आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है एक मसीन में सोचने समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना
यूपी के 948 पुरातन वृक्षो से 11 जिले में बनाऐ जाएंगे विरासत वन
केरल के डॉ. सीब्बी गोपीनाथ ने कहा कि मिर्गी के इलाज में सर्जरी जरूरी नहीं होती। दवाओं से जब दौरे को नियंत्रित करने में सफलता नहीं मिलती तब सर्जरी प्रभावी होती है। बीएचयू के केएन उडुप्पा सभागार में चार दिवसीय आईएएस समर कैंप के अंतिम दिन मिर्गी सर्जरी पर प्रजेंटेशन दे रहे थे। डॉ. माला भास्कर रॉय ने कहा कि मिर्गी मरीजों को अकेले सड़क पार करने, तैराकी, आग के पास जाने और ड्राइविंग करने से बचना चाहिए। समापन सत्र में देशभर से आए करीब 50 चिकित्सकों ने ग्रामीण क्षेत्रों में मिर्गी को लेकर जागरूकता कार्यक्रम को तेज करने का संकल्प लिया। स्वागत बीएचयू न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. विजयनाथ मिश्र ने किया। इस दौरान डॉ. वैशाक आनंद, डॉ. विश्वरूप चक्रवर्ती, डॉ. पी. सतीश चंद्र, डॉ. विनययन, डॉ. अशोक पिल्लई डॉ. मुथिकानी ने सामूहिक चर्चा की। इस दौरान डॉ. नीतू धीमन, दामिनी शुक्ला, सुषमा, नेहा श्रीवास्तव आदि थीं।
सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र के खजूरी स्थित सेवापुरी विधायक नील रतन पटेल सिंह नीलू के आवास व कैंप कार्यालय पर बुधवार को संयोजक डॉ. वंशराज पटेल व उपाध्यक्ष अरविंद पटेल के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी विधानसभा सेवापुरी द्वारा आयोजित विधानसभा मिलन समारोह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एमएलसी एवं भाजपा जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा ने सेवापुरी क्षेत्र के ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, बसपा, सपा, कांग्रेस सहित विभिन्न पार्टीयो से आए हुए लगभग पांच दर्जन पदाधिकारियो व कार्यकर्ताओं को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराया।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और जागृति फाउंडेशन की ओर मतदाता जागरुकता मार्च निकाला गया
बिजली बिल जमा कराने वाले कर्मचारी अब उपभोक्ताओं तक पहुंचकर बिजली बिल जमा करेंगे।
आज दिव्यंगता श्राराप नहीं है। बल्कि दिव्यांग बच्चों को हुनर के लिए प्रेरित किया जा रहा है। और उनको रोजगार से जोड़ रही है। इसके लिए वाराणसी में संस्था किरन सोसायटी के कर्मचारियों ने बताया कि हम दिव्यांग बच्चों को हुनर सीखते हैं। और उनको जीने की नई राह बताते हैं। तो ऐसे ही हमारे समिति के दिव्यांग बच्चों ने वाराणसी के बीएचयू में प्रदर्शनी लगाई है। और अपने हाथों के द्वारा बनाए गए सामग्रियों को स्टॉल पर लगाया है। इस दौरान धर्मराज ने बताया कि बच्चों ने कुछ पजल्स गेम्स, रंग पजल ,सेव पजल्स बनाए हैं। इसके साथ ही बच्चों ने सिलाई से संबंधित सामग्रिया बनाई है। और बच्चों के द्वारा कई प्रकार के खिलौने बनाए गए हैं। जिसमें कई खिलौने काफी आकर्षक है। और कुछ खाने की खाद्य सामग्री बनाई गई है जिसमें पिकल्स सभी प्रकार के जेम्स और ब्रेकरी आइटम भी बनाया है। इसके साथ हम वोकेशनल ट्रेनिंग विभाग से दिलाते हैं। जिससे इन बच्चों का आईक्यू लेवल भी बढ़ता है उन्होंने बताया कि हमारी संस्था में 700 बच्चे है। जिनको अलग-अलग तरीके से प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके साथ ही लकड़ी के कार्पेंटिंग ट्रेनिंग बच्चों को दिया जाता जाता है। बताया कि बच्चों को हम 2 साल ट्रेनिंग देते हैं। और उनको इतना सिखा देते हैं, कि बच्चे अपनी आजीविका का साधन खुद से तय कर सके।