झारखण्ड राज्य के सराईकेला-खरसावां ज़िला के गमहरिया प्रखंड से सुजाता ज्योत्सि ने अब मेरी बारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि समाज की एक रूढ़िवादी भावना यह हैं कि लड़कों के जन्म होने पर उनकी पढाई और नौकरी की चिंता करते हैं पर लड़कियों के जन्म होते ही उनकी शादी की तैयारियाँ। यह भेदभाव बहुत ही गलत हैं। इसलिए अब मेरी बारी अभियान के माध्यम से ज़्यादा से ज़्यादा लड़कियाँ जागरूक हो और अपना निर्णय खुद से लेकर अपने जीवन में आगे बढ़े। परिवार के दबाव में आ कर कोई ग़लत फ़ैसला लेने से बचे।सुजाता ने यह भी बताया कि कई क्षेत्रों में अभी भी बाल विवाह होता हैं जिस कारण कुपोषित बच्चों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही हैं।