बांग्लादेश में चटगांव के बंदरगाह में बसी मजदूरों की झुग्गियों में अचानक आग लग जाने से 200 झुग्गियां जलकर राख हो गईं. इस हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. बताया जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह ले लगी है. यह हादसा तब हुआ जब मजदूर दिनभर काम करने के बाद रात को अपनी झुग्गियों में आराम से सो रहे थे. गौरतलब है कि बांग्लादेश में सुरक्षा के मानकों का पालन ना के बराबर है, जिससे हर साल इस तरह के हादसे होते रहते हैं. साल 2013 में, राणा प्लाजा कारखाने में हुए हादसे में भी 1,100 से ज्यादा मजदूरों की मौत हो गई थी.

फ्रांस में पेट्रोलियम पदार्थों पर करों के विरोध में शुरू हुआ येलो वेस्ट प्रदर्शन धीरे—धीरे राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और उनकी व्यापार समर्थक नीतियों के खिलाफ जन आंदोलन के रूप में बदल गया है. हजारों लोग सडकों पर उतर आए हैं और बीते तीन माह से जगह—जगह प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते सप्ताह देशभर में करीब 41,500 प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे. जिनके खिलाफ पुलिस ने आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. इन प्रदर्शनों के कारण फ्रांस में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है. हिंसक होते इन प्रदर्शनों में अब वे लोग भी शामिल हो रहे हैं जो देश में लागू हुईं सरकारी नीतियों से खुश नहीं हैं.

जिम्बाब्वे के बचावकर्मियों ने तीन दिन से सोने की खदान में पानी में फंसे आठ अवैध खनिकों को को जीवित बाहर निकाल लिया. अधिकारियों का मानना है कि खदान में 70 लोग फंसे हो सकते है. बचाए गए खनिकों की घटनास्थल पर मेडिकल जांच की गई है. फिलहाल उनकी हालात स्थिर बताई जा रही है. इसके अलावा खदान में फंसे बाकी खनिकों को भी बाहर निकालने का काम जारी है.

चीन के गुआंगडोंग प्रांत में कागज की एक मिल में जहरीली गैस के प्रभाव में आने से सात लोगों की मौत हो गई है. घटना के समय फैक्ट्री के सीवेज एडजस्टिंग टैंक में नौ लोग फंसे हुए थे. अग्निशमन दल ने उन्हें बाहर निकाला लेकिन सात लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई. दो लोगों की हालत सुधर रही है. इसके साथ ही गैस रिसाव के कारणों की भी जांच की जा रही है.

पुलवामा में अटैक के बाद अमेरिका को अपने उन नागरिकों की चिंता हो रही है जो विदेश यात्रा पर हैं. अमेरिका के संघीय विमानन प्रशासन ने एक नोटिस जारी कर कहा है कि आतंकी गुट पाकिस्तान में संभावित हमलों की योजना बना रहे हैं. जिसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने नागरिकों को पाकिस्तान न जाने की सलाह दी है. मंत्रालय ने कहा कि आतंकवादी समूह पाक में हमलों की योजना बना रहे हैं. आतंकवादी परिवहन के हब, बाजार, शॉपिंग मॉल, सैन्य प्रतिष्ठानों, हवाईअड्डों, विश्वविद्यालयों, पर्यटक स्थलों, स्कूलों, अस्पतालों, प्रार्थना स्थलों और सरकारी केंद्रों को निशाना बना सकते हैं. वहीं दूसरी ओर अमेरिका के साथ अफगानिस्तान में युद्ध समाप्त करने को लेकर तालिबान से चल रही वार्ता में, तालिबानी नेताओं ने अगले दौर की बातचीत पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में करने का एलान किया है. अब देखना होगा की अमेरिका के शीर्ष अधिकारी बातचीत के लिए पाकिस्तान जाने के लिए राजी होते हैं या नही?

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ आतंकवादी हमले की पूरी दुनिया में निंदा की जा रही है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि आतंकवादियों की इस हरकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि यह एक जघन्य अपराध है और इस घटना को अंजाम देने वालों को सजा मिलनी ही चाहिए. वहीं दूसरी ओर अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने इस हमले की आलोचना करे हुए कहा कि हम आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है. भले ही पूरी दुनिया इस आंतकी वारदात की निंदा कर रही हो लेकिन सवाल यह है कि जब भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जैश-ए-मुहम्मद को प्रतिबंधित सूची में डालने की अपील करता है तो सुरक्षा परिषद के निर्देशों का हवाला देकर बात टाल दी जाती है. गौरतलब है कि भारत कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में यह स्पष्ट कर चुका है कि जैश-ए-मुहम्मद खतरनाक आतंकी संगठन है, जो जम्मू कश्मीर की जमीन को अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है.

