इन दिनों देश के कई राज्यों में स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीजों की संख्या दिन दोगुनी रात चौगुनी रफ्तार से बढ रही है. अब तक स्वाइन फ्लू के देश भर से 9 हजार मामले प्रकाश में आ चुके हैं जबकि 312 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे गंभीर हालात राजस्थान के हैं. यहां 107 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है जबकि 2 हजार से ज्यादा लोग बीमार हैं. वहीं दूसरी ओर गुजरात में 55 और पंजाब में 30 लोगों की मौत हो चुकी है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश जारी किए हैं. इसके लिए अस्पतालों में बेड की संख्या में इजाफा किया गया है साथ ही स्वाइन फ्लू पीड़ितों के लिए अलग से वॉर्ड भी बनाएं जा रहे हैं. राज्य सरकारें जनता को स्वाइन फ्लू से बचने के लिए जागरूक कर रही हैं और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

नोटबंदी का दौर देश की जनता आज तक नहीं भूल पाई है. आखिरी बार उसी वक्त देश के ज्यादातर एटीएम खाली हो गए थे और बाकी आधे बंद हो गए थे. लेकिन आरबीआई का नया आदेश एक ​बार फिर से यही स्थिति पैदा कर सकता है. नए नियमों के मुताबिक अब एटीएम का संचालन करने वाली कंपनियों को नोट रखने के लिए दोगुने कैसेट लेकर जाने पड़ रहे हैं. जिससे उनका खर्च ज्यादा और मुनाफा कम हो गया है. यदि आरबीआई ने अपने नए नियमों पर दोबारा विचार नहीं किया तो कंपनियां 1 मार्च से एटीएम का संचालन बंद कर देंगी. हालांकि नियमों पर विचार करने के लिए कंपनियों ने सरकार से भी आग्रह किया है.

नेपाल में पहले ही नए भारतीय नोटों पर बैन लगने से पर्यटकों की दिक्कत बढ गई है, अब ऐसे में नेपाल सरकार ने अपने देश में भारतीयों के लिए वर्क परमिट अनिवार्य कर दिया है. भारतीय कामगारों और मजदूरों के लिए अच्छी नहीं है, क्योंकि बिहार और झारखंड से नेपाल जाने वाले मजदूरों की संख्या बहुत ज्यादा है. नेपाल के श्रम और व्यावसायिक सुरक्षा विभाग ने देश के अलग-अलग सेक्टर्स में काम करने वाले सभी भारतीय कामगारों के वास्तविक संख्या जुटाना शुरू कर दिया है. अगर कामगारों के पास वर्क परमिट नहीं होगा तो संस्थान को बता दिया जाएगा कि वे इनका वर्क परमिट ले लें. इसके पहले भारत और नेपाल में विशेष संधि हुई थी. जिसके तहत भारतीय नागरिकों को नेपाल में और नेपाली नागरिकों को भारत में काम करने के लिए किसी तरह के परमिट की जरूरत नहीं पड़ती थी. लेकिन अब नेपाल में काम करने वाले भारतीय मजदूरों को सरकार से वर्क परमिट लेना होगा.

अमेरिका के बाद अब श्रीलंका में वीजा नियमों का उल्लंघन करने वाले भारतीयों पर कार्रवाई तेज हो गई है. हाल ही में श्रीलंका के उवा प्रांत में नौ भारतीयों को कथित रूप से बिना वीजा के देश में रहने के लिए गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों की उम्र 20 साल के आसपास है. आवश्यक कार्रवाई करने के बाद इन आरोपियों को भारत डिपोर्ट कर दिया जाएगा. इसके पहले अमेरिका में भी बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों पर कार्रवाई हो चुकी है. इन छात्रों को एक स्टिंग आपरेशन के तहत पकड़ा गया था, जिसकी भारत ने निंदा की थी. भारत ने इन छात्रों के लिए जरूरी न्यायिक मदद दी है.

आने वाले समय में आपके लिए एटीएम कैश निकालना महंगा पड़ सकता है. दरअसल नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने सरकार से कैश विद्ड्रॉअल्स के लिए इंटरचेंज फीस बढ़ाने की सिफारिश की है. इंटरचेंज फीस वह राशि होती है, जो एटीएम ऑपरेटर्स से प्रत्येक ट्रांजैक्शन के लिए वसूला जाता है. ऐसे में अगर सरकार इंटरचेंज फीस बढ़ाती है तो एटीएम संचालन करने वाली कंपनियों की लागत और बढ़ेगी. ऐसे में इसका बोझ एटीएम से पैसे निकालने वालों को भी उठाना पड़ सकता है. अब तक यह फीस 15 रुपए है, जिसमें इजाफा करके 17 रुपए किए जाने की सिफारिश की गई है. यानि डेबिड कार्ड का एटीएम में 4 से 5 बार नि:शुल्क इस्तेमाल किया जा सकता है और इससे ज्यादा बार इस्तेमाल होने पर कम सक कम 17 रुपए अदा करने होंगे.

