भारतीय उद्योग परिसंघ के तत्वावधान में बजट के बाद केंद्र सरकार के साथ बैठक की. इस अजेंडे में ग्रामीण क्षेत्रों में पैदा हुए संकट को दूर करने के लिए ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत अतिरिक्त धन आवंटन की मांग की गई है.महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम-2005 के तहत धन और रोजगार के मसले हमेशा किसान संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा उठाए जाने वाले गए मुद्दे रहे हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब कॉरपरेट समुदाय ने इस मांग पर जोर दिया है. केंद्र को चालू वित्त वर्ष में मनरेगा के लिए आवंटन 25,000 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 98,000 करोड़ रुपये करना पड़ा था.