कोरोना महामारी और वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में भारत सरकार के जो प्रयास दिखाए जा रहे हैं वे काफी नहीं हैं. देश में भूख और कुपोषण की समस्या गंभीर होती जा रही है. कार्यपालिका पर नज़र और संसद के अन्य कार्यों के लिए दुनिया के कई देश वर्चुअल या ऑनलाइन संसद के सत्र आयोजित कर रहे हैं. लेकिन केवल हमारे यहां ही सरकार की विवादस्पद नीतियां बिना किसी विधाई जांच और जन प्रतिनिधियों की जवाबदेही के बगैर लागू कर दी गईं हैं. सरकार के इसी रवैए पर चर्चा करने के लिए जनता पार्लियामेंट का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें भारत के जागरूक नागरिकों ने मिलकर जनता संसद बनाई है और वे समस्याओं पर चर्चा करने वाले हैं. खाद्य सुरक्षा एवं पोषण के मुद्दे पर होने वाले ऑनलाइन सत्र में देश के कई जानकार वक्ता एवं अभियान के कार्यकर्ता एवं साथी भाग ले रहे हैं, इस सत्र में गाँव से लोगों ने साक्ष्य के तौर पर वीडियो भी भेजे हैं. साथ ही कुछ सांसद भी इस सत्र में भाग लेने वाले हैं. आपसे अपील है कि आप भी सोशल मीडिया के जरिए इस संसद का हिस्सा बनें और अपने सुझाव रखें. आप www.jantaparliament.wordpress.com के माध्यम से और फेसबुक पेज https://www.facebook.com/righttofood पर इस कार्यक्रम को लाइव देख सकते है.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की छठवीं किस्त 01 अगस्त, 2020 से किसानों के बैंक खातों में पहुंचना शुरू हो गई है. सरकार का दावा है कि इस बार सबसे ज्यादा किसानों की संख्या इस योजना का लाभ लेगी. देश में कुल 102,201,966 किसानों का पंजीकरण इस योजना के तहत हुआ है, जिनके बैंक खातों में 2 हजार रुपए की किस्त सीधे पहुंचनी है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि केंद्र सरकार लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र पर पुनर्विचार कर रही है. मौजूदा समय में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से मोदी ने कहा, हमने लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम आयु पर पुनर्विचार करने के लिए एक समिति बनाई है. समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपने के बाद केंद्र निर्णय लेगी.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

देश में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के करीब 67 हजार मामले दर्ज किए गए. यह अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है. यह लगातार दूसरा दिन है, जब संक्रमण के 60 हज़ार से अधिक मामले दर्ज किए गए. इस बीच सिर्फ एक दिन 11 अगस्त को संक्रमण के मामले कम होकर 53 हजार से अधिक दर्ज किए गए थे। सुनने के लिए ऊपर के ऑडियो पर क्लिक करें। 

देश में कोरोना महामारी के जोखिम के बीच शहरों से लेकर दूरदराज के गांवों तक घर-घर जाकर आंकड़े जुटाने का काम कर रहीं मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता यानी आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार की भेदभावकारी नीतियों के खिलाफ बिगुल बजा दिया है. आशा कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के समक्ष अपनी कई मांगें रखी हैं, जिनमें इनका नियमित वेतन सुनिश्चित करना, सरकारी कर्मचारियों के तौर पर मान्यता देना, कोरोना वॉरियर्स के तौर पर इनके लिए बीमा राशि का बंदोबस्त करना शामिल हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

भारतीय रेलवे की ओर से कहा गया है कि सभी नियमित यात्री ट्रेन सेवाएं अगले आदेश तक निलंबित रहेंगी. वहीं 230 विशेष ट्रेनें चलती रहेंगी. रेलवे ने एक बयान में यह जानकारी दी.रेलवे ने कहा कि विशेष ट्रेनों में यात्रियों की संख्या पर नियमित नजर रखी जा रही है और आवश्यकता के आधार पर अतिरिक्त विशेष ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। सुनने के लिए ऊपर के ऑडियो पर क्लिक करें। 

नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के मुताबिक, 2012 के बाद से बेरोजगारी और घरेलू कर्ज में तेज़ वृद्धि हुई है. इससे देश के गरीबों के लिए जरूरी न्यूनतम जीवन स्तर बनाए रखना और मुश्किल हो गया. 2017-18 में देश की श्रम शक्ति का 3 करोड़ या 6.1 प्रतिशत हिस्सा बेरोजगार था. 2021 के वित्तीय वर्ष में, मंदी और मुख्य रूप से कोविड-19 के कारण अर्थव्यवस्था की हालत और बिगड़ ​रही है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कोविड-19 के कारण लंबे चले लॉकडाउन ने प्रवासी मजदूरों से उनका रोजगार छीन लिया. भूखे मरने की नौबत आ रही थी कि तभी मनरेगा ने उन्हें सहारा दिया. मार्च से जून, 2020 के बीच लॉकडाउन के विभिन्न चरणों के दौरान लाखो मजदूर पैदल या फिर किसी अन्य संसाधन से किसी तरह गांव पहुंचे थे पर इतने लोगों को मनरेगा में काम देना भी किसी चुनौती से कम नहींं। सुनने के लिए ऊपर के ऑडियो पर क्लिक करें। 

एक बेटी को अपने पिता की संपत्ति में बराबर का अधिकार है. यह बात सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कही. शीर्ष अदालत ने कहा कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 2005 के तहत बेटियों को ये अधिकार प्राप्त है और इससे कोई मतलब नहीं है कि इस कानून के संशोधन के समय लड़की के पिता जिंदा थे या नहीं. आपको बता दें कि साल 2005 में इस कानून में संशोधन कर पिता की संपत्ति में बेटा और बेटी को बराबर का हिस्सा देने का अधिकार दिया गया था.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गरीब बच्चों को दिए जाने वाले खाद्य सुरक्षा भत्तों के संबंध में शुक्रवार को भ्रामक हलफनामा दाखिल करने पर राजधानी दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से नाराजगी जताई है. उच्च न्यायालय ने कहा है कि वह खासतौर पर जब मिड-डे मील की बात है तो किसी को अपनी आंखों में धूल नहीं झोंकने देगा.