बीते कुछ समय में दुनिया भर से खदान हादसों की खबरें आ रही हैं. जिनमें मजदूरों और आम लोगों की मौत होना चिंताजनक विषय बन गया है. यूरोप की कोयला खदान में अचानक विस्फोट होने, चीन की कोयला खदान का छत ढह जाने से 100 से ज्यादा मजदूर पहले ही जान गंवा चुके हैं. भारत की मेघालय कोयला खदान में हुई 15 मजदूरों की मौत का मामला अब भी गर्म है. इस बीच एक और हादसा दक्षिण अफ्रीका की खदान में हुआ है. जहां गैस रिसाव से 5 लोगों की मौत हो गई है. पूर्वी प्रांत मपुमलंगा में मिडलबर्ग शहर के नजदीक गलोरिया कोयला खदान में हुआ है. बताया जा रहा है कि करीब 20 लोगों ने खदान में बिना अनुमति प्रवेश किया था. स्थानीय पुलिस ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है.

केन्द्र सरकार दावा कर रही है कि यूपी वह राज्य है जहां सबसे ज्यादा पेंशन सुविधा लाभ दिया जाता है और वहीं दूसरी ओर आज से यूपी में राज्य कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर महाहड़ताल शुरू कर दी है. शुरुआती दौर में इस हड़ताल में 20 लाख कर्मचारी के शामिल होने का दावा किया जा रहा है. खास बात यह है कि सरकार द्वारा एस्मा लगाने के बावजूद इस हड़ताल को जारी रखा गया है. कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच की इस हड़ताल में करीब 150 संगठन शामिल हुए हैं. 12 फरवरी तक चलने वाली हड़ताल में फिलहाल बिजली व स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित कर्मचारियों को शामिल नहीं किया गया है लेकिन संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार मांगे नहीं मानती है तो आखिरी दिनों में सभी आवश्यक सेवाएं भी ठप कर दी जाएंगी.

खबरें काम की होती हैं, पर तब, जब वे सच्ची हों. लेकिन भारत उन देशों में से है जहां लोग सबसे ज्यादा फर्जी खबरों का सामना करते हैं. इस बात का खुलासा माइक्रोसॉफ्ट की ओर से कराए गए एक सर्वे में हुआ है. कंपनी ने फर्जी खबरों के संबंध में 22 देशों में सर्वेक्षण किया. जिसमें पाया गया है कि 64 प्रतिशत भारतीयों को फर्जी खबरों का सामना करना पड़ा है. इसके साथ ही सर्वे में खुलासा हुआ है कि ऑनलाइन खतरों से होने वाली परेशानियों की शिकायत करने के मामले में भी भारत बाकी देशों से आगे है. खास बात यह है कि यह सर्वे तब आया है जब भारत में आम चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में उन राजनीतिक दलों की योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं जो फर्जी खबरों के माध्यम से विरोधी दलों की छवि खराब करने का प्रयास करते हैं.

अमेरिका में इन दिनों भारतियों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले भारतीय छात्रों का हिरासत में जाना, अवैध रूप से रहने वालों को भारत में डिपोर्ट करने के मामले के बाद अब खुलासा हुआ है कि अमेरिका में भारत से 400 लोग मानव तस्करी के जरिए लाए गए हैं. इस घटना का सबसे दुखद पहलू है कि इस घटना को अंजाम देने वाला भारतीय मूल का व्यक्ति यादविंदर सिंह भाम्बा है. जिसने कोर्ट में स्वीकार किया है कि भारत से 400 लोगों की मानव तस्करी करने के अलावा डोमिनिक गणराज्य, हैती, प्यूर्टो रिको से हुई मानव तस्करी में उसका हाथ है. षड्यंत्र के तहत भाम्बा ने करीब 400 लोगों की 2013 से 2015 के बीच गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में प्रवेश में निजी तौर पर सहायता की. जिसके लिए लोगों ने भारत से अमेरिका ले जाए जाने के लिए 30 हजार से 85 हजार अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया. कोर्ट भाम्बा के खिलाफ अप्रैल में सजा का एलान करेगी.

अमेरिका में वीजा नियमों का उंल्लघन करने वाले 600 भारतीय छात्रों के खिलाफ कार्रवाई का मामला अभी चल ही रहा है कि नई खबर श्रीलंका से आई है. जहां वीजा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 73 भारतीय छात्रों को गिरफ्तार किया गया है. इमिग्रेशन ऐंड एमिग्रेशन डिपार्टमेंट की टीम ने भारतीय मूल के 73 लोगों को मतुगामा की एक फैक्ट्री से गिरफ्तार किया गया. वे वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी वहां रह रहे थे. इससे पहले पिछले महीने इंगिरिया की फैक्ट्री में काम करने वाले 24 भारतीयों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अमेरिका में हुई घटना पर भारत ने पीडित छात्रों को मदद का आश्वासन दिया है. लेकिन श्रीलंका की घटना पर अब तक भारत सरकार की ओर से कोई बयान जारी नहीं हुआ है.