हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। बाल श्रम इस अधिकार का हनन करता है।” यह एक प्रसिद्ध व्यक्ति मलाला यूसुफजई के विचार है। वाकई में बाल श्रम एक ऐसा अभिशाप है जो बच्चों को न केवल शिक्षा से दूर कर रहा है बल्कि उनका सम्पूर्ण बचपन भी छीन लेता है इतना ही नहीं यह समाज को विनाश के पथ पर आगे बढ़ाता है। बच्चे देश के भविष्य होते हैं लेकिन बाल श्रम जैसी कुरीति से बच्चों का भविष्य ही अँधेरे में जा रहा है। जिस उम्र में बच्चे खेल कूद कर जीवन के हर पहलुओं को समझते है,उस उम्र बच्चे बाल श्रम करने को बेबस है । तो साथियों , आइये मिलकर बाल श्रम के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद करे और न सिर्फ देश से बल्कि सम्पूर्ण विश्व से बाल श्रम की प्रथा को खत्म करने में अपना भागीदारी सुनिचित करें।

यूनेस्को की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 1.10 लाख ऐसे स्कूल हैं जो केवल एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। इसके अलावा देश भर में शिक्षकों के लगभग 11.16 लाख पद खाली हैं और उसमें से भी तक़रीबन 70 फीसदी पद गांव के इलाके के स्कूलों में हैं। है ना मज़ेदार बात। जो गाँव देश की आत्मा है , जिसके लिए सभी सरकारें खूब बड़ी बड़ी बातें बोलती रहती है। कभी किसान को अन्नदाता , भाग्य विधाता, तो कभी भगवान तक बना देती है। उसी किसान के बच्चों के पढ़ने के लिए वो स्कूलों में सही से शिक्षक नहीं दे पाती है। जिन स्कूलों में शिक्षक है वहाँ की शिक्षा की हालत काफी बदहाल है. माध्यमिक से ऊपर के ज्यादातर स्कूलों में संबंधित विषयों के शिक्षक नहीं हैं. नतीजतन भूगोल के शिक्षक को विज्ञान और विज्ञान के शिक्षक को गणित पढ़ाना पड़ता है. ऐसे में इन बच्चों के ज्ञान और भविष्य की कल्पना करना मुश्किल नहीं है. लोग अपनी नौकरी के लिए तो आवाज़ उठा रहे है। लेकिन आप कब अपने बच्चो की शिक्षा के लिए आवाज़ उठाएंगे और अपने जन प्रतिनिधियों से पूछेंगे कि कहाँ है हमारे बच्चो के शिक्षक? खैर, तब तक, आप हमें बताइए कि ------आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में कितने शिक्षक और शिक्षिका पढ़ाने आते है ? ------ क्या आपने क्षेत्र या गाँव के स्कूल में हर विषय के शिक्षक पढ़ाने आते है ? अगर नहीं , तो आप अपने बच्चों की उस विषय की शिक्षा कैसे पूरी करवाते है ? ------साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।

बिहार राज्य के किशनगंज जिले सहित पूरे बिहार में किसी बच्चे से बालश्रम करवाते देखने पर उसकी सूचना संबंधित विभाग और बचपन बचाओ आंदोलन के टोल फ्री नंबर पर दे सकते हैं। इसके लिए टोल फ्री नंबर 18001027222 पर दें सकते है। सूचना मिलने पर विभाग की ओर से कार्रवाई की जाएगी।

बिहार राज्य के किशनगंज जिले सहित पूरे बिहार में किसी बच्चे से बालश्रम करवाते देखने पर उसकी सूचना संबंधित विभाग और बचपन बचाओ आंदोलन के टोल फ्री नंबर पर दे सकते हैं। इसके लिए टोल फ्री नंबर 18001027222 पर दें सकते है। सूचना मिलने पर विभाग की ओर से कार्रवाई की जाएगी।

किशनगंज जिले में श्रम विभाग द्वारा बाल श्रम उन्मूलन की कार्रवाई लगातार जारी है।पोठिया में श्रम अधीक्षक के नेतृत्व में संचालित धावा दल द्वारा पोठिया स्टेशन व इसके आसपास के क्षेत्र में छापेमारी कर दो बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया। नियोजक के विरुद्ध पोठिया थाना में प्राथमिकी दर्ज करा दिया गया और दोनों बच्चे को सीडब्लूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गयौ। नियोजक को 20 हजार जुर्माना का नोटिस दिया जायगा।

किशनगंज जिले में बाल श्रम मुक्त बिहार अभियान के अंतर्गत श्रम अधीक्षक के नेतृत्व में गठित धावा दल के द्वारा किशनगंज जिले के विभिन्न प्रतिष्ठानों, होटलों व गैराज से बाल श्रम कर रहे 11 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया। साथ ही बाल श्रम कराने के आरोप में संचालकों के विरूद्ध बाल श्रमिक प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई चल रही थी।

किशनगंज जिले में विश्व बाल श्रम निषेद्ध दिवस के अवसर पर रचना भवन में बाल श्रम जिला टॉस्क फोर्स की बैठक सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। लोगों को प्रेरित किया गया कि बाल श्रम कानूनन जुर्म है। बाल श्रमिकों से काम करनेवालों पर अभियान चलाकर कार्रवाई करें।

बिहार राज्य के किशनगंज जिला से सामुदायिक संवाददाता धीरज सिन्ह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि किशनगंज शहर व ग्रामीण क्षेत्र में धावा दल द्वारा विभिन्न होटल, गैराज आदि से चार बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया। इस धावा दल में श्रम अधीक्षक बीरेन्द्र कुमार एवं पुलिस पदाधिकारीगण शामिल थे। श्रम अधीक्षक बीरेन्द्र महतो ने बताया कि कि इस तरह की कारवाई पूरे जिला में किया जा रहा है और आगे भी किया जाएगा। बाल श्रमिक रखने बाले कोई भी व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा।

बिहार राज्य के किशनगंज जिला से सामुदायिक संवाददाता धीरज सिन्हा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि किशनगंज जिले में बाल श्रम रोकने के लिए आम लोगों में जागरुकता लाने को लेकर बुधवार को जुलजुली स्थित संयुक्त श्रम भवन परिसर से जागरुकता रथ निकाला गया। जो किशनगंज शहर सहित ग्रामीण इलाकों में जाकर बाल श्रम रोकने के प्रति लोगों में जागरुकता लाएगा।

किशनगंज परिसदन में बाल श्रम उन्मूलन मुक्ति एवं पूर्णावास विषय पर समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु की मौजूदगी में उक्त बैठक आयोजित की गई।बैठक के दौरान बिहार बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु ने निर्देश देते हुए कहा कि बाल श्रम बच्चों को उनके बचपन, स्वास्थ्य और शिक्षा से वंचित करना बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है। बाल श्रम समाज के लिए कलंक है।