आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है हमारे नए कार्यक्रम “मेरा मुखिया कैसा हो” में। जहाँ आप अपनी पंचायत से जुड़े मुद्दे और अपने अधिकार के बारे में और अधिक विस्तार से जान पाएंगे .ताकि जब आपके पंचायत का चुनाव आए तो आप सही उम्मीदवार का चयन कर सकें. साथियों , लोकतंत्र का सही अर्थ होता है सार्थक भागीदारी और उद्देश्यपूर्ण जवाबदेही . और इसी भागीदारी और जवाबदेही दोनों को सुनिश्चित करता है जीवंत एवं मज़बूत स्थानीय शासन . सही मायनों में स्थानीय सरकार का अर्थ है, स्थानीय लोगों द्वारा स्थानीय मामलों का प्रबंधन . तो आप हमें बताएं कि क्या आप पंचायत में होने वाले कार्यो के बारे में जानते है ? अपनी पंचायत में होने वाली समस्या के बारे में आपकी भूमिका क्या रहती है ? और स्थानीय शासन या ग्राम पंचायत आम नागरिको को कैसे फायदा पहुंचाता है.
कोरोना की वैक्सीन आ चुकी है, देश में टीकाकरण भी शुरू हो गया है. लॉकडाउन खत्म हुए काफी वक्त गुजर गया पर हालात अभी भी ठीक होते दिखाई नहीं दे रहे. खास तौर पर मजदूर और बेरोजगार युवाओं के लिए. जो लोग रोजी रोटी की तलाश में अपना गांव छोड़कर शहर आए थे उन्हें कोरोना काल में पैदल मीलों का सफर कर गांव जाना पड़ा. सरकार ने वायदा किया था कि उन्हें गांव में ही रोजगार के साधन उपलब्ध करवाए जाएंगे.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
आज अर्थशास्त्र विषय में शिक्षक डॉक्टर विजय कुमार गुप्ता से सुने अर्थव्यवस्था में अतिरिक्त मांग को ठीक करने के बारे में । जल्दी से क्लिक करे ऑडियो पर और सुने आज की कड़ी।
हमारे गांवों में पंचायत चुनावों का बिगुल बज चुका है और शुरू हो गया है भावी प्रत्याशियों का आना जाना! हम यहां ना तो किसी का प्रचार करेंगे ना आपको बताएंगे कि कौन सा प्रत्याशी आपके लिए है उचित! ये तो आपको तय करना है. हम तो बस लेकर आ रहे हैं अपना नया कार्यक्रम जिसका नाम है मेरा मुखिया कैसा हो! इस कार्यक्रम में हम आपसे जानेंगे कि आप अपने गांव के लिए कैसा मुखिया चाहते हैं साथ ही करेंगे चुनावी हलचलों पर कुछ बात... देखें कुछ नई जानकारियां... ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें
दोस्तों, पड़ाव आखिरी है इसका मतलब ये नहीं सफर यहीं खत्म हो गया, बल्कि यहां से तो संघर्ष की नई शुरूआत है. यहां से हमारे सामने खुले हैं कई रास्ते... जिनमें से एक रास्ता है पहल का. साथियों, इस पहल वाले रास्ते पर आपको करना होगा श्रमिक कार्ड बनवाने के लिए आवेदन, आपको जरूरत है एकजुट होने की और संगठित होकर अपने हक के लिए आवाज उठाने की. जिसमें मोबाइलवाणी आपके साथ है.
भारत में गरीबी रेखा से नीचे वाले घरों में रहने वाले बुजुर्गों के लिए सरकार ने इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना की शुरूआत की. हालांकि पेंशन योजना के तहत राशि इतनी कम है कि बैंक जाने-आने में ही उतने पैसे खर्च हो जाएं पर मसला ये नहीं है. बल्कि समस्या ये है कि इस योजना का लाभ पाने वालों की संख्या बहुत कम है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
आज अर्थशास्त्र विषय में शिक्षक डॉक्टर विजय कुमार गुप्ता से सुने अर्थव्यवस्था में चक्रीय उतार चढाव और न्यून मांग को ठीक करने के राजकोषीय उपाय के बारे में । जल्दी से क्लिक करे ऑडियो पर और सुने आज की कड़ी।
शौचालय का इस्तेमाल करने से आखिर हमारे समाज का विकास कैसे जुड़ा है ? और जमुनिआ शौचालय के इस्तेमाल करने से नया बिजनस कैसे शुरू कर सकीं। ये सब जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें
बीड़ी मजदूर और सुलगते सवाल कार्यक्रम में आज का विषय है, बीड़ी श्रमिक जॉब कार्ड! जब हम इस बारे में बात करने के लिए बीड़ी श्रमिकों के बीच गए तो पता चला कि अधिकांश को इस व्यवस्था के बारे में पता ही नहीं है. उन्हें नहीं पता है कि बीड़ी श्रमिक जॉब कार्ड भी बनता है. वे नहीं जानते कि इस कार्ड के जरिए उन्हें श्रमिकों के लिए बनाई गईं सरकारी योजनाओं का फायदा मिल सकता है. वे नहीं पता कि इस कार्ड के जरिए उनके बच्चों को स्कूल में स्कॉलरशिप मिल सकती है... ये सारी बातें आप खुद ही सुनिए बीड़ी श्रमिकों जुबानी..
गुजरात के बाद बिहार ने राज्य में शराब की दुकानों के शटर गिरा दिए. आला मंत्री और अधिकारियों ने सोचा कि अब नशे से छुटकारा मिलेगा पर ऐसा नहीं हुआ. दुकानों के शटर गिराने के बाद राज्य में चोरी छिपे शराब की तस्करी और खरीद-फरोख्त शुरू हो गई है.
