सिविल लाइंस, जो बनाया तो अंग्रेजों के लिए गया था लेकिन वह तो रहे नहीं सो अब हमारे काम आ रहा है। बेहद खूबसूरत, जगमगाती इमारतें, चौड़ी सड़कें, फर्राटा भरती गांडियां और सबकुछ इतना करीने से की घूमने के लिए अद्भुत जगह, मेरा खुद से देखा हुआ अब तक का सबसे शानदार दिलकश, बगल में कॉफी की महक उड़ाता इंडियन कॉफी हाउस। और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

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इंदौर मप्र के मालवा में बसा हुआ है और मालवा माटी को लेकर कहावत है कि मालव माटी गहन गंभीर, पग पग रोटी डग डग नीर... सैकड़ों बरस पहले कही गई यह बात आज भी उतनी ही सच्ची लगती है। इंदौर की सूरत और सीरत आज भी इस कहावत पर कायम है। आप पूछेंगे कैसे तो वो ऐसे कि यहां आने वाला कोई आदमी शायद ही कभी भूखे लौटता होगा।

नर्मदा के किनारों पर अलग-अलग राजवंशों की न जाने कितनी कहानियां लिखी हुई हैं। हालांकि राजवंशों से ज्यादा सभ्यता की कहानियां ज्यादा मुक्कमल दिखाई देती हैं। नर्मदा और उसकी महत्ता को बेहतर समझना हो तो हर साल होने वाली नर्मदा परिक्रमा को देख आना चाहिए। कहने को तो यह परिक्रमा धार्मिक है लेकिन उससे ज्यादा यह सामाजिक है, और प्रकृति के साथ मानव के सहअस्तिव का ज्ञान कराती है।

अगर कोई चतरा आये और झारखण्ड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल इटखोरी के बारे में बात न करें , ऐसा तो हो ही नहीं सकता। तो हम भी यहाँ के दर्शन और इतिहास को खँगालने यहाँ आ पहुँचे। गौरवपूर्ण अतीत को संभाल कर रखने वाले इटखोरी के भद्रकाली में तीन धर्मों का समागम है। हिंदू, बौद्ध एवं जैन धर्म के लिए यह पावन भूमि है। ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को सुने ...

चतरा को झारखण्ड या छोटा नागपुर का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। 1857 के विद्रोह के दौरान छोटानागपुर में विद्रोहियों और ब्रिटिशों के बीच लड़ा जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई ‘चतरा की लड़ाई’ थी। चतरा झारखंड राज्य की राजधानी से रांची जिले से करीब 124 किलोमीटर दूर है। चतरा में आप सड़क माध्यम के द्वारा पहुंच सकते है। और क्या क्या घूमने लायक है चतरा ज़िले में , ये जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

महाशिवरात्रि पर काशी दर्शन बस सेवा (ई-बस) शुरू होगी। वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। 500 रुपये किराया देकर यात्री काशी दर्शन कर सकेंगे। पर्यटन विभाग और वीसीटीएसएल की ओर से काशीं दर्शन के तहत पांच स्थानों का चयन किया गया है। जल्द ही कस्टमर केयर नंबर भी जारी किया जाएगा। कैंट बस स्टेशन पर टिकट की बुकिंग होगी और हेल्प डेस्क बनेगा। वीसीटीएसएल के एमडी गौरव वर्मा ने बताया कि कैंट बस अड्डे से सुबह नौ बजे ई-बस रवाना होगी, जो काशी विश्वनाथ मंदिर, कालभैरव, नमो घाट, सारनाथ, स्वर्वेद मंदिर, मार्कंडेय महादेव धाम, संकट मोचन मंदिर, दुर्गाकुंड, मानस मंदिर में दर्शन कराने के बाद शाम तक पुनः बस स्टेशन पहुंचेगी। यह सेवा पर्यटकों को ध्यान न में रखकर शुरू की गई है।

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डा महेंद्र पांडे ने 10 फरवरी शुरू होने वाले तीन दिवसीय मारकंडेय महादेव महोत्सव की तैयारी की साथ ही आयोजन से जुड़ें लोगो को जरूरी निर्देश व सुझाव दिये

श्री मार्कण्डेय महादेव महोत्सव में दिग्गज भजन गायक जुटेंगे। भजन सम्राट अनूप जलोटा, ख्यात भजन गायिका मैथिली ठाकुर की प्रस्तुति होगी। केंद्रीय मंत्री व चंदौली सांसद डा. महेंद्रनाथ पांडेय ने 10 फऱवरी से शुरू होने वाले तीन दिवसीय मार्कण्डेय महादेव महोत्सव की तैयारी देखी। उन्होंने आयोजन की रूपरेखा तैयार की। साथ ही आयोजन से जुड़े लोगों को जरूरी निर्देश व सुझाव दिए।उन्होंने कहा कि श्री मार्कण्डेय महादेव महोत्सव तीर्थ क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाओं को श्रृजित करेगा‌। तीन दिवसीय महोत्सव 10,11 एवं 12 फरवरी को आयोजित होगा। महोत्सव में बनारस के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिलब्ध कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से माहौल को शिवमय बनाने के साथ ही महोत्सव को एक नये आयाम पर स्थापित करेंगे। श्री मार्कण्डेय महादेव तीर्थ क्षेत्र पूर्वांचल के सबसे प्रमुख शिव तीर्थ क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखता है। शिव भक्तों की आस्था मंदिर के प्रति अगाध हैं। आस्था के इस अथाह सागर में भक्तिरस से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम निश्चित रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल होगा। कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले प्रमुख कलाकारों में मुख्य रूप से 10 फरवरी को ख्यातिलब्ध गायक हंसराज रघुवंशी,11 फरवरी को प्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर तथा 12 फरवरी के मुख्य आकर्षण में भजन सम्राट अनूप जलोटा अपने भजनों से लोगों को भावविभोर करने के लिए उपस्थित रहेंगे।