भारत में गरीबी रेखा से नीचे वाले घरों में रहने वाले बुजुर्गों के लिए सरकार ने इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना की शुरूआत की. हालांकि पेंशन योजना के तहत राशि इतनी कम है कि बैंक जाने-आने में ही उतने पैसे खर्च हो जाएं पर मसला ये नहीं है. बल्कि समस्या ये है कि इस योजना का लाभ पाने वालों की संख्या बहुत कम है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

बीड़ी मजदूर और सुलगते सवाल कार्यक्रम में आज का विषय है, बीड़ी श्रमिक जॉब कार्ड! जब हम इस बारे में बात करने के लिए बीड़ी श्रमिकों के बीच गए तो पता चला कि अधिकांश को इस व्यवस्था के बारे में पता ही नहीं है. उन्हें नहीं पता है कि बीड़ी श्रमिक जॉब कार्ड भी बनता है. वे नहीं जानते कि इस कार्ड के जरिए उन्हें श्रमिकों के लिए बनाई गईं सरकारी योजनाओं का फायदा मिल सकता है. वे नहीं पता कि इस कार्ड के जरिए उनके बच्चों को स्कूल में स्कॉलरशिप मिल सकती है... ये सारी बातें आप खुद ही सुनिए बीड़ी श्रमिकों जुबानी..

कोरोना संकट के बीच देश में करोड़ों गरीब बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें स्कूल बंद होने और सरकारी लेटलतीफी के कारण मिड-डे मील मिलना मुश्किल हो गया है। मोबाइल वाणी के अगस्त -सितंबर 2020 के बीच हुए सर्वे में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। बिहार , उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखण्ड में लॉकडाउन के कारण करीब 63 % बच्चों को मिड डे मील के बदले,सूखा राशन या कोई मौद्रिक सहायता नहीं मिल पाया है।