स्कूलों में जिस तेजी से बच्चों के एडमिशन हो रहे हैं, उससे दोगुनी तेजी से स्कूल छोड़ देने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इसका खुलासा एनुअल स्टेटस् ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट में हुआ है. 2007 से अब तक 6-14 साल के बच्चों के स्कूली नामांकन की दर 95 प्रतिशत से ज्यादा रही है. जबकि 2018 में छह से चौदह साल के आयुवर्ग में अनामांकित बच्चों की तादाद 3 प्रतिशत से घटकर 2.8 प्रतिशत पर आ गई है. बीते तीन सालों में प्राथमिक स्तर पर स्कूली पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की तादाद में लगभग डेढ़ गुणा की वृद्धि हुई है जबकि उच्च प्राथमिक स्तर पर बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की तादाद लगभग पौने दो गुणा बढ़ी है. यह रिपोर्ट नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन ने जारी की है. रिपोर्ट के अनुसार साल 2014-15 में प्राथमिक स्तर पर स्कूली पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की दर 4.34 थी जो साल 2016-17 में बढ़कर 6.35 हो गई. इसी तरह अपर प्राइमरी स्तर पर स्कूली पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की दर 2014-15 में 3.77 थी जो 2016-17 में बढ़कर 5.67 हो गई है. माध्यमिक स्तर पर भी स्कूली पर स्कूली पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की दर बढ़ी है. तीन सालों में माध्यमिक स्तर पर यह दर 17.86 से बढ़कर 19.89 हो गई है. आठ साल तक की शुरुआती पढ़ाई पूरी ना कर पाने वाले बच्चों में लड़कों की तुलना में लड़कियों, खासकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों की संख्या ज्यादा है. पढ़ाई छोड़ने वाले ज्यादातर बच्चे झारखंड से हैं. सर्वेक्षण में सामने आया है कि पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं होने के कारण 23.80 प्रतिशत लड़के और 15.60 प्रतिशत लड़कियां पढ़ाई छोड़ देती हैं. जबकि घरेलू कामकाज के कारण 29.70 प्रतिशत लड़कियां और आमदनी जुटाने के लिए 31.00 प्रतिशत लड़कों ने स्कूलों को अलविदा कर दिया है.

जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में अवन्तीपुरा के गोरीपुरा इलाके में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला हुआ है. हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए हैं. सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले में करीब 350 किलो IED (Improvised Explosive Device) का इस्तेमाल हुआ. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली और इसे आत्मघाती बताया. रक्षा अधिकारी ने हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है. उधर, पीएम नरेंद्र मोदी सहित कई राजनेताओं ने हमले की निंदा की है. रिपोर्ट के अनुसार उरी के बाद यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है. घायलों का श्रीनगर स्थित सेना के अस्‍पताल में इलाज चल रहा है. सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों को ले जा रही बस को मुख्‍य रूप से निशाना बनाया गया था. हमले में कई अन्‍य वाहन भी क्षतिग्रस्‍त हुए हैं. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ जवानों को निशाना बनाकर किए गए आईईडी विस्फोट की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. बता दें कि यह हमला श्रीनगर से सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर हुआ है. रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. इस बीच पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सहलाहकार अजीत डोभाल से भी बात की.  मोबाइल वाणी परिवार इस घटना की कड़ी निंदा करता है।

राजस्थान में चल रहे गुर्जर आंदोलन की वजह से रेलवे ने बुधवार को 31, गुरुवार को 11 और शुक्रवार को दो ट्रेनें रद्द कर दी हैं. जबकि दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनों के मार्ग में भी बदलाव किया गया है, जिससे उनके समय में भी परिवर्तन हो गया है. गुर्जर आंदोलनकारी कई स्थानों पर ट्रैक पर कब्जा किए हुए हैं. जिसके कारण ट्रेनों की आवाजाही रुक गई है. जिससे राजस्थान, मध्य प्रदेश, मुंबई और दक्षिण भारत की ओर जाने वाले यात्री पिछले पांच दिनों से परेशान हैं. जिन ट्रेनों का मार्ग बदला गया है, समय में बदलाव हुआ है या फिर जिन्हें रद्द किया गया है उनकी जानकारी रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है. रिजर्वेशन करवाने वाले यात्रियों को फोन पर रेलवे की तरफ से एसएमएस भी भेज दिए गए हैं.

इन दिनों भले ही आप सर्द हवाओं का सामना कर रहे हैं लेकिन वैज्ञानिकों की माने तो हमारी धरती सबसे गर्म दशक का सामना कर रही है और आने वाले समय में यह हालात और गंभीर होंगे. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 2014 से 2023 तक का दशक 150 सालों के रिकॉर्ड में सबसे गर्म रह सकता है. साथ ही ऐसी आशंका जताई गई है कि अगले पांच सालों के लिए धरती की सतह का वैश्विक औसत तापमान औद्योगिकरण से पूर्व के तापमान स्तर से एक डिग्री सेल्सियस ऊपर रहेगा. यह पर्यावरण असंतुलन के कारण हो रहा है. वैज्ञानिकों ने चेताया है कि यदि समय रहते पर्यावरण को बचाने और प्रदूषण को कम करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो इंसान का जीना मुश्किल हो सकता है.