एक ओर जहां केंद्र सरकार दावा कर रही है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल धान की सरकारी खरीद अब तक 20 फीसदी से अधिक की जा चुकी है, लेकिन कुल खरीद में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 2 फीसदी से भी कम है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
केंद्रीय श्रम व रोजगार राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने 14 सितंबर को लोकसभा में पूछे गये एक सवाल के जवाब में बताया कि लॉकडाउन के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से कुल 15,00,612 मजदूर बिहार लौटे थे. हालांकि, अनधिकृत तौर पर बिहार लौटने वाले मजदूरों की संख्या एक करोड़ के आसपास बताई जा रही है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
भारत सरकार हो या राज्य सरकारें, हर वक्त उनका एक ही नारा होता है आदिवासियों का कल्याण. लेकिन उनका कल्याण करते-करते ये सरकारें अकसर उनको उनके गांव-खेत-खलिहान और उनके जंगलों से बेदखल कर देती हैं. इसका ताजा उदाहरण मध्यप्रदेश का है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
आज शायद ही दुनिया का ऐसा कोई देश होगा, जो कोरोनावायरस संक्रमण से अछूता हो. जहां एक तरफ लोगों की जान जा रही हैं, वहीं दूसरी और यह उनके काम-धंधे पर भी असर डाल रहा है. हाल ही में छपी वर्ल्ड इकनोमिक फोरम की रिपोर्ट से पता चला है कि इस महामारी के चलते जॉब मार्केट में बहुत तेजी से बदलाव आ रहा है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मैदान में उतर रहे 1,064 उम्मीदवारों में से 30 प्रतिशत से अधिक ने हलफनामे में उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है. रिपोर्ट के अनुसार, 23 प्रतिशत या 244 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
देश के विभिन्न राज्यों में जहां धान की खरीद रफ्तार पकड़ चुकी है वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में अभी धान खरीद की शुरुआत हुई है. जो अनाज मंडियां अक्टूबर महीने तक धान से भर जाती थीं वे अभी खाली पड़ी हैं या सुस्त गति से आगे बढ़ रही हैं. वहीं दूसरी ओर योगी सरकार चौंकाने वाले दावे कर रही है कि पिछले साल 10 अक्टूबर तक प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 837 टन धान खरीद हुई थी जबकि इस वर्ष 15845 टन धान खरीद हुई है विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
पॉलीप्रोपाइलीन आधारित उत्पादों को आमतौर पर भोजन तैयार करने और भंडारण के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन इनसे माइक्रोप्लास्टिक निकलता है जो स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरनाक माना जाता है. नए शोध में पता चला है कि बच्चों को दूध पिलाने वाली बोतलों को बनाने के दौरान बहुत अधिक माइक्रोप्लास्टिक्स का उपयोग किया जाता है। सुनने के लिए ऊपर के ऑडियो पर क्लिक करें।
झारखण्ड राज्य के बोकारों जिला के नावाडीह पंचायत से रंजीत कुमार ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया उन्हें आशा दीदी की कहानी सुन कर बहुत अच्छा लगता है।
किसान और किसान संगठनों का एक वर्ग नए कृषि कानूनों का पुरजोर विरोध कर रहा है. हाल ही में किसानों के बीच इस विषय को लेकर एक शोध हुआ है, जिसके अनुसार हर दूसरा किसान इन तीनों कानूनों का विरोध करता है, जबकि 35 फीसदी किसानों ने इन कानूनों का समर्थन किया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
हाल में जारी वैश्विक भूख सूचकांक 2020 में भारत 107 देशों की सूची में 94वें स्थान पर है और भूख की ‘गंभीर’ श्रेणी में है. इस बीच एक और रिपोर्ट सामने आई है जो ग्रामीण भारतीयों की स्थिति बयां करती है। सुनने के लिए ऊपर के ऑडियो पर क्लिक करें।