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आज की कड़ी में हम

नमस्कार साथियों, देश में एक ओर चुनावी तैयारियां चल रही हैं तो वहीं दूसरी ओर हजारों मतदाता अपने—अपने हक के लिए धरना दिए बैठे हैं. किसान इस बात से परेशान ​हैं कि सरकार उन्हें कॉरपोरेट के हाथों की कठपुतली बनाने की तैयारी कर रही है और गरीब इस बात से दुखी हैं कि उनकी थाली में राशन नहीं पहुंच रहा. इन सबके बीच मध्यम वर्ग में जीने वाला आदमी अब बढ़ती हुई महंगाई से त्रस्त हो गया है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

साथियों , ग्राम पंचायत के विकास योजना में नागरिकों की जरूरतों और उनकी प्राथमिकताओं का उपलब्ध संसाधनों के साथ मेल खाना जरूरी है। आज की कड़ी में हमलोग जानेंगे कि भारत में तीनों स्तरों पर पंचायत की संरचना क्या है? और किस प्रकार से यह हमारे देश में संचालित हो रहा है ? आप हमें बताएं कि क्या आप अपनी पंचायत में होने वाले कार्यो के बारे में जानते है या उसकी योजना बनाते समय आपकी राय ली जाती है? साथ ही क्या आप अपनी परेशानी पंचायत के साथ साझा कर पाते है औ क्या आपकी बात वहां सुनी जाती है ? और आपके मुखिया में क्या क्या गुण होने चाहिए ?

देश का आम बजट आ चुका है और हर बार की तरह इस बार भी आम आदमी को इस बजट में अपने लिए कुछ खास नजर नहीं आ रहा है. महंगाई अपनी जगह है, नौकरियां अब भी दूर की कौड़ी नजर आ रही हैं और खेती किसानी करने वालों के हाल क्या हैं...ये तो पूरी दुनिया देख रही है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

जब किसान हाथों में कुदाल लेकर खेतों में उतरता है तो धरती हरी—भरी हो जाती है और जब वही किसान हाथ में झंडे लिए सड़कों पर उतरता है तो सरकार हिल जाती हैं. ये जमी कई किसान आंदोलन देख चुकी है पर आज जो हो रहा है वो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ! हमारा किसान, हमारी ही सरकार से इतना निराश कभी नहीं था, जितना आज है... क्या आप उसके साथ हैं? अगर हां तो अपनी बात रिकॉर्ड करें, फोन में नम्बर 3 दबाकर.

कृषि विधेयक के खिलाफ एक बार फिर किसानों का रोष आक्रोश में बदल रहा है. वे गांवों से निकलकर दिल्ली कूच करने की तैयारी में है.. हम आप से जानना चाहते हैं कि आप किसके साथ हैं?