जहां एक ओर देश के बाकी राज्य कोरोना से निपटने के लिए थर्मल स्क्रीनिंग में इजाफा कर रहे हैं, टेस्ट की संख्या में इजाफा कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर बिहार सरकार ने ये सब बंद करने का फैसला कर लिया है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
30 मई के आस-पास कई ट्विटर यूज़र्स ने 1 मिनट लंबा वीडियो पोस्ट किया जिसमें देखा जा सकता है कि एक आदमी दूसरे को कार के सामने थप्पड़ मार रहा है, उठक-बैठक करवा रहा है और कार के बोनट पर से उसे थूक चटवा रहा है।वायरल वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, “हिंदू का थूक चाटने को मजबूर किया जा रहा मुस्लिम शख्स, संभवतः रमज़ान में उसका रोज़ा तोड़वाने के लिए.” एक ट्विटर यूज़र ने इस कैप्शन के साथ वीडियो पोस्ट किया है जिसे 10,000 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है। सुनने के लिए ऊपर के ऑडियो पर क्लिक करें।
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कोरोना वायरस महामारी से पैदा हुए आर्थिक संकट के कारण 2020 के अंत तक कम और मध्यम आय वाले देशों में गरीब घरों में रहने वाले बच्चों की संख्या 8.6 करोड़ तक बढ़ सकती है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार इस वायरस से पूरी दुनिया में 5,837,541 लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 360,919 लोगों की मौत हो चुकी है. यूनिसेफ और मानवतावादी संगठन ‘सेव द चिल्ड्रेन’ के संयुक्त अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी 2020 के अंत तक 8.6 करोड़ और बच्चों को पारिवारिक गरीबी में धकेल सकती है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
सोशल मीडिया पर एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का बताकर वायरल हो रहा है. ट्वीट में लिखा है, “स्कूल और कॉलेज 1 जून से ऑड/इवेन तरीके से खुलने चाहिए. ऑड दिनों में टीचर्स को आना चाहिए और इवेन दिनों में स्टूडेंट्स को आना चाहिए.” इसके मुताबिक़ राहुल गांधी की सलाह दी है कि ऑड/इवेन मेथड पर स्कूल फिर से खोले जाएं। सुनने के लिए ऊपर के ऑडियो पर क्लिक करें।
गर्मी चरम पर है और कोरोना का डर बरकरार है. हर रोज मौतें हो रही हैं और लोगों में दहशत का माहौल है पर ऐसे में भ्रामक समाचार फैलाने वाले बाज नहीं आ रहे हैं. वे इस माहौल को और भी दहशत भरा बनाने की जुगत में हैं. ऐसे ही लोग सोशल मीडिया पर यह दावा वायरल कर रहे हैं कि उत्तराखंड के जंगलों में आग लग चुकी है और यह आग दिन पर दिन फैल रही है. विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
भीषण गर्मी, भूख और प्यास से प्रवासी मजदूरों की परेशानी और बढ़ने के बीच सोमवार से बुधवार तक 48 घंटों के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में नौ यात्रियों की मौत हुई है. रेलवे के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. श्रमिकों को उनके गृह राज्य में भेजने के लिए एक मई से शुरू हुईं गैर वातानुकूलित ट्रेनों में कुछ मौत पहले भी हुई थीं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
कोरोना वायरस के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के पहले पांच हफ्तों में पाबंदियों के उल्लंघन के आरोप में पुलिस द्वारा पीटे जाने के कारण 12 लोगों की मौत हुई है और तीन लोगों की मौत पुलिस कस्टडी में हुई. गैर-सरकारी संगठन कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (सीएचआरआई) की एक रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है. सीएचआरआई ने 25 मार्च से 30 अप्रैल तक के मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर ये आकलन किया है. इन 12 मौतों में से तीन मौतें कथित तौर पर पुलिस की पिटाई और अपमान के बाद पीड़ित द्वारा आत्महत्या करने के चलते हुई हैं। विस्तार पूर्वक खबरों को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
लॉकडाउन के कारण श्रमिकों की जो हालत हुई है वो किसी से नहीं छिपी है. हर कोई जानता है कि वे भूखें हैं, बेरोजगार हैं, असहाय हैं और तमात नेता उन पर केवल राजनीति कर रहे हैं. लेकिन यह विषय ऐसा नहीं है कि उस पर संवेदनाएं बंटोरने के नाम पर झूठी खबरों का प्रचार किया जाए. लेकिन कुछ लोग हैं जो अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।