My name is Geeta Devi, I am from Kobra Kala village of Kherwada block, and the roads connecting to our village are very unsafe, the boys of the village sit there playing gamble, and drink alcohol, so this harms the girls and women face a lot of difficulty to use the road, and we only expect the police do patrolling there and shut down liquor shops.

बाथरूम का दरवाजा टूटे होने से लड़कियो को समस्या रहती है, इसलिए हम यही चाहते है की बाथरूम के दरवाजे लगे और लाइट नहीं है तो वहां पर लाइट की सुविधा हो.

मेरा नाम अनीता है, और मै ऋषभदेव थाने से हूँ, आज की मीटिंग में हमने सीखा की अपने गांव के नक्शा कैसे बनाते हैं, और महिलाओं के साथ हो रहे घरेलू हिंसा के बारे में सबने मिलकर जानकारी एकत्र किया और फिर सबने मिलकर पुलिस के सामने प्रस्तुत किया।

मैं यह कहना चाहती हूं कि मेरे गांव में सुरक्षा की बहुत ज्यादा समस्या है, घर वाले इसी डर से लड़कियों को पढ़ा नहीं पाते है जबकि लड़कियां पढ़ लिख कर आगे बढ़ना चाहते हैं, हम चाहते है की हमारे यहाँ पर सुरक्षित माहौल हो तो लड़किया पढ़ लिखकर आगे बढ़ सकती है, यह सब थाने की पुलिस के साथ मिलकर करेंगी लेकिन वह यहाँ शेयर भी कर रही है

बगवन्ती लड़कियों की सुरक्षा के बारे में बोल रहे है | उनका यह कहना है कि लड़कियां जब भी घर से निकलती है, रस्ते पर कही न कही कोई न कोई लड़का या कदको का झुण्ड उनसे बत्तमीज़ी करते है | यह सारी बात लड़किया अपनी माँ बाप को बोल नहीं पाते है और उनको सुरक्षित भी महसूस नहीं होता | वह बोल रहे है की हमें लड़कियों को उत्साह दिलाना चाइये ताकि वह अपनी सुरक्षा को लेकर बातें अपनी माँ बाप को बता पाएं और अपने ज़हन में लेकर न घूमे हमेशा |

उदयपुर के वल्लभनगर से सुरक्षा सखी मंजू लोहार जी सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा के बारे में बात करना चाहती है, उनका कहना है की यदि सार्वजनिक स्थान सुरक्षित होने तो वहां पर कोई यौन और छेड़छाड़ संबधित अपराध नहीं होंगे और ऐसे अपराध रुक जाएंगे और महिला बच्चे सुरक्षित रहेगी।

बलवनगर से मंजु लोहार, बोल रहे है कि सार्वजनिक स्थानों पर भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है | इसी को लेकर वह क्या करना चाहते है और लड़कियों को अपने सुरक्षा के लिए आवाज़ उठने के लिए उत्साहित करेंगे | सब महिलाओ को एकटा हो कर इसका उपाए निकलना पड़ेगा और महिलाओ और बच्चो के सुरक्षा के लिए वह काम करेंगे |

आज की ट्रेनिंग से उनको जानकारी मिली की कैसी पुलिस के साथ समस्या का सुझाव मिल सकता है

हाथीपोल, उदयपुर से नाज़रात बोल रहे है की उनके पति गुजर गए थे जब वह गर्ववती थी (7 महीना) | उनके डिलीवरी के बाद उनके ससुराल वाले उनको घर से निकाल दिया था | इस बात को 13 साल हो गया है और वह सिलाई करती है और खुद की और अपने बच्चे की ख्याल रखने की कोशिश करती है | उन्होंने दूसरी शादी नहीं की | अभी उनको आर्थिक समस्या हो रही है और उनको समझ नहीं आ रहा कि क्या करे, इसलिए वह मदद मांग रहे है |

पहचान छुपके कॉलर अपने साथ हुए घरेलु हिंसा की रिपोर्टिंग कर रहे है | वह उदयपुर से बोल रहे है और उनके ससुराल वाले ने उनको घर से निकाल दिया था जब उनकी बेटी 16 महीने की थी और अब वह 3 साल की हो गई है | उनके पति ने तब से लेकर अभी तक अपने बेटी की शकल नहीं देखा है | उन्होंने कोर्ट पर केस किया हुआ है पर अभी तक कोई सुरहा नहीं मिला है और उनको कोई मदद नहीं मिल रहा है | वह चाहते है की उनको उनकी ससुराल में सुरक्षित पहुँचाया जाये | उनके ससुराल वाले नहीं मानते है की उनके छोटे बेटे (कॉलर के पति) का शादी हुआ है, कॉलर के जेठ और जेठानी उनको घर वापस आने नहीं देते है | वह लोग मकान के बारे में भी बोलते है पर मकान का कोई कागज़ाद नहीं है | कॉलर अपनी 3.5 साल की बेटी का अकेला वहन कर रहे है और मदद मांग रहे है क्यूंकि उनके पति उनका कोई मदद नहीं कर रहे, वह उदयपुर में ही रहते है पर कोई खबर नहीं लेते है, और कॉलर के फ़ोन नंबर भी ब्लॉक कर रखा है | कॉलर की बेटी अब अपने पिता के बारे में पुछते है पर वह कोई जवाब नहीं दे पाते | कॉलर अपनी बेटी के खातिर अपनी ससुराल वापस जाना चाहती है |