झारखण्ड राज्य के जिला हज़ारीबाग़ प्रखंड विष्णुगढ़ से मोबाइल वाणी के माध्यम से नीतू बता रही हैं की दिव्यांग लोगों को समाज के द्वारा उनके दिव्यांगता का मजाक उड़ाया जाता है और ताना भी दिया जाता है। किसी भी कार्य में नहीं बुलाया जाता है ये सब भेदभाव को कम करने के लिए समाज में जागरूकता लाना पड़ेगा और इनके िक्षा और काबिलियत को भी समझना होगा

झारखण्ड राज्य के जिला चतरा के गम्हरिया से गुंजन कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि इनके माता पिता अपनी बेटी को पढ़ाना नहीं चाहते थे पर यह कार्यक्रम सुन कर पढ़्ना चाहते है। अगर इनके माता पिता इनको पढ़ने की अनुमति देते है तो इन्हे बहुत ख़ुशी महसूस होगी

झारखण्ड राज्य के चतरा जिला के गान्धारिया पंचायत से संगीता कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये कहना चाहती है कि उनके माता पिता मार पिट करते थे परन्तु कार्यक्रम सुन कर बात समझ में आयी कि बच्चों को मारना पिटना अपराध है ,बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए

झारखण्ड राज्य के चतरा जिला से सुमन कुमारी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि उनके पिता पढ़ाने के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन जब यह मोबाइल वाणी का कार्यक्रम सुना तो उनके पिता ने आगे पढ़ाने के लिए तैयार हो गए हैं।

झारखण्ड राज्य के चतरा जिला से गुंजन कुमारी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि मोबाइल वाणी के माध्यम से उनके पिता अपने बेटियों को आगे पढ़ाने के लिए तैयार है

झारखण्ड राज्य के चतरा जिला से कुसुम मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि मोबाइल वाणी के माध्यम से यह जानकारी मिली की हमें अपने बेटियों को बाहर पढ़ने के लिए प्रेरित करनी चाहिए। जिस कारण उनके माता पिता भी यह जानकर अपने बेटियों को बाहर पढ़ाने के लिए तैयार हैं

झारखण्ड राज्य के चतरा जिले से अंजलि कुमारी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि इन्होने ग्राम वाणी में अपने गाँव के डीलर के बारे में शिकायत किया था। परिणामस्वरूप अब डीलर अच्छे से चावल दे रहा है। इस प्रकार डीलर समझ गया है कि महिला और किशोरी जागरूक हो गई है। इन्होने जागरूक करने,और गरीबों को राशन उपलब्ध करवाने में सहायता करने के लिए ग्राम वाणी को धन्यवाद दिया।

झारखण्ड राज्य के चतरा जिले से अनीता यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बता रही है की उनके गाँव में एकमहिला आगे की पढाई करना चाहती थी पर उसके ससुराल वाले पढ़ने नहीं देना चाहते थे। अनीता यादव जि उनके ससुराल वालों को बहुत सम्जहयी और उनके ससुराल वाले मान गए आज वो महिला ग्रेजुएट कर चुकी है और जॉब भी कर रही है। इसी प्रकार जो लड़कियां पढ़ना चाहती है और उनके घर वाले शादी करना चाहते है तो हम महिलाएं वार्ड की समझती हैं और इस इस तरह ऐसे आज वो लड़की भी पढाई कर रही है।आज अनीता यादव जि अपने सामाजिक मुद्दों जैसे डायन प्रथा, दहेज़ प्रथा ,बाल विवाह , घरेलू हिंसा इन सब पर महिलाओं से बैठ कर चर्चा करती हूँ