कई देशों में कोरोना के बूस्टर शॉट देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और कई देशों में अब भी इस पर विचार किया जा रहा है। अब भारत में भी दो खुराक के बाद तीसरी खुराक देने की योजना बनाई जा सकती है। इसके लेकर अगले हफ्ते एक मीटिंग होगी जिसमें यह निर्णय लिया जाएगा। भारत में कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक को लेकर प्रशासन एक नीति बना सकता है। भारत में कोरोना की तीसरी खुराक अतिरिक्त शॉट के रूप में उन लोगों को दिए जाने की बात की जा रही है जिनकी प्रतिरक्षा शक्ति कमजोर है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

उत्तर भारत के कई राज्यों में जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है वैसे-वैसे प्रदूषण और विजिबिलिटी से आम लोगों की परेशानी लगातार बढ़ रही है. मौसम विभाग के मुताबिक, आज (गुरुवार को) सुबह दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में विजिबिलिटी 600 से 1000 मीटर दर्ज की गई. जिसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को एक से दूसरे शहर आने-जाने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को अपनी हेडलाइट जलाकर आगे बढ़ना पड़ रहा है. वहीं खेतों में भी धुंध की चादर बिछ जाने से ग्रामीणों को भी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है.वहीं अगर न्यूनतम तापमान की बात करें तो दो दिनों बाद आज सुबह न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कई लोगों ने पिछले कुछ दिनों में कोरोनोवायरस बीमारी के खिलाफ टीका प्राप्त करने के बाद अपनी 'चुंबकीय शक्ति' दिखाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है.कई लोगों ने पिछले कुछ दिनों में कोरोनोवायरस बीमारी के खिलाफ टीका प्राप्त करने के बाद अपनी 'चुंबकीय शक्ति' दिखाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है. सोशल मीडिया पर लोगों ने तस्वीरें शेयर करते हुए बताया है कि वैक्सीन लगवाने के बाद उनके शरीर से सिक्के और कई चीजें चिपक रही हैं. जानिए क्या है आखिर सच्चाई।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

भारत ने मंगलवार को कोरोना वायरस बीमारी (कोविड -19) के 8,865 ताजा मामले दर्ज किए, जो 287 दिनों का निचला स्तर है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश का मौजूदा सक्रिय मामलों की संख्या 1,30,793 भी 525 दिनों में सबसे कम थी। इसके अलावा, सक्रिय मामले की संख्या 0.38 प्रतिशत मार्च 2020 के बाद से सबसे कम थी जब देश में पहली बार महामारी आई थी। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

ट्रेनों के जनरल कोच में सफर करने वाले यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। अगर सबकुछ सही रहा तो यात्रियों को कम पैसे में ही एसी कोच में सफर का आनंद मिल सकता है। क्योंकि रेलवे जनरल कोच को एसी कंपार्टमेंट में बदलने की तैयारी में है। रेलवे लंबी दूरी की ट्रेनों में जनरल कोच यानी सामान्य डिब्बों को एसी डिब्बों (एसी कोच) में बदलने का विकल्प तलाश रहा है, ताकि उन यात्रियों को आरामदायक सफर प्रदान की जा सके जो अधिक किराया देने में सक्षम नहीं हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार नवजात शिशुओं को सुरक्षित रखने में तो सफल हुआ है, किंतु उनके पोषण के मामले में अभी भी काफी पीछे है. राज्य में शिशु मृत्युदर (आईएमआर) प्रति हजार 29 है तो दूसरी ओर यहां के 41 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं.बिहार में शिशु मृत्युदर के मामलों में बीते दस सालों में 23 अंकों की कमी आई है. सैम्पल रजिस्ट्रेशन सर्वे की एक रिपोर्ट के अनुसार अब यह आंकड़ा 2009 के 52 से घटकर 2019 में प्रति हजार 29 पर आ गया है. किंतु कुपोषण के मामले में स्थिति भयावह है. देशभर में कुपोषित बच्चों की संख्या महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात में सर्वाधिक है. बिहार में पांच साल से कम उम्र के 41 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

कोविड महामारी के चलते कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से ही काम करने की सुविधा दी हुई है. इस दौरान कई ऐसे प्रोजेक्‍ट या नौकरियां सामने आ रही हैं, जिसमें लोगों को घर बैठे ही काम करना है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

मनरेगा के ज़रिए ग्रामीण इलाके के एक परिवार को एक साल के भीतर रोजगार मांगने पर कम से कम 100 दिन का रोजगार देने का प्रावधान है. सभी परिवारों को 100 दिन का रोजगार भी नहीं मिल पाता है. अशोका यूनिवर्सिटी के इकनोमिक डिपार्टमेंट का अध्ययन बताता है कि साल 2020-21 में महामारी की वजह से मनरेगा में पिछले 5 सालों में सबसे अधिक काम मिला.विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

सोशल मीडिया के इस जमाने में अक्सर मैसेजेस वायरल होते रहते हैं. कुछ मैसेज तो लोगों को जानकारी देने का काम करते हैं, लेकिन कुछ मैसेज भ्रमित करने वाले भी होते हैं. व्हाट्सएप की अगर बात करें तो आज के समय में अधिकतर लोग इसका इस्तेमाल करने लगे हैं और भ्रमित करने वाले वायरल मैसेज अक्सर देखने को मिल जाते हैं। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार शुरू होने से पहले, संयुक्त किसान मोर्चा, जोकि 40 से अधिक किसान यूनियनों का एक सामूहिक मंच है और जो तीन विवादित कृषि-क़ानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर व्यापक आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है, ने लखनऊ में 22 नवंबर को किसान महापंचायत करने की घोषणा की है. टिकैत ने ट्वीट कर कहा है कि, 22 नवंबर को होने वाली किसान महापंचायत अपने आप में ऐतिहासिक होगी.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।