पहली से 36 क्रय केंद्रों पर शुरू होगी गेहूं खरीद गेहूं खरीद की तैयारियां तेज हो गई हैं। तहसीलों में बने 36 क्रय केंद्रों पर पहली मार्च से खरीद शुरू होगी। इस बार 18 हजार मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी सुनील भारती ने बताया कि इस बार खरीद बढ़ाने के लिए किसानों को सफाई, छनाई व उत्तराई के मद में 20 रुपये प्रति कुंतल का अतिरिक्त भुगतान होगा। इस वर्ष बटाईदार कृषकों से भी खरीद होगी। घर से खरीद के लिए मोबाइल क्रय केन्द्र भी बने हैं। हर केन्द्र प्रभारी को न्यूनतम 10 पंजीकरण का लक्ष्य दिया गया है। अब तक जिले में 880 किसान पंजीकृत हुए हैं।

आईटीआई करौंदी में गुरुवार 29फरवरी को अप्रेंटिसशिप मेला लगेगा।

HMIS portal par samay se data fiding ko lekar about hui karyashala

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यह नौकरी उनके लिए है जो देव इंटरप्राइजेस से जुड़कर ऑफिस असिस्टेंट के पद पर काम करने की इच्छा रखते है। नौकरी करने का कार्यस्थल आजमगढ़ उत्तरप्रदेश होगा। न्यूनतम 12वीं पास फ्रेशर या अनुभवी व्यक्ति जिन्हे माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस में काम करने की दक्षता प्राप्त हो ,वे इस पद के आवेदन कर सकते है। आवेदनकर्ताओं का चयन साक्षात्कार के आधार पर होगा। चयनित व्यक्तियों को प्रतिमाह 16 हज़ार रूपए वेतन दिया जाएगा। इच्छुक व्यक्ति कंपनी के इस नंबर पर सपर्क कर इस पद से सम्बंधित अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है। नंबर है : 7302718065 .

बेमौसम बारिश से खेत में कटाई कर पड़े सरसों के फसल नष्ट होने के कागार पर,किसान चिंतित किसान बोले बेमौसम बार-बार हो रही बारिश से सरसों फसल हो रही बर्बाद वाराणसी जिले में सेवापुरी स्थानीय क्षेत्र में लगभग दो दिनों से रुक-रुक कर हो रहे बेमौसम आंधी गरज के साथ बारिश होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिच दी हैं।वही बेमौसम बारिश की वजह से गेहूं के फसलों को फायदा है।तो वही हो रहे बेमौसम बारिश से खेत में कटाई कर खेत में पड़ी सरसों की फसलें काफी नुकसान होने का किसानों को डर सता रहा है। यह बारिश गेहूं की फसल के लिए बहुत फायदेमंद माना जा रहा है।वही सरसों की बाली छतिग्रस्त हो गई है तो वही सरसों की खड़ी फसलो और कटाई की गई सरसों के फसल पर वर्षा के पानी से फसल काफी नुकसान हो गया है वही खेत में खड़ी फली खराब होने के चलते कटाई करते समय सरसों के दाने गिरने से नुकसान होने की आशंका बनी हुयी है। आप को बता दे की लगभग दो दिन से गरज के साथ बारिश हुयी वही समोवार की देर रात से ही रुक-रुक कर वारिश हो रही है। वही मंगलवार को सुबह जब किसान अपने खेतों पर पहुंचे तो उनके होश उड़ गये।जहाँ गेहूं की फसल ठीक ठाक दिखी।किसान सुरेंद्र कुमार का कहना है कि सरसों की फसल जमीन पर गिरने से पैदावार में काफी कमी आता है। साथ ही फसल की कटाई करने मे बड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। पम्पापुर बहरा,बीरमपुर,कपसेठी,हित्तापुर ईसरवार,तारापुर,भिटकुरी,लोहराडीह सहित आदि कई गांवों में सरसों की फसल पक कर तैयार है।सरसों के खेत में पानी भर गया है। इससे खेत में कटाई कर खेत में पड़े फसल नष्ट होने तथा फसल का पैदावार में कमी आने का खतरा बना है। इस प्राकृतिक आपदा से किसान के माथे पर चिंता की लकीर छा गई है।किसान काफी चिंतित दिखाई दे रहे हैं। वही किसानों ने बताया कि गर्मी का मौसम हो,या जाड़े की मौसम हो, या फिर बारिश की हो।दिन हो या रात हम किसान परिवार के साथ कड़ी मेहनत,कर फसल को सींचते है।जब फसल पक कर तैयार हो जाता है तो प्राकृतिक आपदा का डर सताने लगता है। फिलहाल फसल की उत्पाद घर में आएगी की नही भगवान भरोसे है।मेहनत की मजदूरी निकलना तो दूर खेती में लगी लागत भी निकालना मुश्किल हो जाएगा।