प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हसनगंज में आशा एवं आशा फेसिलिटेटर ने अपनी 9 सूत्रीय मांगों के समर्थन में हाथों में मेहंदी लगा कर विरोध-प्रदर्शन किया। मौके पर आशा कार्यकर्ता संघ के जिला कोषाध्यक्ष रीता कुमारी ने कहा कि पूरे 31 दिन अनिश्चितकालीन हड़ताल को पूरा हो गया है, अभी तक बिहार सरकार का कोई निर्णय नही आया है। सरकारी दर्जा और वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर हम आशा कार्यकर्ताएं हड़ताल पर हैं। सरकार ने तो हम आशा बहनों को 2005 से सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है। जब तक हम लोगों की मांगे पूरी नहीं होगी तब तक हम लोग हड़ताल पर रहेंगे। उन्होंने ने कहा कि अपने-अपने हाथों में मेहंदी से सरकार के खिलाफ में बिहार सरकार हाय हाय, सरकार होश आओ आदि स्लोगन लिख कर सरकार को जागरुक कर रहे हैं। कहा कि दैनिक मजदूरों से भी कम मजदूरी हम आशा कार्यकर्ताओं को मिल रही है, आशा का कार्यक्षेत्र विस्तृत है, बच्चे के जन्म से लेकर टीकाकरण तक काफी काम करना पड़ता है, जिसके अनुरूप पारिश्रमिक नहीं मिलता है। बताया अगर हमारी मांगे नहीं पूरी हुई तो हम लोग आत्मदाह और भूख हड़ताल पर बैठे जाएंगे, वेतन तय नहीं किया गया तो आगामी चुनाव में सरकार की नींव हिला कर रख देंगे,

किशनगंज जिले में आई फ्लू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शहर से लेकर गांव और गली-मोहल्ले से लेकर सड़कों पर आपको काला चश्मा लगाए लोग दिख जाएंगे।जिले में आई फ्लू के बढ़ते मामलों ने सरकारी व निजी अस्पतालों में आंख से जुड़े समस्याओं लेकर काफी भीड़ पहुंच रही है। अन्य दिनों के मुकाबले बीते माह से सदर अस्पताल में आई फ्लू के मरीज काफी बढ़ती जा रही है।

किशनगंज जिले में तेजी से फ़ैल रहा है बताते चलें कि आई फ्लू एक वायरल इंफेक्शन हैं।इस इन्फेक्शन को पिंक आई डिजीज भी कहा जाता है।यह एक सेल्फ लिमिटिंग इंफेक्शन होता है,जो एक से दो हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि इसे लेकर लोगों के दिमाग में कई गलतफहमियां भी हैं।कई लोग मानते हैं कि आई फ्लू की वजह से आईसाइट पर असर पड़ता है और नजर कमजोर हो सकती है। ऐसा बिलकुल नहीं है। यह एक नॉर्मल वायरल इन्फेक्शन है जो अपने आप ठीक हो जाता है।

ठाकुरगंज प्रखंड में हाइकोर्ट द्वारा जाति गणना से रोक हटाए जाने के बाद ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में जाति आधारित गणना का काम फिर से गति पकड़ लिया है। जाति आधारित गणना का कार्य हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के पूर्व ही लगभग 80 प्रतिशत पूरा कर लिया गया था।

किशनगंज जिले में आशा कार्यकर्ता एवं आशा फैसिलिटेटर संघ बिहार के बैनर तले किशनगंज जिले के आशा कार्यकर्ता ने अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर 9 जुलाई से लगातार हड़ताल पर है।आशा वर्करों ने हजार के बदले कम से कम दस हजार मासिक मानदेय की मांग की है।

ठाकुरगंज में जाति आधारित गणना कार्य में प्रतिनियुक्त प्रयवेक्षकों के बीच पत्र और किट का किया गया वितरण।

किशनगंज जिला के प्रभारी सचिव दिवेश सेहरा ने कहा कि पटना हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में मुख्य सचिव, बिहार द्वारा जारी दिशा-निर्देश के तहत बिहार जाति आधारित गणना के शेष कार्यों को अविलंब शत-प्रतिशत पूर्ण कराना जाना है।

बिहार राज्य के किशनगंज के टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र के समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा कार्यकर्ताओं ने अपने 9 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल धरना प्रदर्शन आज से शुरू किया है। ज्ञात हो कि प्रखंड क्षेत्र के सभी आशाओं ने अपनी 9 सूत्री मांगो में मुख्य रूप से आशाओं को सरकारी कर्मी घोषित करने की मांग को रखा है। इस धरना प्रदर्शन के दौरान आशा दीदियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपनी मांगो को रखा है।

बिहार राज्य के किशनगंज जिला के ठाकुरगंज:-अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर आशाकर्मी और आशा फैसिलिटेटर ने किया अनिश्चितकालीन हड़ताल

प्रखंडक्षेत्र में जाति आधारित जनगणना की बढ़ी रफ्तार, विधायक के किया लोगों के सहयोग की अपील अमौर प्रखण्ड में 7 जनवरी से पहली चरण की जाति आधारित जनगणना शुरू हो गई है।जिससे अमौर विधायक अख्तरुल ईमान ने लोगो को जनगणना में सहयोग करने की बात कही है।साथ ही उन्होंने बयान जारी कर कहा है कि बिहार में पहले चरण की जाति आधारित जनगणना 7 जनवरी से शुरू हो गई है। जो 23 जनवरी तक चलेंगे।उन्होंने कहा है कि सबसे पहले प्रगणक एवं प्रेक्षक द्वारा नजरिया नक्शा का काम किया है, उसके बाद घर घर जाकर घरों की गिनती का काम कर है। आपके गांव में आपके घर में प्रगणक एवं प्रेक्षक आकर उसका कार्य करेंगे। आप सब लोगों ने अपने घरों की गिनती जरूर करें और इस बात का ध्यान रखें कि अगर बाप बेटे अलग-अलग घर में रहे हैं, तो अलग-अलग घर की गिनती में क्रमांक संख्या बैठाए, अगर एक ही घर में बाप और शादी शुदा बेटे एक ही घर मे अलग अलग कमरे में रह रहे है तो क्रमांक संख्या एक ही बैठाए और कॉलम उसमें कॉलम ए, कॉलम बी, कॉलम सी अलग-अलग होगा। क्योंकि परिवार अलग घर एक ही उन्होंने कहा कि सर्वे में दो तरह का मकान का सर्वे हो रहा है। एक पक्का एवं एक कच्चा, पक्का वह घर है जिसका दीवार के साथ-साथ छत ढलाई किया हुआ है। उसे पक्का में दिया जाए और इसका दीवार के साथ-साथ छत नहीं दिया हो तो वह कच्चा घर की गिनती में कराएं। घर के सर्वे में दो तरह का चिन्ह लगाते हैं। इसमें एक लकीर की जाती है, उसका मतलब है कच्चा मकान। और एक जगह त्रिकोण बनाए गए उसका मतलब पक्का मकान। उन्होंने लोगों से कहा आपके घर में छत नहीं दिया हो तो आप कच्चा मकान में ही गिनती कराए। अगर छत दिया हो तो पक्का मकान की गिनती में कराएं। उन्होंने यह भी कहा कि जो आपकी वास्तविक नाम है वह नाम ही लिखवाये। यह नहीं कि आधार में कुछ और नाम और हकीकत में कुछ और नाम इससे दिक्कत हो सकती है।