इस साल डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी के साथ ही, पपीता पत्तियों की तस्वीर के साथ 2012 का एक फेसबुक पोस्ट फिर से वायरल है. इसे पहले पोस्ट किए जाने से अबतक इसके 9,95,000 के करीब शेयर हो चुके हैं. यह फेसबुक पोस्ट, टाइम्स ऑफ इंडिया के एक लेख को सूचना का स्रोत बताते हुए सुझाव देता है कि पपीता पत्तियों के रस से डेंगू का चमत्कारिक इलाज हो सकता है.

पराली जलाने की समस्या का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले चार सालों में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और हरियाणा की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी रही है. इस राशि में से 1,050.68 करोड़ रुपये पंजाब को दिए गए थे, लेकिन यहां अभी भी भारी तादाद में खेतों में पराली जलाए जा रहे हैं. विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सूचना के अधिकार कानून के तहत पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में बताया है कि देश में 33 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं और इनमें से आधे से अधिक अत्यंत कुपोषित की श्रेणी में आते हैं. कुपोषित बच्चों वाले राज्यों में महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात शीर्ष पर हैं. महिला और बाल विकास मंत्रालय ने निर्धन से निर्धनतम लोगों में कोविड महामारी से स्वास्थ्य और पोषण संबंधी संकट और अधिक बढ़ने संबंधी आशंका जताते हुए अनुमान व्यक्त किया कि 14 अक्टूबर, 2021 की स्थिति के अनुसार देश में 17,76,902 बच्चे अत्यंत कुपोषित तथा 15,46,420 बच्चे अल्प कुपोषित हैं.

साल 2020 में 11,716 व्यापारियों ने आत्महत्या कर लिया जो इसके पिछले साल की तुलना में 29 फीसदी अधिक है.राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 में 9,052 व्यापारियों ने आत्महत्या की थी, लेकिन साल 2020 में इस तरह के मामलों में 2,664 की बढ़ोतरी हुई है. मालूम हो कि यह वही समय था, जब देश में कोरोना महामारी ने दस्तक दी थी और व्यापक स्तर पर लोगों को नुकसान झेलना पड़ा था.

इस समय भारतीय सेना में भर्ती के लिए 2 वर्ष की आयु सीमा में छूट दिए जाने की खबर वायरल हो रही है. इस खबर में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार की तरफ से आयु सीमा में 2 वर्ष की छूट दिए जानें का एलान किया गया है। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

नोटबंदी की घोषणा के पांच साल बाद भी अर्थव्यवस्था में कैश की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले महीने आठ अक्टूबर को समाप्त हुए पखवाड़े पर नकदी 28.30 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर रही, जो कि नोटबंदी से पहले चार नवंबर 2016 की तुलना में 57.48 फीसदी अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार उस समय जनता के हाथों में 17.97 लाख करोड़ रुपये की नकद राशि उपलब्ध थी, जो कि अब 10.33 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई है.

डिजिटल इंडिया के लेटरहेड के साथ वायरल हो रहे एक समझौते वाले पत्र में दावा किया जा रहा है कि पत्र डिजिटल इंडिया वाई-फाई नेटवर्क द्वारा भेजा गया है. यह आपको सूचित करने के लिए है कि मोबाइल टावर स्थापित करने के लिए आपकी भूमि का सर्वेक्षण किया गया है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेता और गौतम बुद्ध नगर से सांसद डॉ. महेश शर्मा के आवास का घेराव करने तथा मुख्य मार्ग पर यातायात बाधित करने के आरोप में नोएडा के सेक्टर 20 थाने में करीब 600 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. अपर पुलिस उपायुक्त रणविजय सिंह ने बताया कि 81 गांवों के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 64 दिन से नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

देश में जबसे कोरोना वायरस ने दस्तक की है, तभी से साइबर ठगी के मामले बढ़ने लगे हैं. लोगों के साथ ठगी करने के फ्रॉड्टर्स अलग-अलग उपाय निकाल रहे हैं. ऐसे में लोगों को मैजेस, कॉल आ रही है, जिसके जरिए उनके अकाउंट बैलेंस खाली हो रहे हैं. अब एक ऐसा फ्रॉड सामने आया है जिससे आपको बेहद बचने की जरूरत है, जी हां साइबर अब लोगों से सरकार की एक योजना का सहारा लेकर लोगों से ठगी कर रहा है. बता दें सरकार की योजनाओं पर लोग आंख बंद करके विश्वास कर लेते हैं. इसी का फायदा उठाते हैं साइबर फ्रॉड. ऐसे ही आपको अपने को लेकर सावधानी बरतनी होगी. ये साइबर फ्रॉड आपका बैंक बैलेंस भी खाली करा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि सतत विकास के मानकों के अनुसार भारत में शिक्षा के मामले में अभी भी कमी है, क्योंकि देश ने समावेशी शिक्षा का लक्ष्य हासिल नहीं किया है. उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि क्या सरकारी स्कूल किसी भी नागरिक के लिए अपने बच्चे को भेजने के लिए पहली पसंद हैं या यह निजी क्षेत्र का स्कूल है, जिसे पहली पसंद माना जाता है? हमारी शिक्षा समावेशी नहीं है. कुछ गांवों और बड़े शहरों में जो शिक्षा प्रदान की जाती है, उनकी गुणवत्ता में कोई अंतर नहीं है. हमें इन सब पर विचार करना चाहिए. जब तक हम इसे हासिल नहीं कर लेते, सतत विकास मानकों के अनुसार शिक्षा के मामले में हम कमजोर रहेंगे.