उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि पेड़ों की कटाई अधिक गर्मी पड़ने का सबसे बड़े कारणों में से एक है।पहले पेड़ों की संख्या अधिक थी। फलदार वृक्ष थे। इसके साथ देखा जाए तो सभी बड़े पेड़ जैसे पीपल बरगद, पाकड़, गुलार, छायादार पेड़ अधिक हुआ करते थे। अब ऐसे पेड़ बहुत कम हो गए हैं। बड़े आकर के वृक्ष में अधिक ऑक्सीजन छोड़ने और अधिक कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने की क्षमता होती है.ऐसे पेड़ पर्यावरण के लिए अच्छे माने जाते हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि बरसात का मौसम आते है सरकार के सभी विभाग वृक्षारोपण को लेकर सतर्क हो जाते हैं। जगह-जगह पर मानक के अनुसार वृक्ष लगाए जाते हैं। इसके लिए बजट जारी किया जाता है। सवाल ये है कि क्या बजट लेने के लिए लोग वृक्षारोपण करते हैं या सही में वृक्ष लगाने के लिए? हर वर्ष लाखों करोड़ों पौधे लगाने के बाद कितने पौधे बचते हैं,ये देखना भी जरुरी है।क्योंकि जिस तादाद में वृक्षारोपण हर साल लिया जाता है,उतने वृक्ष वर्तमान में दिख नहीं रहे हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि जिन जगहों पर जल की किल्लत है जल का महत्त्व वही लोग समझ सकते हैं। लोगों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है ताकि उन्हें पीने के लिए पानी की एक बूंद मिल सके। जल संरक्षण के लिए सरकार की तरफ से मुहीम चलाया जाता है और समय-समय पर विज्ञापन दिए जाते हैं। प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी विज्ञापन दिए जाते हैं, लेकिन विज्ञापन से कितने लोग अब तक जागरूक हुए हैं?लोग सन्देश सुनते तो जरूर हैं,मगर पहल नही कर पाते हैं। वाराणसी जनपद में लोग धड़ल्ले से बोरिंग करवा रहे हैं,जिससे जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। जल संरक्षण के महत्त्व के प्रति लोगों को जागरूक होना होगा और सरकार को सख्ती से जल संरक्षण हेतु कार्य करना चाहिए। देश के नागरिक को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने की जरूरत है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि देश की आजादी के बाद से ही महिलाओं के अधिकार सुर्खियों में रहे हैं जब कानून बने हैं और संविधान लागू हुए हैं। चुनाव के दौरान सभी राजनितिक पार्टियां महिलाओं के लिए लुभावने वादे करते हैं। मगर महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए आवश्यक कदम नही उठाए जाते हैं। महिलाओं को कुटीर लघु उद्योग में और सब्सिडी मिलनी चाहिए। साथ ही उन्हें आसानी से लोन मिलनी चाहिए। प्राइवेट स्कूलों में लड़कियों के फिस मे छूट का भी प्रावधान होना चाहिए।महिलाओं को सिर्फ घर तक ही सिमित नही रहनी चाहिए ,बल्कि बाहर निकल कर अपने हक़ की लड़ाई लड़नी चाहिए विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता शैलेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि लैंगिंग असमानता पर बदलाव की जरूरत सरकार को और आम लोगों को आगे बढ़ते हुए कार्य करने चाहिए। जिससे असामनता खत्म हो सके इसके साथ ही समाज मे फैली कुरीतियों को खत्म करे के लिए समाज के द्वारा पहल करना चाहिए। विगत दस सालों में अभिभावकों में बहुत बदलाव आया है। अब लोग लड़का-लड़की में बिना भेदभाव के दोनों को समान शिक्षा दी जा रही है। जिसके कारण अब महिलाओं की साक्षरता दर में वृद्धि आई है। लेकिन सरकार के द्वारा इस दिशा में और ठोस कदम उठाने चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता शैलेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि आज लोगों को हर तरफ से जानकारियां मिल रही है की गर्मी बहुत ज्यादा हुई। जिसका बहुत बड़ा कारण यह है की हर वर्ष सरकार की तरफ से वृक्षारोपण कार्य के लिए एक बहुत बड़ी राशि दी जाती है। लेकिन भ्र्ष्टाचार के कारन जमीनी स्तर पर काम बहुत कम होता है। अगर हम सब वृक्षारोपण करते रहें उनका रख रखाव करें तो जलवायु परिवर्तन में बहुत मददगार साबित हो सकती है
उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता शैलेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि महिलाओं के ऊपर घर से ले कर बाहर तक की कई जिम्मेदारियां होती है। इसके साथ ही उन पर पाबंदिया भी लगाई जाती है। जिसके कारण महिलाओं को कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई जगहों पर उन्हें वेतन भी कम दिया जाता है। महिलाओं की स्थिति में बदलाव लाने में राजनीतिक क्षेत्र में पहुँच रखने वाली महिलायें अगर ईमानदारी से कार्य करें , तो सकारात्मक परिणाम देखे जा सकते हैं। इससे वो अपने हित में आसानी से बिल पास करवा सकती हैं। इसके साथ ही सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ इन तक सही से पहुंचे तो भी वो आत्मनिर्भर बन पायेंगी। उनके लिए लोन की व्यवस्था सरल होनी चाहिए। जिससे की वो आसानी से काम की शुरुआत कर सकें। अगर हर स्तर पर सही मायने में महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किये जाए तो जल्द ही परिस्थिति में अच्छा बदलाव देखने को मिल सकता है
उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता शैलेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि महिलाओं का शोषण तो होता ही है, कई जगहों पर उन्हें वेतन भी कम दिया जाता है। महिलाओं की स्थिति में बदलाव लाने में राजनीतिक क्षेत्र में पहुँच रखने वाली महिलायें अगर ईमानदारी से कार्य करें , तो सकारात्मक परिणाम देखे जा सकते हैं। अगर महिलायें अपनी खुद की एक पार्टी बनाती हैं। जिसकी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सब महिला ही रहे तो काफी अच्छा होगा। इससे वो अपने हित में आसानी से बिल पास करवा सकती हैं। इसके साथ ही सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ इन तक सही से पहुंचे। महिलाओं को आगे बढ़ने के अवसर अपने प्रोडक्ट की बिक्री के लिए बाजार मिल जाए तो ये आसानी से अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकती हैं। इसके साथ ही महिलाओं को आगे बढ़ाने में परिवार की भूमिका भी महत्वपुर्ण है, उन्हें भी अपने परिवार की सदस्यों को आजादी देनी चाहिए।महिलाओं को अपनी बात आगे रखने का अवसर और सहयोग मिलना चाहिए। अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन मिलना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य के वैशाली जिला से शैलेंदर सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जिस तरह से महिलाओं को सम्मानजनक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए राजनीतिक मंच के माध्यम से घोषणा किए जा रहे थे, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में यह एक अच्छी पहल है। राजनीतिक मंच से राष्ट्रिय पार्टी के तरफ से मिले आश्वासन से महिलाओं को अच्छा लगा होगा । भले ही यह एक चुनाव का दौर क्यों ना हो,मगर महिलाओं के लिए सोचना बड़ी बात है विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
उत्तर प्रदेश राज्य के वैशाली जिला से शैलेंदर सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि घुमन्तु जाती की महिलाओं ने मंच और समूह के माध्यम से अपने हक़ के लिए आवाज उठाई है। यह एक बेहतर पहल है।जिस प्रकार से महिलाओं को जो अधिकार मिलने चाहिए थे,वैसे नही मिल पाया है। इसलिए नेताओं का जगाने का काम महिलाएं कर रही हैं। मगर ये देखना दिलचस्प होगा कि इन आवाजों को नेता सुनते हैं या अपनी राजनितिक महत्वाकांक्षा को साधने का काम करते हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।