कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आशंकाएं जताई जा रही है. तीसरी लहर में वायरल के फैलते खतरे की तरह,  फेक खबरों का खतरा बढ़ता जा रहा है. सोशल मीडिया, व्हाट्सऐप पर तीसरी लहर को लेकर कई भ्रामर और फेक खबरें फैलाई जा रही है. ऐसी ही एक खबर  यूट्यूब चैनल के जरिए फैलाई जा रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है. इस वीडियो की जब जांच की हुई तो इसकी सच्चाई सामने आ गई. खबर बिल्कुल फेक हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

रबी की फसलों की एमएसपी सरकार द्वारा घोषित की जा चुकी है. विशेषज्ञों और किसान नेताओं ने पिछले साल की एमएसपी से तुलना कर यह भी बता दिया कि किसानों को कुछ भी नहीं मिला है. कमरतोड़ महंगाई की दर को जोड़ते हुए वास्तविक कीमतों के आधार पर रबी की 6 फसलों में से 4 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल के मुकाबले कम घोषित की गई है.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कोविड लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री जन-धन योजना के महिला खाताधारकों को तीन किस्त में 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता देने के मामले में बड़ी विसंगतियां सामने आई हैं.कोरोना महामारी के चलते उत्पन्न हुई अप्रत्याशित स्थिति में भारत सरकार ने पीएमजेडीवाई महिला खाताधारकों को तीन किस्त में 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के 77वें दौर के सर्वेक्षण में जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि 2019 में 50 प्रतिशत से ज्यादा कृषि परिवार कर्ज में थे और प्रत्येक कृषि परिवार पर बकाया ऋण की औसत राशि 74,121 रुपये थी. 10 सितंबर को एनएसओ की ओर से जारी ग्रामीण भारत में परिवारों की स्थिति का आकलन और परिवारों की भूमि जोत, 2019 के निष्कर्ष में यह बात कही गई है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि पीएम के नाम पर कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री रामबाण सुरक्षा योजना के अंतर्गत कोरोनावायरस के निःशुल्क इलाज के लिए सभी युवाओं को 4000 रु की मदद राशि मिलेगी. सोशल मीडिया पर ये पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है. पीआईबी ने बताया है कि ये खबर पूरी तरह से फेक है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

यूनिसेफ की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 14 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के बीच में कम से कम 80% बच्चों ने कोविड-19 महामारी के दौरान शारीरिक रूप से स्कूल में मौजूदगी की तुलना में निम्न स्तर की शिक्षा ग्रहण करने के बारे में सूचित किया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकारी, निजी एवं नागरिक समाज के अगुआ लोगों के एक साथ आकर दूरस्थ शिक्षण संसाधनों की एक विस्तृत श्रृंखला को शुरू करने के बावजूद, विद्यार्थी कोविड-19 महामारी के कारण मार्च 2020 से स्कूलों के भौतिक रूप से बंद होने के दौरान पढ़ाई-लिखाई में पिछड़ रहे हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सरकार ने बुधवार को चालू फसल वर्ष 2021-22 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपये बढ़ाकर 2,015 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया. इसके अलावा सरसों का एमएसपी 400 रुपये बढ़ाकर 5,050 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है.सीसीईए ने फसल वर्ष 2021-22 और 2022-23 विपणन सत्रों के लिए छह रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा है कि साल 2021 के गत आठ महीनों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की शिकायतों में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इनमें से आधे से अधिक शिकायतें उत्तर प्रदेश से आई हैं. महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि शिकायतें बढ़ रही हैं क्योंकि आयोग नियमित रूप से जागरूकता अभियान चला रहा है और अब लोग इसके काम के बारे में ज्यादा जागरूक हो गए हैं। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

हर इंसान की चाहत होती है कि उसके अकाउंट में इतने पैसे हो कि वो अपनी हर जरूरत को पूरा कर सके. इसलिए वो अपनी आमदनी का कुछ हिस्सा बचत में डालते है या फिर निवेश करते हैं. बचत करना और निवेश करना अच्छी बात है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।  लेकिन कभी-कभी हम रकम डबल करने के चक्कर में फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

कोरोनावायरस महामारी तीसरे साल यानी 2022 में भी जारी रहेगी और बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित करती रहेगी।यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन मेडिसिन के हेल्थ रिचर्स सेंटर इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवेल्युएशन ने यह अनुमान लगाया है. आईएचएमई के निदेशक क्रिस्टोफर जेएल मरे ने अपने नवीनतम आकलन में कहा, अगर हम साल 2022 को देखें तो बहुत सी बातें स्पष्ट करती हैं कि अगले वर्ष भी कोविड-19 का अच्छा खासा ट्रांसमिशन होगा. विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।