हाथीपोल, उदयपुर से नाज़रात बोल रहे है की उनके पति गुजर गए थे जब वह गर्ववती थी (7 महीना) | उनके डिलीवरी के बाद उनके ससुराल वाले उनको घर से निकाल दिया था | इस बात को 13 साल हो गया है और वह सिलाई करती है और खुद की और अपने बच्चे की ख्याल रखने की कोशिश करती है | उन्होंने दूसरी शादी नहीं की | अभी उनको आर्थिक समस्या हो रही है और उनको समझ नहीं आ रहा कि क्या करे, इसलिए वह मदद मांग रहे है |

पहचान छुपके कॉलर अपने साथ हुए घरेलु हिंसा की रिपोर्टिंग कर रहे है | वह उदयपुर से बोल रहे है और उनके ससुराल वाले ने उनको घर से निकाल दिया था जब उनकी बेटी 16 महीने की थी और अब वह 3 साल की हो गई है | उनके पति ने तब से लेकर अभी तक अपने बेटी की शकल नहीं देखा है | उन्होंने कोर्ट पर केस किया हुआ है पर अभी तक कोई सुरहा नहीं मिला है और उनको कोई मदद नहीं मिल रहा है | वह चाहते है की उनको उनकी ससुराल में सुरक्षित पहुँचाया जाये | उनके ससुराल वाले नहीं मानते है की उनके छोटे बेटे (कॉलर के पति) का शादी हुआ है, कॉलर के जेठ और जेठानी उनको घर वापस आने नहीं देते है | वह लोग मकान के बारे में भी बोलते है पर मकान का कोई कागज़ाद नहीं है | कॉलर अपनी 3.5 साल की बेटी का अकेला वहन कर रहे है और मदद मांग रहे है क्यूंकि उनके पति उनका कोई मदद नहीं कर रहे, वह उदयपुर में ही रहते है पर कोई खबर नहीं लेते है, और कॉलर के फ़ोन नंबर भी ब्लॉक कर रखा है | कॉलर की बेटी अब अपने पिता के बारे में पुछते है पर वह कोई जवाब नहीं दे पाते | कॉलर अपनी बेटी के खातिर अपनी ससुराल वापस जाना चाहती है |

सुरक्षा सखी पूजा राणा, जो बड़गांव उदयपुर से महिला और लड़कियों के लिए बोलना चाहती है की सार्वजनिक जगह या कहीं भी स्कूल के टाइम पर अगर लड़के बैठे रहते है तो इससे लड़कियों की सुरक्षा प्रभावित होती है और किडनैपिंग के केस ज्यादा बढ़ता है.

अस्तु सिंघल, जो की रामसीन की रहने वाली है और वह बच्चों के लिए कुछ कहना चाहती है की हमारे सार्वजनिक स्थान है जैसे मंदिर है और चौराहा हैं और मंदिर के पास में जो नदी हैं वहां पर चाहती है कि लाइट लगे क्योंकि वहां पर अंधेरा रहता है और वहां पर कुछ सुनसान जगह पड़ी है क्योंकि वहां बच्चे को सबसे ज्यादा खतरा है और दूसरी बात यह थी कि जो बच्चिया स्कूल जाती है, उसके एकदम सामने होटल है वहां शराबी लोग बैठे रहते है, बुरी निगाहो से देखते रहते है. तो चाहती है की वहां पर पुलिस-प्रशासन रहे और जो मैं यह बात स्कूल से प्रिंसिपल से कहु तो वह मेरे बात को सुने और साथ ही पुलिस कर्मी भी उस पर गौर करें और उस पर कदम उठाएं

वर्त्तमान में जो समस्या है, उसको लेकर सुरक्षा सखी की बहुत जरुरत है, चारो तरफ का जो माहौल है वह असुरक्षित है, कही पर भी महिला, बच्चियाँ सुरक्षित नहीं है, आज सुरक्षा के उपायों की जरुरत है, लोग कहते है जो लोग पढ़े लिखे नहीं है उनमें क्राइम ज्यादा होता है जबकि ऐसा नहीं है, जहाँ पर जितना अधिक पढ़े लिखे लोगो होते है, वहां पर उतना ही माहौल ख़राब रहता है. फर्क इतना ही होता है की उनके खिलाफ शिकायत करेंगे तो पुलिस कभी कार्यवाही नहीं करेंगी, कोई भी उनके खिलाफ नहीं जाता है, जैसे नेता मंत्री आदि. इनके द्वारा भी आते जाते रस्ते में जब आँख मारना टच करना यह सब की कोशिश किया जाता है तो उनके खिलाफ हम लोग क्या करे, या कर सकते है। तो जहाँ तक बात आती है की सार्वजनिक स्थानों की असुरक्षा की तो सबसे ज्यादा लोग पढ़े लिखे होते हैं, हम लोग क्या करेंगे हमें खुद को पता नहीं होता है.सुरक्षा सखी स्कूलों में भी बच्चियों को गुड टच और बाद टच के बारे में बताये।

राजस्थान राज्य के लिए जिला जालोर से एक श्रोता ने बताया कि लड़कियों के लिए सार्वजानिक जगहों पर शांति का माहौल होना चाहिए ताकि लड़कियां बेझिझक बाहर निकल पाएं

रानीवाडा थाना से, रीना देवी एक ऐसी जगह की रिपोर्ट कर रहे है जो सुनसान रहता है और बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है लड़कियों के लिए

एक सुरक्षा सखी जो झाब से है, उनका कहना है की उनके यहाँ पर एक ऐसा एरिया है जहाँ पर महिलाओं और लड़कियों की आने जाने में असुरक्षित महसूस हो रही है, तो वहां पर गश्त बढ़ाया जाये

प्रभा देवी, जो की आंगनवाड़ी वर्कर है, उनका कहना है यहाँ पर लोग पढ़े लिखे नहीं है वह अपने बच्चो की पढ़ने नहीं भेजते है और मजदूरी पर भेज देते है, उनको कोई समझ नहीं है, बोलते है की छोरियो की पढ़ा लिखा कर क्या करना है, हम तो गरीब है हमारे पास पैसा नहीं पढ़ने के लिए. जबकि सरकार छात्रावास दे रही है, आंगनवाड़ी से पोषाहार मिल रहा है, सब कुछ कर रही है सरकार फिर भी नहीं समझते है, यह परिस्थिति है.

प्रभा देवी जी बोल रही है की शौचालय है, मेन बाज़ार है वहां पर महिलाओं और बच्चियो को जाने में तकलीफ होती है, वहां पर फालतू आवारा लडके दारू पीकर बैठे रहते है, जिनकी वजह से बच्चो की स्कूल छूट जाती है, फिर घर के घरेलु कामो में माँ बाप लगा देते है और बच्चो की लाइफ ख़राब हो जाती है, उनकी जल्दी शादी भी कर दी जाती है.