हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि क्षेत्र के लिए तीन बड़े कदमों को मंजूरी दी है. इनमें से एक है, आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव. दूसरा द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स अध्यादेश, 2020 की अनुमति और तीसरा एफएपीएएफएस यानि एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्युरेंस एंड फार्म सर्विसेज आर्डिनेंस, 2020 की अनुमति. इन कानूनों की उपयोगिता बताते हुए सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों की आय़ बढ़ाने में मदद करेंगे, पहले किसानों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब से ऐसा नहीं होगा.
चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस ने दुनिया में 70 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. ये वायरस 6 महीने पहले ही दुनिया के सामने आया था, ऐसे में इसके बारे में पुख्ता जानकारियां मौजूद नहीं हैं. वैज्ञानिक इस पर शोध करने में जुटे हैं और लगातार नई-नई जानकारियां दुनिया के साथ साझा कर रहे हैं. अब केंद्र सरकार ने कोविड-19 के दो नए लक्षणों को क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में जोड़ा है। सुनने के लिए ऊपर के ऑडियो पर क्लिक करें।
एक ग्राफ़िक का स्क्रीनग्रैब इन दिनों सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा है. ग्राफ़िक के साथ कैप्शन में लिखा है, 15 जून के बाद फिर से हो सकता है सम्पूर्ण लॉकडाउन गृह मंत्रालय ने दिये संकेत, ट्रेन और हवाई सफर पे लगेगा ब्रेक. कुछ लोगों ने इसे सही मानकर फिर से खुद को लॉक करना शुरू कर दिया है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध डिग्री कॉलेजों की वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षा पर फैसला अगस्त के पहले सप्ताह में कोविड-19 के हालात देखने के बाद होगा. हाल ही में परीक्षा समिति की बैठक में हालात में सुधार होने और न होने दोनों की स्थितियों में वार्षिक और समेस्टर परीक्षा को लेकर अहम निर्णय लिया गया.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
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आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है कि वे घर—घर जाकर कोविड मरीजों की संख्या का सही पता लगाए. यह काम जितना कहने में आसान है उतना ही मुश्किल भरा है. सही मायनों में देखा जाए तो मुश्किल से ज्यादा खतरों से भरा है. क्योंकि इन कार्यकर्ताओं के पास अपनी सुरक्षा का कोई जरिया नहीं है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
कोरोना वायरस की वैक्सीन अब भी खोजी नहीं जा सकी है. लेकिन जबसे कोरोना वायरस महामारी फैली है तभी से सोशल मीडिया पर इसके लिए घरेलू नुस्खों की भरमार है. इसी तरह का एक नया नुस्खा सामने आया है. फेसबुक और वॉट्सएप पर एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस के कारण इजरायल में एक भी मौत नहीं हुई है, क्योंकि वे लोग चाय में नींबू और बेकिंग सोडा मिलाकर पी रहे हैं। सुनने के लिए ऊपर के ऑडियो पर क्लिक करें।
कोरोना के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान 85 फीसदी से अधिक प्रवासी मजदूरों ने घर लौटने के लिए खुद अपनी यात्रा टिकट का भुगतान किया है. एक स्वयंसेवी संगठन स्ट्रैंडेड वर्कर्स एक्शन नेटवर्क का कहना है कि 85 फीसदी से अधिक मजदूरों को घर लौटने के लिए अपनी यात्रा के खर्च का खुद भुगतान करना पड़ा है। सुनने के लिए ऊपर के ऑडियो पर क्लिक करें।
देश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है.कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या देश में 3 लाख के बेहद करीब पहुंच गई है.हालांकि अच्छी खबर यह है कि 1 लाख 47 हजार से अधिक लोग अस्पताल में इलाज के दौरान ठीक हुए हैं. देश एक तरफ कोरोना से लड़ रहा है तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही भ्रामक खबरें लगातार चुनौती बनती जा रही है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और राज्यों को निर्देश दिया कि कोरोना महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान अपने श्रमिकों को पूर्ण पारिश्रमिक नहीं देने वाली निजी कंपनियों के खिलाफ जुलाई के अंतिम सप्ताह तक कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।