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दुर्गा वैष्णव, कोटा राजस्थान के कुनड़ी थाने की सुरक्षा सखी का कहना है की मैं हॉस्टल में वार्डन भी हूं तो मैं हर लड़की को भी मोटिवेट करती रहती हूं हर लड़की के पास मेरा नंबर है अगर उनको कोई भी प्रॉब्लम हो तो कृपया मेरे नंबर है आप मुझे किसी भी वक्त कॉल कर सकती हैं और मैं उन लड़कियों को जो डिप्रेशन में आ जाती है तो हम उनको मोटिवेट करती हूं जो गरीब बच्चे होते हैं कोई दुकान पर काम करते हैं तो मैं यह चाहती हूं कि मेरी दो चार सुरक्षा सखी को लेकर उन बच्चों से मिलूं और उनके पेरेंट्स से बात करना चाहती हूं ताकि मैं उनके पेरेंट्स को बता सकूं कि आप इनका थोड़ा सा टाइम कम कीजिए और इन बच्चों को पढ़ने दीजिये और इन को आगे बढ़ने दीजिये, मैं सुरक्षा सखी से जुड़ी हो मुझे मौका मिला कि मैं अपने देश की हर बेटियों सुरक्षित कर सकूं और जो पुलिस और हमारा जो सेतु बना हुआ है मैं इस पर खरा उतर सकूं।

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दादाबाड़ी थाने से गिरिजा शर्मा का कहना है की सुरक्षा सखी में जुड़कर बहुत अच्छा लगा है, और आगे भी जुड़े रहना चाहती है.

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जोधपुर से उषा सोलंकी का कहना है की उन्होंने ने सुरक्षा सखी ट्रेनिंग/ मीटिंग में भाग लिया है, अपने एरिया के कई लड़कियों के इसके बारे में बताया, स्कूल न जाने वाले बच्चो से मिली उन्हें इस नंबर के बारे में जानकारी दिया, और उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए समझाया, बाल मजदूरी करने वाले बच्चो (जो दुसरो के घरो में जाकर झाड़ू पोछा करती है) से जाकर मिली उन्हें भी समझाया है, सुरक्षा वाणी का यह मंच बहुत अच्छा है और हमें ख़ुशी है की मै इसका हिस्सा हूँ.

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भरतपुर जिले के उच्चैन थाने से मंजू जी का कहना है की, यह सुरक्षा वाणी मंच पाकर वह बहुत खुश हुई है, और यह नंबर वह अपने समुदाय के अन्य लड़कियों और महिलाओं तक पहुचायेंगी। इन मंच से उन्हें लडकियों और महिलाओं से सम्बंधित बहुत सारी जानकारी मिली है.