बिहार राज्य के सोहनकरपुर पंचायत से सुष्मिता देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बोल रही हैं की इनके गाओ में लड़का-लड़की में भेदभाव नहीं होता है और ना ही दीदी लोग करना चाहती हैं अपने बेटा या बेटी को स्कूल और कोचिंग में पढ़ने के लिए भेजती हैं ये सब सुनकर अच्छा लगता है
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बिहार राज्य के जिला मुजफ्फरपुर के बाजीपुर कोदरिया पंचायत से पूनम कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बोल रही हैं की लोगों का मानना है की जब लड़की पैदा होती है तो उसे सिखाया जाता है की बड़ो के सामने तेज आवाज में बात मत करो और जब थोड़ी और बड़ी हो जाती है तो बोला जाता है की सलवार कमीज पहनो लड़को जैसे कपडा नहीं पहनो लड़को जैसे काम नहीं करो हमारी बदनामी होगी ये सब नहीं होना चाहियें लड़कियों को भी अपने जीवन में अधिकार होना चाहियें और लड़को जैसे ही समझना चाहियें
बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले से नेहा कुमारी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि अगर लड़की किसी लड़के के साथ बातचीत करते हुए दिखती है, तो समाज के लोग उसे गलत समझ लेते हैं। साथ ही अगर लड़की बाहर निकलती है, तो लड़के गलत गलत बातें बोलने लगते हैं। इसलिए हमें कभी भी लड़कियों को गलत नहीं समझना चाहिए। बल्कि हमें लड़कियों को शिक्षा हो या व्यवसाय पर सहयोग करनी चाहिए
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बिहार राज्य के जिला मुज़फ़्फ़रपुर के मरवन पंचायत से अंजलि कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि मेरी पंचायत मेरी शक्ति से जुडी है और आंकाक्षा सेवा सदन से जुडी हुई है। इनका कहना है कि लड़कियों का बाल विवाह होता है साथ ही औरत के साथ काम करने की कुछ बाते होती है। औरतो के साथ जोर जबरजस्ती की जाती है बहुत सी बाते ऐसी होती है जिनका सामना वे डट कर करती है ऐसी महिलाओ के साथ कई और भी महिलाये जुड़ जाती है और जो महिलाएं छुप जाती है उनका साथ कोई नहीं देती है।इसलिए जरुरी है कि जिनके साथ हिंसा होती है उसे आवाज अवश्य उठाना चाहिए।
बिहार राज्य से मोबाइल वाणी के माध्यम से नोबिन बता रही हैं की नीलिमा की कहानी से जानकारी मिली है की लड़कियों के लिए भी खेलने की जगह होनी चाहियें उन्हें भी लड़को की तरह आजादी होनी चाहियें अब ये भी अपने बच्चो को खेलने देती हैं और उन्हें आजाद रखती हैं।