखंड विकास पदाधिकारी सह निर्वाची पदाधिकारी ओरमां मोदी ने कर दी। परिणाम की घोषणा सुनते ही जीते प्रत्याशी के समर्थकों में खुशी के लाहर दौड़ गई तो हारे हुए अभ्यर्थी के साथ उनके समर्थक निराशा देखी गई। जीत की घोषणा के बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष के बाहर आने पर समर्थकों ने जमकर खुशी मनाएं। और नव निर्वाचित को गुलाल अबीर और फूल माला से ढक दिया। इस दौरान जिंदाबाद के जय घोष से पूरा हरिहर क्षेत्र की नगरी गुजता रहा। नव निर्वाचित जीते हुए सदस्य के समर्थको ने एक -दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत का जश्न मनाया। निर्वाचन पदाधिकारी (स०स०) सह-प्रखंड विकास पदाधिकारी सोनपुर ओरमा मोदी ने बतायी कि सभी जिते हुए उम्मीदवार को प्रमाण पत्र दे दी गयी है। पैक्स अध्यक्ष विजेता उम्मीदवार का नाम इस प्रकार के है 1 हासिलपुर --मुकेश कुमार सिंह 2 नयागांव --निरज कान्त पाठक,3--गोपालपुर--सुनिल कुमार सिंह,4 चतुरपुर --राकेश कुमार सिंह,5 खरिका --प्रभावती देवी,6 --भरपुरा - विद्यानन्दन सिंह, 7 शाहपुर दियारा--ब्रजभुषण राय - 8 जहांगीरपुर --शिववचन सिंह,9 राहर दियारा नजरमीरा--जालंधर राय ,10 शिकारपुर --सुबोध सिंह,11--कल्याणपुर --सुभाष राय,12 सबलपुर पश्चिमी --सुनिता देवी,13 सबलपुर पूर्वी--मंटु राय,14 सबलपुर उत्तरी --अमोद कुमार,15 रसुलपुर--विजय कुमार निर्विरोध --16 सैदपुर --मालती देवी --निर्विरोध,17 कसमर --रन विजय सिंह निर्विरोध चुने गए है। बतादे कि 14 पंचायत के पैक्स अध्यक्ष उम्मीदवार में 12 उम्मीदवार पूर्व के पैक्स अध्यक्ष है। पैक्स अध्यक्ष में पुनः जीत हासिल करने वाले वैसे उम्मीदवारों के विषय में मतगणना स्थल रहे सैकड़ो ग्रामीणों का कहना है कि पैक्स मे नाम जोड़ने का अधिकार पैक्स अध्यक्ष को है। इस परिस्थिति में सरकार के बनाई गई नीति से अधिकांश पैक्स अध्यक्ष वही रहेंगे यह तो सिर्फ नाम की चुनाव होती है। जिसके हाथ में चाबी हो तो तला तो वही खोलेगा ही। सरकार को नियम में बदलाव करने की जरूरत है। धरातल पर यही सच्चाई है कि पैक्स अध्यक्ष अपने मनमर्जी से वैसे मतदाता को नाम जोड़ते है जो चुनाव या उनके कार्य प्रणाली मे सहयोग करे। वैसे लोग वंचित हो जाते है जो वाकई मे पैक्स के सही हकदार है। पैक्स अध्यक्ष अधिकांश अपने रिस्तेदार, अपने चेहते को पैक्स के सदस्य बनाते है जिसके कारण पैक्स के वैसे लोग पैक्स के सदस्य नहीं बनते जिसके वे हकदार है।